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Shani Ki Drishti: क्या होती है शनि की दृष्टि, कब होती है खतरनाक, कब दिलाती है लाभ?

Shani Ki Drishti: शनि की दृष्टि क्या होती है और इसका कैसा प्रभाव देखने को मिलता है, इसके बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Apr 05, 2024 18:20 IST, Updated : Apr 05, 2024 18:20 IST
Shani ki drishti - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Shani ki drishti

शनि एक ऐसा ग्रह है जो कुंडली में शुभ हो तो व्यक्ति को रंक से भी राजा बना देता है और अशुभ हो तो राजा को रंक बना देता है। इसके साथ ही शनि मोक्ष दायक भी है और आपकी उम्र पर भी इसकी स्थिति का प्रभाव पड़ता है। कुंडली में शनि जहां बैठता है वहां से तीन घरों या भावों पर भी इसकी दृष्टि होती है।  शनि की दृष्टि क्या है, कब ये खतरनाक हो सकती है और कब शुभ इसके बारे में आइए विस्तार से जानते हैं। 

शनि की दृष्टि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के तीन भावों पर शनि की दृष्टि होती है। शनि तृतीय, सप्तम और दशम दृष्टि से तीन भावों को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, शनि अगर पहले भाव में है तो तीसरे, सातवें और दशवें भाव पर इसकी दृष्टियां होंगी। वहीं दूसरे भाव में बैठकर शनि चौथे, आठवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डालेगा। आइए अब जानते हैं कब शनि की दृष्टि का प्रभाव शुभ होता है और कब खतरनाक। 

शनि की दृष्टि इन स्थितियों में शुभ

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी शनि अपनी राशियों और अपनी उच्च राशि पर दृष्टि डालते हैं तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शनि की राशियां मकर और कुंभ हैं वहीं उच्च राशि तुला है। इसके साथ ही शनि पर अगर गुरु की दृष्टि हो तो, शनि का बुरा प्रभाव कम हो जाता है। ऐसे में इनका किसी भी भाव पर दृष्टि डालना ज्यादा बुरा नहीं होता। 
  • अगर शनि की दृष्टि छठे भाव पर हो तो शत्रुओं का नाश होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है। इसका कारण यह है कि छठा भाव शत्रु और रोगों का कहा जाता है और शनि जिस भी भाव पर दृष्टि डालते हैं उस भाव से जुड़े परिणामों पर असर डालते हैं। ऐसे में शनि की क्रुर दृष्टि भी शुभ बन जाती है। 
  • शनि कुंडली में अगर कुंभ राशि में विराजमान हो तो इसकी दृष्टियों का प्रभाव काफी हद तक शुभ माना जाता है। कुंभ राशि में विराजमान शनि व्यक्ति को सफलता दिलाने वाले माने जाते हैं। 

इन स्थितियों में शनि की दृष्टि अशुभ

  • शनि को उनकी पत्नी का श्राप है कि वो जिस किसी पर भी अपनी दृष्टि डालेंगे उसका जीवन समस्याओं से भर जाएगा। इसलिए ज्यादातर स्थितियों में शनि की दृष्टि का बुरा प्रभाव देखने को मिलता है। 
  • कुंडली में अगर शनि नीच राशि में विराजमान हों तो इनकी दृष्टि का भी बुरा प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसी स्थिति में जिन भी भावों पर शनि की दृष्टि पड़ती है उन भावों से जुड़े बुरे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। 
  • कुंडली में शनि पर शत्रु ग्रहों जैसे सूर्य, चंद्र, मंगल आदि की दृष्टि होने पर भी शनि की दृष्टि बुरे प्रभाव दे सकती है।
  • अगर किसी की कुंडली में शनि अकारक या मारक हैं तो इनकी दृष्टि से परेशानियां पैदा हो सकती हैं।  

शनि को ऐसे करें प्रसन्न

  • शनि की दृष्टि आपके जिस भी भाव पर होती है उससे जुड़े बुरे परिणाम आपको प्राप्त हो सकते हैं। इसलिए कुछ उपाय आपको लाभ दिला सकते हैं। 
  • शनि के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए भगवान शिव की पूजा आराधना करनी चाहिए। शनि भगवान शिव के परम भक्त हैं, ऐसे में अगर आप शिव जी की आराधना करते हैं तो आपके जीवन की कई परेशानियों का अंत हो सकता है। 
  • शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाने से शनि की अशुभता कम होती है। 
  • अगर शनिवार के दिन आप छाया दान करते हैं तो आपको अच्छे परिणाम मिलते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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