ENG vs SL: इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई। इस सीरीज को इंग्लैंड की टीम ने 2-1 से अपने नाम कर लिया। सीरीज के आखिरी मुकाबले में इंग्लिश टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा। जिसके कारण वह श्रीलंका को क्लीन स्वीप करने से चूक गए। इंग्लैंड के कप्तान इस बात से बेहद निराश नजर आए। इंग्लैंड को सीरीज के आखिरी मुकाबले में 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इंग्लिश कप्तान ओली पोप ने इंग्लैंड की हार के पीछे की वजह बताई है। आपको बता दें कि श्रीलंका ने 20 सालों के बाद इंग्लैंड में कोई टेस्ट मैच जीता है।
कैसा रहा मैच का हाल
श्रीलंका के खिलाफ इस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम काफी मजबूत स्थिति में थी, उन्होंने सिर्फ तीन विकेट खोकर 261 रन बना लिए थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने 64 रन पर 7 विकेट गंवा दिए और श्रीलंका ने इस मैच में वापसी की। फिर भी, उन्होंने 62 रन की बढ़त हासिल की, जिसे वे दूसरी पारी में 156 रन पर ऑलआउट होने के बाद और मजबूत नहीं कर सके। श्रीलंका ने मैच की चौथी पारी में शानदार बल्लेबाजी की और सिर्फ दो विकेट खोकर उन्होंने 219 रन बना डाले, इसी के साथ मैच भी उन्होंने अपने नाम कर लिया।
क्यों बोले पोप
इंग्लैंड की हार के बाद पोप ने कहा कि बेशक, हम ऐसी टीम बनना चाहते हैं जो हर खेल जीतती हो, जैसा कि हर कोई करता है, और ऐसा करते हुए हमें 20 साल हो गए हैं। इस हफ्ते यह प्रेरणा का एक अतिरिक्त हिस्सा था, इसलिए थोड़ी निराशा है कि हमने ऐसा नहीं किया है। आपको बता दें कि इंग्लैंड ने इस गर्मियों में कुल 6 टेस्ट मैच खेले हैं। यह उनकी पहली हार है। इससे पहले उन्होंने वेस्टइंडीज की टीम को 3-0 से हराया था। इसे लेकर पोप ने कहा कि गर्मियों की शुरुआत में, अगर कोई कहता कि हम छह में से पांच टेस्ट मैच जीतने जा रहे हैं, तो शायद यह शानदार है।
कहां हारी इंग्लैंड की टीम
पोप ने कहा, "हम अब भी उसी इरादे से खेलने आए थे, लेकिन किसी कारण से यह खेल उतना सफल नहीं हो पाया। पहली पारी में बढ़त लेने के बाद हम पर्याप्त रन नहीं बना पाए और मैं शायद इसे इसी वजह से मानूंगा। यह उन दिनों में से एक था, जब हम सफल नहीं हो पाए। हमने पूरी सीरीज में वाकई बहुत अच्छा क्रिकेट खेला पोप से जब पूछा गया कि वे मैच में कहां हारे, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने तीसरे दिन के अपने प्रदर्शन से खुद को ही नुकसान पहुंचाया, जिसके कारण श्रीलंका को काफी हद तक हासिल करने लायक लक्ष्य का पीछा करना पड़ा।