Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. Shrimad Bhagwat Geeta and Shrimad bhagwat: श्रीमद् भागवत और भगवतगीता में क्या अंतर है? यहां जान लीजिए इसका सही अर्थ और महत्व

Shrimad Bhagwat Geeta and Shrimad bhagwat: श्रीमद् भागवत और भगवतगीता में क्या अंतर है? यहां जान लीजिए इसका सही अर्थ और महत्व

Shrimad Bhagwat and Shrimad Bhagwad Geeta: श्रीमद् भागवत और भगवद गीता को लेकर कई लोगों के अंदर असंमजस की स्थिति बनी रहती है कि ये एक या अलग-अलग। तो आज हम आपको बताएंगे किन दोनों में क्या अंतर है।

Written By : Chirag Bejan Daruwalla Edited By : Vineeta Mandal Published : Oct 05, 2024 14:59 IST, Updated : Oct 05, 2024 14:59 IST
Shrimad Bhagwat and Shrimad Bhagwad Geeta  - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Shrimad Bhagwat and Shrimad Bhagwad Geeta

Shrimad Bhagwat Geeta and Shrimad bhagwat Difference: श्रीमद् भागवत को अक्सर भगवद गीता समझ लिया जाता है,क्योंकि भगवद और भागवत दोनों शब्द एक जैसे ही सुनाई देते है लेकिन इन दोनों में बहुत बड़ा अंतर होता है, दोनों ग्रंथ वेद व्यास द्वारा लिखे गए हैं। हालांकि भगवद गीता श्रीमद् भागवत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन दोनों ग्रंथ पूरी तरह से अलग हैं। इस युग के बहुत से लोग वैदिक ग्रंथों या हिंदू धर्मग्रंथों के बारे में ज्यादातर नहीं जानते हैं। इस पीढ़ी के बीच एक आम भ्रम भगवद गीता और श्रीमद्भागवतम के बीच के अंतर को लेकर है। श्रीमद् भागवत को आम तौर पर भगवद गीता के समान ही समझ लिया जाता है। श्रीमद् भागवत को हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक, भागवत पुराण के नाम से जाना जाता है।

भगवद गीता: यह 700 श्लोकों का एक संक्षिप्त ग्रंथ है, जो महाभारत के भीष्म पर्व का हिस्सा है। यह अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण के बीच संवाद के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

श्रीमद् भागवत: यह एक विस्तृत ग्रंथ है, जिसमें 12 स्कंध (खंड) और 18,000 श्लोक हैं। यह मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं का वर्णन करता है।

उद्देश्य-

भगवद गीता: इसका मुख्य उद्देश्य जीवन के नैतिक और दार्शनिक पहलुओं को समझाना है। इसमें कर्म, भक्ति, ज्ञान और योग के विभिन्न मार्गों का वर्णन है।

श्रीमद् भागवत: यह भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और उनके चमत्कारों पर केंद्रित है। इसमें भक्ति योग और भगवान की लीलाओं का गहन विवरण है।

भक्ति का स्तर-

भगवद गीता: यह भक्ति को एक मार्ग के रूप में प्रस्तुत करती है लेकिन इसमें ज्ञान और कर्म का भी महत्वपूर्ण स्थान है।

श्रीमद् भागवत: भक्ति का एक उच्चतम स्तर प्रस्तुत करता है, जिसमें भगवान की प्रेमपूर्ण भक्ति और उनके प्रति समर्पण का वर्णन है।

(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)

ये भी पढ़ें-

Navratri 2024 Rashi: मां दुर्गा की प्रिय राशियां, जिनपर माता रानी बरसाती हैं खास कृपा, कभी नहीं होती किसी चीज की कमी

अपनी शक्तियों पर अहंकार कर रहे थे देवता, तब माता दुर्गा ने एक तिनके से चूर-चूर कर दिया घमंड, रोचक है कहानी

Vastu Tips: इन 5 संकेतों से पता चलता है कि घर में है वास्तु दोष, नजरअंदाज किया तो हर क्षेत्र में हो सकता है नुकसान, जानें उपाय

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement