Tuesday, April 30, 2024
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Moon In Astrology: क्रिएटिव कामों में पाएंगे सफलता, अगर कुंडली के इन भावों में हो चंद्रमा

Moon In Astrology: ज्योतिष में चंद्रमा एक शुभ ग्रह है और कुछ भावों में इसकी स्थिति बेहद शुभ परिणाम दिलाती है। किन भावों में चंद्रमा का होना शुभ माना जाता है, विस्तार से जानें लेख में।

Naveen Khantwal Written By: Naveen Khantwal
Published on: March 30, 2024 14:05 IST
Moon in astrology - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Moon in astrology

चंद्रमा को ज्योतिष शास्त्र में मन, माता और रचनात्मकता का कारक ग्रह माना जाता है। चंद्रमा कुंडली में मजबूत स्थिति में हो तो व्यक्ति को मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है। वहीं कुंडली में मौजूद कमजोर चंद्रमा अस्थिरता पैदा कर सकता है। कुंडली के किन भावों में चंद्रमा की स्थिति शुभ मानी गयी है और किन भावों में बैठकर चंद्रमा जीवन में चुनौतियां पैदा कर सकता है आइए विस्तार से जानते हैं। 

कुंडली के सभी भावों में चंद्रमा का फल

कुंडली के प्रथम भाव में चंद्रमा

प्रथम भाव में बैठा चंद्रमा व्यक्ति को आकर्षक बनाता है। रचनात्मक कार्यों में ऐसे लोग रुचि रखते हैं और क्रिएटिव कार्यों में इनको सफलता भी प्राप्त होती है। ऐसे लोग व्यवहारिक और तार्किक होते हैं इसलिए करियर के क्षेत्र में इनको सफलता मिलती है। हालांकि शारीरिक दुर्बलता इन लोगों में रह सकती है। 

कुंडली के द्वितीय भाव में चंद्रमा

दूसरा भाव आपका परिवार का भाव कहा जाता है, इसलिए शुभ ग्रह चंद्रमा का इस भाव में बैठना आपके पारिवारिक जीवन में स्थिरता लाएगा। सामाजिक स्तर पर ऐसे लोग प्रतिष्ठा पाते हैं। ऐसे लोगों की वाणी मधुर होती है। हालांकि धन से जुड़े मामलों में कुछ दिक्कतें ऐसे लोगों को आ सकती हैं। 

कुंडली के तृतीय भाव में चंद्रमा

कुंडली के तीसरे भाव में चंद्रमा आपको कलात्मक दते हैं। इस भाव में चंद्रमा के होने से व्यक्ति के हर कार्य में नयापन देखा जा सकता है। धन की बचत करने में भी ऐसे लोग अव्वल होते हैं। ऐसे लोगों को साहसी माना जाता है और हमेशा खुश रहने का इनका गुण इन्हें समाजिक स्तर पर मान सम्मान दिलाता है। 

कुंडली के चतुर्थ भाव में चंद्रमा

जिन लोगों के चौथे भाव में चंद्रमा होता है उनका परिवार के प्रति लगाव बहुत अधिक देखा जाता है। ऐसे लोगों को धन कमाने में ज्यादा परेशानियां नहीं आतीं। चौथे घर का चंद्रमा आपको अच्छी मेमोरी देता है। 

कुंडली के पंचम भाव में चंद्रमा

खेल और कला के क्षेत्रों में ऐसे लोगों को सफलता मिलती है। जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर ऐसे लोग समाजिक स्तर पर ख्याति जरूर प्राप्त करते हैं। हालांकि ऐसे लोगों का स्वभाव में चिड़चिड़ापन देखने को मिल सकता है। 

कुंडली के षष्ठम भाव में चंद्रमा

इस भाव में चंद्रमा का होना बहुत अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे लोगों को पैट और आंखों से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। बचपन में भी दिक्कतों का सामना ऐसे लोगों को करना पड़ सकता है। हालांकि ऐसे लोगों की आयु लंबी होती है। इस भाव में चंद्रमा की स्थिति अनुकूल हो तो व्यक्ति को उन्नति प्राप्त होती है। 

कुंडली के सप्तम भाव में चंद्रमा

ऐसे लोगों को अच्छा व्यापारी माना जाता है। पारिवारिक जीवन में भी इनको अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं और परिवार के लोगों के प्रति अपने दायित्वों को ये भली भांति समझते हैं। इन लोगों की शादी जल्दी हो सकती है। हालांकि हर कार्य को करने में जल्दबाजी ऐसे लोग कर सकते हैं। 

कुंडली के अष्टम भाव में चंद्रमा

यहां विराजमान चंद्रमा आपको मिले जुले परिणाम देता है। ऐसे लोगों को कारोबार से लाभ होता है और जीवनसाथी के जरिये भी धनलाभ इन्हें प्राप्त हो सकता है। हालांकि मानसिक परेशानियां ऐसे लोगों को घेर सकती हैं। योग ध्यान करना इनके लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। 

कुंडली के नवम भाव में चंद्रमा

नवम भाव में चंद्रमा के होने से व्यक्ति शारीरिक रूप से फिट होता है। ये अपने कार्यकौशल से पर्याप्त धन कमाते हैं। यात्राओं के जरिये भी इनको लाभ की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही धार्मिक कार्यों में भी ऐसे लोगों की रुचि होती है। 

कुंडली के दशम भाव में चंद्रमा

इस भाव में बैठकर चंद्रमा व्यक्ति को बौद्धिक रूप से अच्छा बनाता है। माता के साथ इनके संबंध बहुत अच्छे होते हैं। हालांकि संतान पक्ष से परेशानियों का सामना ऐसे लोगों को करना पड़ सकता है। 

कुंडली के एकादश भाव में चंद्रमा

यह भाव लाभ का भाव कहा जाता है। इस भाव में चंद्रमा के होने से मान प्रतिष्ठा आपको प्राप्त होती है। साथ ही कलात्मक क्षेत्रों में भी आप सफल हो सकता है। आप रचनात्मक होंगे जिसका लाभ आपको आजीवन मिल सकता है। आर्थिक रूप से भी ऐसे लोग संपन्न होते हैं। 

कुंडली के द्वादश भाव में चंद्रमा

इस भाव में चंद्रमा के होने से राजनीति के क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है। ऐसे लोग आसानी से किसी भी परिस्थिति में ढलने वाले माने जाते हैं। हालांकि चंचलता इनके बुरे पक्षों में से एक है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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