भारत और चीन के बीच रिश्ते खराब होने से दोनों देशों के आपसी कारोबार पर जो असर पड़ा था वो भी अब धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। भारत के बहुत सारे उद्योग ऐसे हैं जो कच्चे माल के लिए चीन पर आश्रित हैं, अब उनकी मुश्किलें कम हो जाएंगी।
पुलिस न तो नाम पूछकर गोली चलाती है, और न मजहब देखकर एनकाउंटर करती है। बहराइच में जो हुआ वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद जिस तरह से लोगों के घर और दुकानें जलाई गईं वो भी दुर्भाग्यजनक था।
मेरी राय में, जो लोग चुनाव से पहले ही EVM पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बहुत सारे सवालों के जवाब देने होंगे - क्या लोकसभा चुनाव में EVM ठीक था और हरियाणा में हैक हो गया?
मोदी ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम जातियों की बात नहीं करती क्योंकि इससे उसके वोटबैंक के बिखरने का खतरा होता है लेकिन हिन्दुओं को जातियों में बांटती है क्योंकि हिन्दुओं की एकजुटता से कांग्रेस को डर लगता है।
लोग बड़े जोश से बताते हैं कि आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में माहौल बदला है, अब बच्चे स्कूल जाते हैं, दुकानें खुलती हैं, डल झील में सैलानियों के लिए शिकारे चलते हैं, कश्मीर घूमने के लिए टूरिस्ट आते हैं, सिनेमा हॉल खुल गए हैं, कश्मीर में लोग अब खुली हवा में सांस लेते हैं, अब कहीं किसी का डर नहीं है।
कोई कह रहा है कि मोदी राज्य सरकारों को कमज़ोर करना चाहते हैं, कोई कह रहा है कि ये RSS का एजेंडा है, कोई कह रहा है कि मोदी देश में राष्ट्रपति शासन प्रणाली लागू कर देंगे। लेकिन ये सब बेकार की बातें हैं।
कांग्रेस को डर है कि अगर हरियाणा में केजरीवाल दम लगाएंगे तो उनका वोट काट सकते हैं और ये डर भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के भाषणों में भी दिखाई दे रहा है जिसमें वो जनता से अपील करते नजर आ रहे हैं कि हरियाणा में मुकाबला सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बीच है, इसलिए जनता किसी वोटकटवा को अपना वोट ना दे।
ये कहना बेमानी है कि प्रधानमंत्री ने वीडियो क्यों जारी किया? अगर मोदी वीडियो जारी न करते तो यही लोग कहते कि मोदी की CJI से सीक्रेट मीटिंग हुई। यही लोग कहते कि जब मोदी हर जगह का वीडियो पोस्ट करते हैं तो पूजा का क्यों नहीं किया?
1984 के कत्लेआम के बाद चाहे सिख समाज कांग्रेस से कितना भी नाराज़ रहा हो, कांग्रेस ने कभी भी खालिस्तान का समर्थन करने वालों को इसका फायदा नहीं उठाने दिया। कांग्रेस ने कभी खालिस्तान की मांग करने वालों को सिर नहीं उठाने दिया।
शिमला के लोगों की नाराज़गी देखकर, इतनी भारी संख्या में प्रोटेस्टर्स को देखकर ये तो साफ है कि मस्जिद का विवाद सिर्फ ट्रिगर प्वाइंट है। असली दिक्कत ये है कि अचानक बाहर से आकर लोग शिमला में बस गए हैं।
मोदी ने जिस अंदाज़ में, पूरी विनम्रता के साथ सिर्फ छत्रपति शिवाजी से ही नहीं, महाराष्ट्र के लोगों से भी माफी मांगी है, उससे महाविकास आघाड़ी के नेताओं को बड़ा झटका लगा होगा।
डॉक्टर्स ये मानते हैं कि ममता बनर्जी ने पहले दिन प्रिंसिपल को बचाने की कोशिश की, पुलिस को प्रोटेक्शन देने की कोशिश की जबकि पुलिस और कॉलेज प्रशासन दोनों का रोल शक के दायरे में है।
पिता ने कहा कि जब वो सेमिनार हॉल में थे तो उनको ऐसा लगा कि पुलिस मामले को रफ़ा दफ़ा करना चाहती है, किसी को बचाने में जुटी है। अब इस केस की जांच CBI कर रही है।
असल में एक मानसिकता है, लड़के हैं गलती हो जाती है। दूसरी मानसिकता है जो अपराध करने वाले का मजहब ढूंढती है। तीसरी मानसिकता है कि ये तो होता रहता है। सच तो ये है कि निर्भया की जघन्य हत्या से हमने कुछ नहीं सीखा।
मनीष सिसोदिया अरविन्द केजरीवाल और पार्टी के बीच पुल का काम करेंगे। सिसोदिया को जमानत मिलने का असर दिल्ली की सियासत पर पड़ेगा। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, बीजेपी के नेता डिफेन्सिव पर होंगे।
आज देश के कई राज्यों में भारी बारिश...क्लाउड बर्स्ट...और लैडस्लाइड ने भारी तबाही मचाई....हिमांचल के शिमला...कल्लू....और मंडी में चार जगह बादल फटे....और सैलब में घर...मकान...दुकान...सब बह गए....चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है....जबकि पचास से ज्यादा लोग लापता हैं....
आम तौर पर बजट का विश्लेषण इस बात पर नहीं होता कि वित्त मंत्री ने किस राज्य का नाम लिया और किसे छोड़ दिया। हालांकि ये बात सही है कि निर्मला सीतारमण ने बिहार और आंध्र प्रदेश पर फोकस किया, इन दोनों राज्यों को खुश किया।
पिछले एक महीने से लगातार ये हवा बनाई जा रही थी कि अब योगी की कुर्सी जाएगी लेकिन आज बीजेपी हाई कमान ने ये संकेत दे दिए कि यूपी में योगी का कोई विकल्प नहीं है, यूपी को योगी ही चलाएंगे, उम्मीदवारों का चयन भी योगी करेंगे, उपचुनाव की रणनीति भी योगी बनाएंगे।
मोदी ने हर उस सवाल का जवाब दिया जो विपक्ष ने चर्चा के दौरान पूछा था। संविधान में आरक्षण की चर्चा की, कश्मीर पर उत्तर दिया, ED-CBI पर अपने इरादे साफ कर दिए, पर इसका मतलब ये नहीं कि विपक्ष इन सवालों को उठाना बंद कर देगा। मोदी के कार्यकाल में ये सवाल लगातार उठते रहेंगे।
कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि साम, दाम, दंड, भेद कुछ भी करके मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोका जाना चाहिए। लेकिन आंकड़े ऐसे हैं कि मोदी को तीसरे टर्म से रोक पाना असंभव है।
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