Saturday, April 27, 2024
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Sun In Astrology: कुंडली के इन 4 भावों में हो सूर्य तो राजा की तरह जिएंगे जीवन, देखें आपके किस भाव में है सूर्य

Sun effect in different houses: सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है और कुंडली के सभी भाव में इसका फल भी अलग होता है। किस भाव में सूर्य अच्छे फल देता है और किन भावों में बैठकर ये चुनौतियां दे सकता है, आइए जानते हैं।

Naveen Khantwal Written By: Naveen Khantwal
Updated on: March 28, 2024 6:38 IST
Sun in astrology - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Sun in astrology

सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और कुंडली में सूर्य की स्थिति का भी गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। अगर कुंडली में सूर्य की स्थिति अच्छी है तो व्यक्ति को जीवन में सफलता, ऐश्वर्य, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। वहीं कमजोर सूर्य व्यक्ति को कई चुनौतियों का सामना करवा सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि कुंडली के अलग-अलग भावों में सूर्य का प्रभाव कैसा होता है। 

कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य का फल 

अगर किसी व्यक्ति के पहले भाव में सूर्य विराजमान है तो माता के साथ संबंध अच्छे होंगे। भाग्य का ऐसे लोगों को साथ मिलता है। बचपन में ऐसे लोगों को कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही गर्म ग्रह सूर्य का प्रथम भाव में बैठना आपको क्रोधी बना सकता है, इसलिए क्रोध पर नियंत्रण ऐसे लोगों को रखना चाहिए। 

कुंडली के द्वितीय भाव में सूर्य का फल

अगर कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य विराजमान हो तो जातक मल्टी टैलेंटेड हो सकता है। कलात्मक क्षेत्रों में ऐसे लोगों को सफलता प्राप्त होती है। हालांकि पारिवारिक जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। साथ ही इस भाव में बैठा सूर्य जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है।

कुंडली के तृतीय भाव में सूर्य का फल

तीसरा भाव पराक्रम का होता है और इस भाव में सूर्य के होने से व्यक्ति साहसी बनता है। ऐसे लोग अच्छे शिक्षक हो सकते हैं और अपनी बातों को स्पष्टता से दूसरों के सामने रख सकते हैं। इस भाव में अगर सूर्य अकेला हो तो जीवन में चुनौतियों का सामना कम करना पड़ता है। 

कुंडली के चतुर्थ भाव में सूर्य का फल

चतुर्थ भाव में बैठा सूर्य व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य देता है साथ ही ऐसे लोगों में पैसे की बचत करने का भी अच्छा गुण देखा जाता है। हालांकि ऐसे लोगों को बुरी संगति और बुरी लत से बचकर रहना चाहिए, ये दोनों ही इनके लिए हानिकारक हैं। कुछ नया करके या कोई शोध करके ऐसे लोगों को ख्याति प्राप्त होती है। 

कुंडली के पंचम भाव में सूर्य का फल

पंचम भाव में सूर्य का होना आपको बौद्धिक कौशल प्रदान करता है। ऐसे लोग अच्छे विद्यार्थी होते हैं और शिक्षा जीवन में उपलब्धियां हासिल करते हैं। ऐसे लोगों की सलाह किसी को भी फायदा पहुंचा सकती है। लेकिन इस भाव में सूर्य का होना आपको क्रोधी भी बनाता है इसलिए क्रोध को काबू में ऐसे लोगों को रखना चाहिए।

कुंडली के षष्ठम भाव में सूर्य का फल

ऐसे लोग अपने शत्रुओं पर हावी रहते हैं और इनके स्वभाव में कठोरता भी देखने को मिलती है। ऐसे लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कोई बड़ी परेशानी नहीं होती। हालांकि ननिहाल पक्ष के लोगों के लिए सूर्य का इस भाव में बैठना अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे लोगों को अपनी आंखों का ख्याल भी रखना चाहिए। 

कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य का फल

इस भाव में सूर्य का बैठना बहुत शुभ नहीं माना गया है। सातवें भाव में सूर्य के होने से व्यक्ति अधिक स्वाभीमानी हो सकता है और सामाजिक स्तर पर ऐसे लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। आर्थिक स्थिति और पारिवारिक जीवन के लिए भी सूर्य की यह स्थिति शुभ नहीं मानी गयी है।

कुंडली के अष्टम भाव में सूर्य का फल

आठवें भाव में बैठा सूर्य व्यक्ति को मिले-जुले परिणाम देता है। ऐसे लोग जल्दबाजी में आकर अपना नुकसान कर सकते हैं और हृदय से संबंधित परेशानियां भी आपको रह सकती हैं। हालांकि आर्थिक रूप से आप मजबूत रहते हैं और धन की बचत कर पाते हैं। जीवनकाल में ऐसा व्यक्ति कुछ न कुछ ऐसा कर सकता है जिससे देश-दुनिया में उसका नाम होगा। 

कुंडली के नवम भाव में सूर्य का फल

इस भाव में बैठा सूर्य व्यक्ति को नेतृत्व करने की जबरदस्त क्षमता देता है। ऐसे लोग आध्यात्मिक क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकते हैं। ऐसे लोगों को विदेशों में घूमने का भी अच्छा मौका मिलता है। हालांकि यह स्थिति संतान पक्ष के लिए बहुत अनुकूल नहीं मानी गई है। 

कुंडली के दशम भाव में सूर्य का फल

दशम भाव में सूर्य हो तो व्यक्ति बुद्धिमान होता है। ऐसे लोग सही समय पर सही फैसला लेने वाले माने जाते हैं। सरकारी क्षेत्रों से ऐसे लोगों को लाभ की प्राप्ति होती है। सूर्य की यह स्थिति माता के लिए तब अच्छी नहीं मानी जाती जब ऐसा व्यक्ति गलत कार्य करता है या नकारात्मक विचारों से घिरा रहता है, इससे माता को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

कुंडली के एकादश भाव में सूर्य का फल

एकादश भाव लाभ का भाव कहा जाता है और इस भाव में सूर्य के होने से धनलाभ जातक को प्राप्त होता है। ऐसे लोग कम बोलने वाले और ज्यादा सुनने वाले होते हैं। धार्मिक क्षेत्र में ऐसे लोगों की विशेष रुचि होती है। यह स्थिति संतान पक्ष को कुछ परेशानियां दे सकती है। 

कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य का फल

अगर आप परोपकारी कार्य करते हैं तो सूर्य की यह स्थिति आपको सबकुछ दे सकती है। ऐसे लोगों को अपने शुरुआती जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन उसके बात स्थिति सुधरती है। विदेशी कारोबार करने वालों या घूमने-फिरने के शौकीन लोगों के लिए सूर्य का इस भाव में होना बहुत अच्छा होता है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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