
Surya Rahu Yuti: जब जन्म कुंडली में सूर्य और राहु एक ही भाव में स्थित होते हैं, तो इसे ग्रहण योग कहा जाता है। यह योग ज्योतिष में अशुभ माना जाता है क्योंकि राहु एक छाया ग्रह है और यह सूर्य की ऊर्जा को प्रभावित करता है। यह योग व्यक्ति के आत्मविश्वास, मानसिक शांति, करियर, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन पर प्रभाव डाल सकता है। 29 मार्च को मीन राशि में बना ग्रहण योग शनि के मीन राशि में जाते ही और घातक हो सकता है। इस दिन मीन राशि में अमावस्या और पिशाच योग का निर्माण भी होगा। ऐसे में 14 अप्रैल तक 5 राशियों को परेशानियां हो सकती हैं।
ग्रहण योग के प्रभाव:
- व्यक्ति में आत्मबल की कमी हो सकती है।
- व्यक्ति को बार-बार मानसिक चिंता और भ्रम का सामना करना पड़ सकता है।
- सूर्य आत्मा, हृदय और आंखों का कारक है, राहु के प्रभाव से इनसे संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
- व्यक्ति जिद्दी और चिड़चिड़ा हो सकता है।
- पिता के साथ मतभेद हो सकते हैं या पिता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
- निर्णय लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि राहु एक भ्रमित करने वाला ग्रह है।
किन भावों में सूर्य-राहु ग्रहण योग अधिक प्रभावी होता है?
लग्न भाव (1st House) – व्यक्ति की पहचान और आत्मबल प्रभावित हो सकता है।
द्वितीय भाव (2nd House) – धन, परिवार और वाणी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पंचम भाव (5th House) – शिक्षा, संतान और प्रेम संबंधों में बाधाएँ आ सकती हैं।
सप्तम भाव (7th House) – दांपत्य जीवन में संघर्ष और व्यापार में नुकसान हो सकता है।
दशम भाव (10th House) – करियर और समाज में प्रतिष्ठा पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
किन राशियों के लिए ग्रहण योग प्रतिकूल?
ग्रहण योग का प्रतिकूल प्रभाव मिथुन, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशियों पर सबसे अधिक देखने को मिलेगा। 14 अप्रैल तक धन, करियर से जुड़े मामलों को लेकर इनको सावधान रहना होगा। मिथुन राशि के लोग कार्यक्षेत्र में मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। वहीं कन्या राशि के जातकों को दांपत्य जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। वृश्चिक राशि के जातकों के शिक्षा और प्रेम संबंधो पर ग्रहण योग का बुरा असर दिख सकता है। कुंभ राशि वालों को वाणी पर कंट्रोल रखने की आवश्यकता होगी नहीं तो परेशानियां आ सकती हैं। मीन राशि के जातकों के आत्मविश्वास में कमी आ सकती है। नीचे दिए गए उपाय करके आप ग्रहण योग के प्रतिकूल प्रभाव को कम कर सकते हैं।
ग्रहण योग के उपाय:
- प्रतिदिन तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और अक्षत डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
- गायत्री मंत्र का जाप करें – "ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।"
- राहु से संबंधित चीजें जैसे नारियल, उड़द दाल और सरसों का तेल दान करें।
- "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः" मंत्र का रोज 108 बार जाप करें।
- पिता और गुरुजनों की सेवा करें और उनका आशीर्वाद लें।
- सफेद और नीले रंग से बचें और लाल, केसरिया रंग अधिक पहनें।
- सूर्य देव को मजबूत करने के लिए रविवार को उपवास करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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