
Chardham Yatra 2025: अक्षय तृतीया के दिन से चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। चारों धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में से सबसे पहले गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं। साल 2025 में 30 अप्रैल को चारधाम के कपाट खोले गए। 29 अप्रैल को हरिद्वार से भक्तों का पहला दल चारधाम यात्रा के लिए रवाना हुआ था। हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी मां माया की पूजा के बाद इस दल ने यात्रा शुरू की। मंगलवार 29 अप्रैल को माता गंगा की भोग मूर्ति विग्रह डोली मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। वहीं माता यमुना की डोली अक्षय तृतीया के दिन सुबह लगभग 8 बजकर 30 मिनट पर उनके शीतकालीन निवास खरसाली गांव से यमुनोत्री धाम लाई गई।
चारधाम यात्रा का शुभारंभ
चारधाम यात्रा की शुरुआत गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुई। सुबह लगभग 10 बजकर 30 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट 6 महीनों के लिए खोल दिए गए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम पहुंचकर पीएम मोदी के नाम से सबसे पहले पूजा की। कपाटोद्धघाटन के मौके पर भारी संख्या में भक्त यहां पहुंचे थे। मंदिर के कपाट खोलते ही जय मां गंगे के जयकारों से पूरा गंगोत्री धाम गूंज उठा। अब आने वाले 6 महीनों तक माता गंगा के भक्त यहां मां गंगा के दर्शन करने आ सकते हैं।
माता यमुना के धाम यमुनोत्री के कपाट सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर खोले गए। माता यमुना के धाम में भी हजारों की संख्या में भक्त मौजूद थे। जय मां यमुना के जयकारों के साथ ही माता यमुना का पवित्र धाम भक्तों के लिए खोल दिया गया।
दर्शन के नियम
चारधाम यात्रा के दौरान आपको मंदिर में देवी-देवताओं के दर्शन के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान आपको मन में भक्ति भाव रखना चाहिए और सात्विक भोजन दर्शन से पहले और दर्शन के बाद करना चाहिए। इसके साथ ही मोबाइल का इस्तेमाल भी न करें। वीडियो और फोटो खींचने से बेहतर होगा कि आप मंत्रों या देवी-देवताओं के नामों का जप करें। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में मूर्ति के दर्शन करते समय उसके बहुत अधिक निकट जाने से भी आपको बचना चाहिए। इसके साथ ही स्थानीय रीति रिवाजों का भी आपको ख्याल रखना होगा।
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