इसमें तो कई शक नहीं है कि आरक्षण लागू होने के बाद देश के फ़ैसलों में महिलाओं की भूमिका अहम होगी, महिलाओं की ताक़त बढ़ेगी, इसीलिए देश की आधी आबादी में इस विधेयक लेकर जबरदस्त उत्साह और जोश है. और यही वजह है कि सभी राजनीतिक पार्टियां इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है
पहली बार सरकार की तरफ से किसी मंत्री ने चीन को लेकर हर सवाल का जवाब दिया, सारी आशंकाओं को दूर किया. जयशंकर ने कहा कि भारत इस वक्त दुनिया का अकेला देश है जो चीन से आंख में आंख डालकर बात कर रहा है. भारत एकमात्र देश है जिसकी फौज चीन की सेना के सामने सीना तानकर खड़ी है.
मोदी ने कहा कि सनातन को अहिल्या बाई होल्कर, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी जैसे महापुरूषों ने शक्ति का स्रोत माना, समाज में फैली बुराइयों को दूर करने का साधन बनाया था. मोदी ने कहा कि जो सनातन स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के लिए आजादी की लड़ाई में संबल बना, इंडिया अलायन्स के नेता सनातन का समूल नाश करना चाहते हैं।
बिहार में 18 साल से नीतीश कुमार राज कर रहे हैं. 18 साल में स्कूलों में शिक्षक नहीं रख पाए, कुर्सी टेबल नहीं बनवा पाए, सरकारी स्कूलों में लड़कियों बेहोश होकर गिर रही है. इतना महान काम करने के बाद क्या बेटियों को नीतीश कुमार के सामने नतमस्तक होना चाहिए?
भारत अभी तक बॉर्डर एरिया के डेवेलपमेंट में चीन से बहुत पीछे था लेकिन अब मोदी सरकार, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल तक पहुंचने के लिए टनल्स, रोड, ब्रिज और बेस बनाने पर ज़ोर दे रही है. हालांकि इतनी ऊंचाई पर टनल बनाना आसान काम नहीं होता.
भारत और सउदी अरब के बीच ऐतिहासिक रिश्ते रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए फ़ायदेमंद साबित हुए हैं. दोनों देशों के बीच कभी भी मतभेद नहीं रहे हैं. अब दोनों देश मिलकर बेहतर भविष्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं.
हैरानी की बात ये है कि कांग्रेस इस पर खामोश है. सनातन को HIV जैसा कहना, क्या नफरत फैलाने का काम नहीं है? ये राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान का सामान कैसे हो सकता है? ये भी नोट करने की जरूरत है कि कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे प्रियांक सनातन धर्म पर किए गए हमलों का समर्थन कर रहे हैं.
विरोधी दलों के सारे नेता ये जानते हैं कि हिन्दुस्तान में रहकर हिन्दुत्व का विरोध करना आत्मघाती है, इसलिए इस पर कोई नहीं बोलेगा. लेकिन ये देश की 82 प्रतिशत आबादी यानि 110 करोड़ हिन्दुओं की भावनाओं का सवाल है, इसलिए इस पर खामोश रहने से काम नहीं चलेगा.
भारत हमारी विरासत है,आज भी जब घर में कोई पूजा या हवन होता है तो संकल्प लेते वक्त जम्बूद्वीपे..भारतखंडे ही कहा जाता है.तमाम ग्रन्थों में हिन्द महासागर से लेकर हिमालय के दक्षिण तक के भू-भाग को भारत ही बताया गया है. इसलिए भारत नाम से किसी को आपत्ति कैसे हो सकती है ?
हजारों साल के जुल्म और सत्ता का इस्तेमाल करके भी सनातन धर्म को कोई मिटा नहीं पाया, तो इसके सर्वनाश की बात कहना और सोचना बेमानी है।
आज कश्मीर घाटी में भारत का झंडा लेकर घूमने में किसी को कोई डर नहीं है, जिन घरों के नौजवान भटक कर आतंकवादी बन गए थे, उनके घरों में भी तिरंगा लहराता दिखाई दिया. ये जवाब है उन दुश्मनों को जिन्होंने कश्मीर को अलगाववाद के रास्ते में धकेला था.
महिला के साथ वहशीपन, मणिपुर में हो या बंगाल में, शर्मनाक तो दोनों हैं. मणिपुर में जो हुआ उसकी निंदा सबने की है, करनी भी चाहिए. वहां टकराव दो समुदायों के बीच है, लेकिन बंगाल में जो हुआ, वो राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच हुई जंग का नतीजा है.
सबसे बड़ा सवाल ये है कि विपक्षी गठबंधन मोदी के खिलाफ किसका चेहरा आगे करेगा? कौन प्रधानमंत्री पद का दावेदार होगा? क्योंकि जैसे ही इस पर बात आएगी तो एकता तार-तार होगी क्योंकि दावेदार कई हैं और समझौते के लिए कोई तैयार नहीं हैं.
विरोधी दलों वाले मोर्चे में बड़े-बड़े नेता दिखाई दिये, लेकिन ममता बनर्जी, स्टालिन और केजरीवाल को छोड़ कर जो लोग दिखे, उनमें से ज़्यादातर का जनाधार खिसक चुका है.
दिल्ली में जो ड्रेनेज सिस्टम है, वो अंग्रेजों के ज़माने का है, खासतौर पर पुरानी दिल्ली का तो ड्रैनेज सिस्टम इस तरह के हालात का सामना करने के लिए बिल्कुल नहीं हैं. जो नाले हैं, उनकी कभी ठीक से सफाई नहीं होती.
भारत में सड़क दुर्घटनाएं बहुत होती हैं, इसका कारण लापरवाही है। सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए अब देश में कड़े कानून बनाए जाने की जरूरत है।
खतरा बड़ा है, इससे बचाने का काम सिर्फ सरकारें नहीं कर सकती, हम सबको इस खतरे को समझना होगा और ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने के लिए अपना योगदान करना होगा.
राहुल जिद पर अड़े रहे. कह दिया, जेल चला जाऊंगा, पर न बयान वापस लूंगा, न माफी मांगूंगा, और फिर जब सेशन्स कोर्ट का फैसला आया, सजा हो गई तो कहा कि वो सावरकर नहीं हैं जो माफी मांग लें, वो गांधी हैं, गांधी कभी माफी नहीं मांगता.
शिवराज सिंह चौहान ने जो किया, वो बड़ी बात है. दो दिन पहले मैंने जब इस घटना का वीडियो देखा था, तो तस्वीरें देखकर गुस्सा आया, दुख हुआ, ये सोच कर ग्लानि हुई कि हम कैसे समाज में रहते हैं, लेकिन गुरुवार को जब शिवराज सिंह के साथ दशमत की तस्वीरें देखीं तो सुकून मिला.
महाराष्ट्र में एनसीपी में आई दरार की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। आखिर पवार परिवार में फूट क्यों पड़ी? जानिए इनसाइड स्टोरी-
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