Saturday, April 20, 2024
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शिवम मावी और कमलेश नागरकोटी के चोट को ठीक करने में एनसीए को लग गया दो साल का समय

नागरकोटी और मावी ने 2018 आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के दौरान बल्लेबाजों को अपनी गेंदों को भयभीत किया हुआ था और ऐसा लग रहा था कि भारत के तेज गेंदबाजों का अगला बैच दुनिया में खलबली मचाने को तैयार है। लेकिन इससे पहले कि वे ऐसा कर पाते, उन्हें चोटों ने परेशान कर दिया।

Bhasha Edited by: Bhasha
Published on: October 01, 2020 17:42 IST
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Image Source : IPLT20.COM  Shivam Mavi and Kamlesh Nagerkoti

राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) ने युवा खिलाड़ी कमलेश नागरकोटी और शिवम मावी को चोटों से मुक्त करने में अहम भूमिका अदा की और दो साल के अंदर उन्हें फिर से बेहतरीन गेंदबाजी के लिये तैयार कर दिया। नागरकोटी और मावी ने 2018 आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के दौरान बल्लेबाजों को अपनी गेंदों को भयभीत किया हुआ था और ऐसा लग रहा था कि भारत के तेज गेंदबाजों का अगला बैच दुनिया में खलबली मचाने को तैयार है। लेकिन इससे पहले कि वे ऐसा कर पाते, उन्हें चोटों ने परेशान कर दिया। तभी एनसीए ने सही समय पर उनकी चोटों को ठीक करने में अहम भूमिका अदा की। 

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) अनुबंध हासिल वाले दोनों खिलाड़ियों ने अब प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में फिर से वही शानदार प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। 20 साल के नागरकोटी करीब 30 महीने बाद आईपीएल में पहला प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्होंने और मावी (21) ने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिये शानदार प्रदर्शन करते हुए बुधवार को राजस्थान रॉयल्स पर मिली जीत के दौरान मिलकर चार विकेट हासिल किये। 

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भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘विश्व कप के बाद कमलेश को पीठ में स्ट्रेस फ्रेक्चर हो गया और उनके टखने पर भी ‘स्ट्रेस’ का असर पड़ा। बीसीसीआई ने ब्रिटेन में उन्हें ले जाकर कई विशेषज्ञों से उनकी चोट पर सलाह ली। वह करीब डेढ़ साल तक एनसीए में रहे। ’’ 

अधिकारी ने कहा, ‘‘वहीं दूसरी ओर शिवम आठ महीने तक एनसीए में रहा, पहले उन्हें एसीएल (एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट) चोट लगी और फिर ‘स्ट्रेस’ का असर हुआ। हालांकि वह कमलेश की तुलना में जल्दी उबर गये लेकिन वह पिछले घरेलू सत्र के बाद फिर चोटिल हो गये। ’’ 

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अगर पिछले दो सत्र के दौरान उनके रिहैबिलिटेशन और चोट से उबरने के लिये हुए मोटा मोटी खर्चे पर भरोसा किया जाये तो बीसीसआई-एनसीए ने कम से कम 1.5 करोड़ रूपये उन पर खर्चे हैं। सूत्र ने कहा, ‘‘बिलकुल सही राशि बताना मुश्किल होगा लेकिन यह एक करोड़ रूपये से ज्यादा ही है और यह करीब 1.5 करोड़ रूपये के करीब हो सकती है। एनसीए में मेडिकल चेक-अप, आउटसोर्स फिजियोथेरेपी सत्र, सभी का ध्यान ऐसे रखा जाता है जैसे बीसीसीआई केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों के लिये करता है। दो लोगों को इसका श्रेय जाता है और वो हैं एनसीए प्रमुख राहुल द्रविड़ और मुख्य फिजियो आशीष कौशिक। ’’ 

नागरकोटी ने मैच के बाद अपने प्रदर्शन के लिये द्रविड़, अभिषेक नायर और अन्य का शुक्रिया भी अदा किया। मावी ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से बातचीत के दौरान एनसीए की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘अमित त्यागी (फिजियो) और आशीष कौशिक (मुख्य फिजियो) ने मेरी चोटों का ध्यान रखा और मुझे पूरी तरह से लय में आने में चार महीने लगे। ’’

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