औरैया की मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, '24 लोग मृत लाए गए थे, 22 लोग भर्ती हैं। जिन 15 लोगों की हालत गंभीर हैं, उन्हें सैफई PGI रेफर किया गया है।
लॉकडाउन के चलते ट्रेन या कोई और साधन नहीं मिलने के कारण उन्होंने महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश में अपने घर आने के लिए पैदल यात्रा शुरू की थी, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था वे अपने घर तो पहुंचे लेकिन जिंदा नहीं बल्कि विशेष रेलगाड़ी में एक शव के रूप में।
जयपुर के खातीपुरा रेलवे स्टेशन के पास बने ब्रिज के नीच की 3 परिवार के अलग-अलग लोगों ने थक हार कर कुछ घंटो के लिए अपना बसेरा बसाया है। दरअसल ये लोग जोधपुर से 4 दिन पहले पैदल रवाना हुए।
अरुणाचल प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान एक स्कूल द्वारा आश्रय दिए जाने पर आभार व्यक्त करने के लिए प्रवासी मजदूरों के एक समूह ने उसकी इमारत का रंग रोगन किया और इसके लिए कोई मेहनताना नहीं लिया।
महिलाओं और बच्चों से जुड़े श्रम कानून के प्रावधान और कुछ अन्य श्रम कानून लागू रहेंगे।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने श्रमिक दिवस के मौके पर शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन के कारण मजदूरों की रोजी-रोटी पर गहरा संकट छाया हुआ है।
एक मई का दिन इतिहास में मजदूर दिवस के तौर पर दर्ज है। दुनिया में मजदूर दिवस मनाने का चलन करीब 132 साल पुराना है। मजदूरों ने काम के घंटे तय करने की मांग को लेकर 1877 में आंदोलन शुरू किया गया था।
समिति ने सिफारिश की है कि ले-ऑफ, छंटनी या कंपनी बंद करने से जुडे विशेष प्रावधन उन उद्योग प्रतिष्ठानों पर लागू होने चाहिए जिनमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 300 है।
समिति के मुताबिक कोरोना संकट जैसी आपदा में इंडस्ट्री पर दबाव डाला नहीं जा सकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों में 14 दिन का क्वॉरन्टीन पूरा कर चुके अपने प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों तथा मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाया जाएगा।
कोरोना वायरस के चलते दिल्ली सरकार ने मकान मालिकों को एक महीने के लिए किराए की मांग नहीं करने के लिए सख्त आदेश दिए
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण परेशान मजदूरों की परेशानी कम करने तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर बिहार सरकार ने पहल शुरू कर दी है।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा और महामारी कानून की धाराओं 188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया है।
तेलंगाना में बिहार के 24 वर्षीय प्रवासी मजदूर ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली क्योंकि लॉकडाउन के कारण वह अपने घर नहीं लौट पाया।
नियंत्रण कक्षों के अधिकारियों की जानकारी और व्हाट्सएप नंबर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद
गुजरात के सूरत में शुक्रवार देर रात दिहाड़ी मजदूरों और श्रमिकों ने जमकर हंगामा किया। ये हंगामा शहर के दो इलाकों में किया गया। इन लोगों का कहना था कि लॉकडाउन की वजह से गुजारा मुश्किल हो गया है, इसलिए या तो काम शुरू करवाया जाए या इन्हें इनके घर जाने दिया जाए।
कर्मचारी भविष्य निधि सदस्य अब अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते में जमा राशि के 75 प्रतिशत तक अथवा 3 माह के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर राशि, जो भी कम हो, निकाल सकते हैं।
उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे इस थाना इलाके के चंद्रपुरा गांव से लोग बार-बार आ जा रहे थे। इसी बात से नाराज थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर ने इस मजदूर के माथे पर लिख दिया कि 'मैंने लॉकडाउन का उल्लंघन किया मुझसे दूर रहना'।
दिल्ली, नोएडा, गाजियबाद और गुरुग्राम से हजारों की तादाद में मजदूर कानपुर पहुंच चुके हैं, जो कभी भी बुंदेलखंड़ की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में संक्रमण बढ़ने के खतरे को नकारा नहीं जा सकता।
दिल्ली पुलिस ने रविवार को प्रवासी कामगारों को आनंद विहार बस अड्डे नहीं पहुंचने दिया। पुलिस ने बस अड्डे से पहले ही बैरिकेड लगाकर रास्ता रोक दिया और किसी को भी आगे नहीं बढ़ने दिया।
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