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Rajat Sharma's Blog | पाकिस्तान के बम : नहीं है दम

पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ चल रही तनातनी के बीच पाकिस्तान को अब इस बात का डर सता रहा है कि भारत उसके क़ब्ज़े वाले कश्मीर पर कोई बड़ा एक्शन करने वाला है। इसीलिए वह परमाणु बम की धमकी दे रहा है।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Apr 29, 2025 18:16 IST, Updated : Apr 29, 2025 18:16 IST
Rajat sharma, INDIA TV
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

पाकिस्तान को इस बात का डर है कि भारत उसके क़ब्ज़े वाले कश्मीर पर कोई बड़ा एक्शन करने वाला है, इसलिए POK के स्वयंभू प्रधानमंत्री  चौधरी अनवरुल हक़ ने भारत को एटम बम से डराने की कोशिश की। अनवरुल हक़ ने कहा कि भारतीय सेना में इतनी क्षमता नहीं कि वो सीमा पार कर पाकिस्तान पर हमला करे. यदि भारत LOC पार कर हमला करता है, तो इससे निपटने के लिए पाकिस्तान के पास एटम बम है। परमाणु हमले की धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी आदत है। कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश सचिव शमशाद अहमद ने कहा था कि पाकिस्तान सरहद की हिफाजत के लिए अपने शस्त्रागार में मौजूद किसी भी हथियार का इस्तेमाल करेगा। उस वक्त अमेरिकी खुफिया एजेंसीज ने भी कहा था कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है लेकिन कुछ नहीं हुआ। 2016 में उरी में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि अगर पाकिस्तान की सुरक्षा खतरे में होगी तो हम एटमी हथियार चलाने में परहेज़ नहीं करेंगे। इसके बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की, कोई एटमी हथियार नहीं चला। जब पुलवामा में हमला हुआ, भारत ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की, तब उस वक्त के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री से मेरा सवाल है कि क्या जो हथियार हमारे पास हैं और आपके पास हैं, क्या हम मिसकैलकुलेशन का जोखिम उठा सकते हैं?

अब फिर से पाकिस्तान यही कह रहा है कि हमारे पास एटमी हथियार हैं, मिसाइल हैं लेकिन भारत की फौज को रत की इंटेलिजेंस को इन धमकियों की असलियत मालूम है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की धमकियों में कोई दम नहीं है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हैं। पाकिस्तान के पास तो फौज की मूवमेंट के लिए, हथियारों की तैनाती के लिए भी पैसे नहीं हैं। पाकिस्तान के पर्व सेनाध्यक्ष क़मर जावेद बाजवा ने तो वहां के चुने हुए मीडिया के लोगों को बताया था कि पाकिस्तानी फौज के पास जंग लड़ने के लिए तीन दिन से ज्यादा ताकत नहीं है, टैंक आग बढाने के लिए पर्याप्त डीज़ल तक नहीं हैं। पाकिस्तान की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। जंग के लिए पाकिस्तान के पास न पैसा है, न जज्बा. दूसरी तरफ पिछले 10 साल में भारत की फौज की शक्ति, क्षमता और कुशलता में जबरदस्त इजाफा हुआ है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत की तीनों सेनाएं तैयार हैं। जोश हाई है, हमारी फौज दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। बस प्रधानमंत्री मोदी के ग्रीन सिगनल का इंतज़ार है।

कांग्रेस : पाकिस्तान को मसाला क्यों दिया?

पाकिस्तानी चैनलों पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया, महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, मणिशंकर अय्यर, कर्नाटक सरकार के मंत्री आर. बी. तिम्मापुरा, हिमाचल प्रदेश के मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा के बयानों पर ब्रेकिंग न्यूज चल रही है। सिद्धरामैया ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ युद्ध की जरूरत नहीं है, वो चाहते हैं कि अमन बना रहे। जब मामला काफी उछला, तो सिद्धरामैया को ये कह कर सफाई देना पड़ी कि वो ये कहना चाहते थे कि जंग आखिरी विकल्प होना चाहिए. महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि आतंकवादी 200 किलोमीटर तक देश के अंदर कैसे घुस आए, क्या ये सरकार की नाकामी नहीं है। वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार पहलगाम हमले से ध्यान हटाने के लिए ये बात फैला रही है कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर लोगों को मारा। जब पाकिस्तानी चैनलों ने उनका बयान दिखाया, तो विजय वडेट्टीवार ने सफाई दी. कहा, कि उनके बयान का ये मतलब नहीं था कि लोगों से उनका मज़हब नहीं पूछा गया, कुछ लोगों से उनका धर्म पूछा गया होगा लेकिन ये आतंकवादियों की चाल है, वो हिन्दू-मुसलमानों में नफरत फैलाना चाहते हैं। शाम को कांग्रेस की तरफ से बयान जारी किया गया कि “कांग्रेस के कुछ नेता मीडिया में जो कह रहे हैं, वो उनकी निजी राय है। ये बयान कांग्रेस के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते। ऐसे संवेदनशील समय में इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि केवल CWC का प्रस्ताव, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी  और AICC  पदाधिकारियों के विचार ही कांग्रेस की औपचारिक राय है।”

कांग्रेस के जितने नेताओं ने पाकिस्तान की हिमायत की थी, उन सबको थोड़ी देर में ही आटे दाल का भाव पता चल गया। जो कह रहे थे कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर गोली नहीं मारी, उन्होंने जब आम लोगों की प्रतिक्रिया देखी, तो अपनी बात से पलट गए. जो लोग कहते हैं कि जंग नहीं होनी चाहिए, उन्हें शायद ये समझ नहीं आया कि देश की जनता किस कदर नाराज़ है। जो लोग सलाह दे रहे हैं कि पाकिस्तान पर हमला नहीं करना चाहिए, उनका तर्क है कि हमला करने से पाकिस्तान की फौज और मजबूत हो जाएगी. जनरल आसिम मुनीर यही चाहता है. कुछ लोग कह रहे हैं कि आज पाकिस्तान में जनाक्रोश है, लोग बंटे हुए हैं, अगर भारत ने जंग छेड़ी, तो सारा पाकिस्तान एक हो जाएगा।  लेकिन अगर इस तरह से सोचेंगे, तो भारत कभी कुछ कर ही नहीं पाएगा। अगर अटल जी ने ऐसी बातों की परवाह की होती, तो भारत पोखरण में कभी परमाणु परीक्षण नहीं कर पाता, तब भी आर्थिक प्रतिबंध का डर था। भारत को आइसोलेशन का भय दिखाया गया था। अगर मोदी दुनिया की परवाह करते, तो कभी न सर्जिकल स्ट्राइक कर पाते  और न ही एयर स्ट्राइक। अब बदले हुए जमाने में पुरानी सोच से काम नहीं चलेगा। एक्शन क्या करना है, कब करना है, कैसे करना है, ये प्रधानमंत्री पर छोड़ देना चाहिए और पाकिस्तान की धमकियों की तो ज़रा भी परवाह नहीं करनी चाहिए. क्योंकि धमकियां देना पाकिस्तान की फितरत में है। 

सारे देश की पुकार: पाकिस्तान पछताएगा इस बार

 

सोमवार को पूरे देश ने एक आवाज़ में कहा कि पाकिस्तान को पहलगाम हमले की सख्त से सख्त, जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। नरेन्द्र मोदी इस मामले में जो फैसला करेंगे, पूरा देश, सरकार का समर्थन करेगा. सभी पार्टियों के नेताओं, सभी धर्मों के लोगों ने यही कहा। जम्मू कश्मीर विधानसभा ने प्रस्ताव पास करके पहलगांम नरसंहार की निंदा की और आतंकियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की मांग की। विधानसभा में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहली बार कश्मीर के हर गांव, हर गली से, हर मस्जिद से एक ही आवाज़ आ रही है, जिन लोगों ने ये दरिंदगी की, वो इंसानियत के दुश्मन हैं, उन राक्षसों को धरती पर रहने का हक नहीं हैं। नेशनल कॉन्फ्रैंस, पीडीपी, लैफ्ट और हुर्रियत के नेताओं ने भी पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात की। आमतौर पर पाकिस्तान के साथ बातचीत की हिमायत करने वाले फारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि अब बातचीत की बात बेकार है, निर्दोषों का खून बहाने वालों को उन्हीं की भाषा में जवाब देना जरूरी है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि जिन लोगों ने मजहब पूछकर बेगुनाहों का कत्ल किया, वो इस्लाम के दुश्मन हैं, भारत सरकार को दहशतगर्दी के अड्डे तबाह करके पाकिस्तान को औकात दिखानी चाहिए। जो बात फारूख अब्दुल्ला ने कही, जो बात असदुद्दीन ओवैसी ने कही, वही हर हिन्दुस्तानी के दिल की आवाज़ है। इस वक्त पूरा देश सभी पार्टियों के नेता, मौलाना और आम मुसलमान भी पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया है। यही वक्त है कि तमाम राजनीतिक दल और नेता एक स्वर से आवाज़ उठाएं, अपनी एकता दिखाएं और कौम के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में हमारी बहादुर सेना का साथ दें। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 28 अप्रैल, 2025 का पूरा एपिसोड

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