जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों द्वारा एक शिक्षिका की गोली मारकर हत्या करने के कुछ घंटे बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक संगठन ने धमकी दी थी कि अगर उन्हें 24 घंटे में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किया गया तो वे घाटी छोड़ देंगे।
भावुक बंसीलाल जी को अगस्त 1990 की वह सुबह याद आ गई जब उन्हें सुबह-सुबह अपने दरवाजे पर उर्दू में लिखा हुआ एक पत्र मिला। इसमें लिखा था- आज शाम तक घर खाली कर भाग जाओ और नहीं भागे तो अपनी औरतों को हमें सौंप दो वरना गोलियों का निशाना बनो।
बिंद्रू एक जाने-माने कश्मीरी पंडित व्यवसायी थे, जो नब्बे के दशक के दौरान उग्रवाद की शुरुआत के दौरान भी घाटी छोड़कर नहीं गए थे।
विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने गुरुवार को समुदाय के जम्मू एवं कश्मीर में पुनर्वास की व्यवस्था होने तक बाहरी लोगों के लिए जमीन की ब्रिकी प्रतिबंधित करने की मांग की।
विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 'शिकारा' की मुंबई में स्पेशल स्क्रीनिंग हुई।
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