चुनाव आयोग ने बीते 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के शेड्यूल की घोषणा कर दी है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ में दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित कीं। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन में फेज में वोटिंग होगी। 18 सितंबर को 24 सीटों, 25 सितंबर को 26 सीटों और 1 अक्टूबर को 40 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। वहीं, हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए एक साथ 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी। चुनाव आयोग के मुताबिक, हरियाणा में वोटर्स की कुल संख्या 2,03,00,255 है। तो वहीं, जम्मू-कश्मीर में वोटर्स की कुल संख्या 88,66,704 है। हरियाणा में एससी वर्ग के लिए 17 सीटें आरक्षित हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में 7 सीटें एससी वर्ग के लिए और 9 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर दोनों ही जगह वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी। चुनाव आयोग की ओर से महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव की तारीख आगे चलकर घोषित की जाएगी।
नेशनल कांफ्रेंस के विधायकों ने उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया है। इसके साथ ही उमर का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज हरियाणा चुनाव में हार की समीक्षा बैठक करेंगे। इस बैठक में हरियाणा के सभी नेता शामिल होंगे। राहुल गांधी भी इस बैठक में शिरकत करेंगे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम भी हरियाणा के जैसे ही आएंगे।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पार्टी में कलह खुलकर बाहर आ गई है। पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने हुड्डा को कांग्रेस की हार का जिम्मेदार बताया है।
हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। वहीं, अब AAP ने भी कांग्रेस को झटका दिया है और दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है।
हरियाणा चुनाव के नतीजे को लेकर बीजेपी गदगद तो है ही, इस बीच दो निर्दलीय विधायक ने साथ देकर उनकी खुशियों में चार चांद लगा दिया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार पर AIMIM पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है। ओवैसी ने ईवीएम पर लग रहे आरोपों पर भी बयान दिया है।
हरियाणा में कांग्रेस की हार के एक नहीं बल्कि कई कारण सामने आए हैं। हालांकि प्रदेश में हार की मुख्य वजह गुटबाजी को ही माना जा रहा है।
हरियाणा में चुनाव नजीतों को लेकर संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हार पर आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अच्छी लड़ाई लड़ी।
हरियाणा में कांग्रेस बहुमत से पीछे रह गई। प्रदेश में आम आदमी पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ी थी जिसका खामियाजा कांग्रेस को पांच सीटों पर उठाना पड़ा।
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