मुझे लगता है कि तीन दिसंबर को पांच राज्यों में जनता का जो भी फैसला आए, उसका असर लोकसभा चुनाव पर होगा, ये कहना मुश्किल है। हालांकि एक्जिट पोल्स नतीजे नहीं होते, ये अनुमान ही हैं। एक्जैक्ट नतीजे तो तीन दिसंबर को ही आएंगे। तब तक इंतजार करना चाहिए।
पिछले कुछ दिनों से हलाल सर्टिफिकेट को लेकर बवाल मचा है और इसे लेकर अब सियासत भी खूब हो रही है। उत्तर प्रदेश के बाद बिहार में भी इसके सुर तेज होने लगे हैं और राज्य में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स की बिक्री पर बैन लगाने की मांग हो रही है।
कई ऐलोपैथिक डॉक्टर भी इस बात को मानते हैं कि योग और आयुर्वेद से लाइलाज बीमारियों का इलाज हो सकता है। मैं भी मानता हूं कि ऐलोपैथी ने पूरी दुनिया में लोगों की जान बचाने के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। इसीलिए आयुर्वेद और एलोपैथी में टकराव नहीं होना चाहिए, ये एक दूसरे के पूरक हैं।
राजस्थान में अब तक कांग्रेस का कैंपेन अच्छा भला चल रहा था। अशोक गहलोत खुद कमान संभाल हुए थे। प्रियंका गांधी की रैलियां हो रही थी। कहीं कोई गड़बड़ नहीं हुई लेकिन राहुल गांधी पहुंचे, सारा गुड़गोबर कर दिया।
मुझे लगता है कि आज के ज़माने में इस तरह के अंधविश्वास की बातें करना, किसी को पनौती कहना, खेल के मैदान में हार जीत को किसी के नाम से जोड़ना बहुत ही घटिया स्तर की राजनीति की मिसाल है।
किसी वीडियो पर नकली आवाज़ लगाना, लिप सिंक मैच करना तो और भी आसान हो गया है। नकली वीडियो से रातों रात किसी की बदनामी हो सकती है, लोगों की भावनाएं भड़काई जा सकती हैं, इसलिए ये समाज के लिए बड़ा खतरा है।
विराट कोहली एक महान क्रिकेटर हैं। उन्होंने अपने खेल से, अपनी निष्ठा से, अपनी फिटनेस से, अपने सार्वजनिक आचरण से दुनिया में एक मिसाल कायम की है। वो लोगों को प्ररित करते हैं। मेरी दुआ है कि विराट कोहली इसी तरह बुलंदियां हासिल करते रहें, नौजवानों को प्रेरित करते रहें।
प्रचार के दौरान मोदी कांग्रेस के नेताओं का भाषण सुन रहे थे तो कांग्रेस के नेता भी मोदी का भाषण सुनकर उस हिसाब से अपनी स्पीच तैयार रहे थे। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे और राहुल गांधी दोनों ही मध्यप्रदेश में थे। मोदी ने राहुल को मूर्खों का सरदार कहा तो खरगे ने मोदी को झूठों का सरदार कह दिया।
ये सोचकर भी अजीब लगता है कि दिल्ली का प्रदूषण सियासी टकराव का मसला बन गया है। दिल्ली में रहने वाले दो करोड़ लोग ज़हरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं और दिल्ली की सरकार के मंत्री इसका हल निकालने की बजाय ये बताने में लगे हैं कि दिवाली की रात पटाखे बीजेपी वालों ने चलाए।
जो नेता विधानसभा और विधान परिषद में अश्लील बातें कर सकता है, क्या उसे बिहार का नेतृत्व करने का अधिकार है ? नीतीश कुमार ने जो बेशर्मी दिखाई, जिस तरह की गंदी बात की, उसके बाद उन्हें अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।
मोदी साफ साफ कहते हैं कि कोई कितना भी प्रभावशाली हो, अगर वो भ्रष्टाचार करेगा तो वो उसे छोड़ेंगे नहीं। अगर ये मोदी की ताकत है, तो आज के ज़माने में ये मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती भी है।
ये भी सही है कि इस बार मराठा आरक्षण के आंदोलन को हवा देने का काम शरद पवार और उनकी पार्टी के नेताओं ने किया। उनकी मंशा इस मामले में केंद्र सरकार को फंसाने की है। इसीलिए उनके लोग बार बार कह रहे हैं कि अगर मराठाओं को कोई आरक्षण दे सकता है तो केंद्र सरकार दे सकती है।
हकीकत तो यही है कि ये तो एप्पल को भी नहीं पता कि हैकर्स कौन हैं? कब हैकिंग हुई? और एप्पल ये भी कह रहा है कि इस तरह के एलर्ट यूजर्स को सावधान करने के लिए भेजे जाते हैं। जरूरी नहीं है कि जिसको एलर्ट मिले उसका फोन हैक करने की कोशिश हुई ही हो।
मराठा आरक्षण का मुद्दा बहुत पुराना और बहुत जटिल है। 42 साल पुराना ये मसला 42 घंटों में सुलझ जाएगा इसकी उम्मीद करना ठीक नहीं है। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सबसे पहले 1981 में अन्नासाहेब पाटिल ने आंदोलन किया था, उसके बाद हर पार्टी ने मौके के हिसाब से इस पर सियासत की।
इजरायल और हमास के मामले पर पूरी दुनिया दो भागों में तो पहले ही बंट चुकी थी लेकिन अब दो तरह की सोच वाले मुल्कों के बीच टकराव दिखाई दे रहा है, जो चिंता की बात है। जहां तक इजरायल का सवाल है,उसे दुनिया के एक बड़े हिस्से का समर्थन है। हमास की बर्बरता के बाद इजरायल ठान चुका है कि वह हमास को सबक सिखा कर रहेगा।
भारत के रुख संतुलित भी हैं और व्यावहारिक भी। मैंने पहले ही कहा कि इज़रायल अगर गाज़ा पर कब्जे करता है तो उसे बरकरार रखना मुश्किल होगा। इसीलिए अब अमेरिका भी इज़रायल को सलाह दे रहा है कि वो गाजा पर ग्राउंड अटैक न करे, सरहद पार न करे।
इजरायल और चरमपंथी संगठन हमास के बीच युद्ध जारी है। इसे लेकर अब दुनिया के देश दो भागों में बंट गए हैं। अमेरिका, भारत और यूरोपीय देश पूरी तरह इजराइल के साथ खड़े हैं, लेकिन रूस, ईरान, इराक, लेबनान और दूसरे मुस्लिम देश हमास के साथ खड़े हो गए हैं.
जो लोग ऐसे क़त्ल कर रहे हैं, वे सच्चे मुसलमान नही हो सकते. और ये जंग किसी मुल्क की आबरू के लिए भी नहीं है. मुल्कों की जंग फौजें लड़ती है. मासूम बच्चों, बेबस औरतों और बीमार लोगों से नहीं.
राजनीति के खेल में सब अपने अपने हिसाब से चाल चलेंगे. इसीलिए जब संजय सिंह के सवाल पर कांग्रेस ने समर्थन नहीं किया तो केजरीवाल ने भी कांग्रेस को आंख दिखाई. शुक्रवार को ही आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की दस लोकसभा सीटों के लिए प्रभारियों के नामों की लिस्ट जारी कर दी.
मोदी जब बीजेपी के संगठन में थे तो उन्होंने पार्टी से ये प्रस्ताव पास करवाया था कि बीजेपी के पदाधिकारियों में एक-तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया जाय. गुजरात में जब मोदी मुख्यमंत्री थे, तो जो भी उपहार उन्हें मिलते थे, उनकी हर साल नीलामी होती थी और नीलामी से आने वाला पैसा गरीब लड़कियों की पढ़ाई पर खर्च किया जाता।
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