भारत के महान विकेटकीपर सैयद किरमानी का मानना है कि युवा ऋषभ पंत को घरेलू क्रिकेट में ज्यादा खेलने देना चाहिए और पार्थिव पटेल की तरह उनका हश्र नहीं होना चाहिए जिन्हें महज 17 बरस की उम्र में राष्ट्रीय टीम में उतार दिया गया। किरमानी ने कहा, ‘हर कोई सचिन तेंदुलकर नहीं है जो 16 साल की उम्र में सफल हो जाए। हर कोई ऐसा नहीं है।'
किरमानी ने आगे कहा, 'पार्थिव को इतनी जल्दी नहीं उतारना चाहिए था। ऋषभ प्रतिभाशाली हैं लेकिन उन्हें पूरी तरह तराशना चाहिए। उनका हश्र पार्थिव की तरह नहीं होना चाहिए।’ पार्थिव ने 2002 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और 16 साल में सिर्फ 65 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। महेंद्र सिंह धोनी के बाद भारत के अगले विकेटकीपर माने जाने वाले पंत चार टी20 मैचों में प्रभावित नहीं कर सके।
किरमानी ने कहा, ‘वनडे क्रिकेट के दबदबे और जॉन राइट के भारत का कोच बनने के बाद नतीजे सर्वोपरि हो गए और तकनीक हाशिए पर चली गई। विकेटकीपरों को कोई मार्गदर्शन नहीं मिल सका और अचानक ऐसे बल्लेबाजों की जरूरत पड़ गई जो विकेटकीपिंग भी कर लेते हों।’