मौलाना महमूद मदनी के नेतृत्व वाले जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने यह भी कहा है कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय लिया था, हम उसको सही नहीं मानते हैं।
इजरायल हमास के आतंकियों को चुन-चुनकर मार रहा है। इस बीच इस्लामिक संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने बयान देते हुए कहा कि जो लोग इजरायल को सपोर्ट कर रहे हैं वो जालिम है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महमूद मदनी ने कहा कि भारत के स्वभाव से सांप्रदायिकता मेल नहीं खाती है।
विनोद बंसल ने आगे कहा कि विवाह और समान नागरिक संहिता पर जमीयत के रुख को लेकर कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत से तुलना करते हुए कहते हैं कि वे इन दोनों से न तो एक इंच आगे है और न ही एक इंच पीछे है।
उन्होंने कहा कि हमारा किसी कोई मतभेद या मनभेद नहीं है। महमूद मदनी ने कहा कि न तो सनातन धर्म के बढ़ने से किसी को कोई दिक्कत होनी चाहिए और न ही इस्लाम के बढ़ने से किसी को कोई दिक्कत होनी चाहिए।
PM Narendra Modi govt 8 years: मुसलमानों की संपत्तियों पर बुल्डोजर चलाए जाने के मुद्दे पर मदनी ने कहा, हम कोर्ट में इस मामले को लड़ेंगे। खरगोन के साथ-साथ तमाम बाकी जगहों पर सरकार ने निष्पक्ष तरीके से काम नहीं किया।
PM Narendra Modi govt 8 years: मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने तलाक, ज्ञानवापी और अजान व लाउडस्पीकर जैसे ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखी। जानिए अजान और लाउडस्पीकर विवाद पर क्या बोले मदनी?
जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा देवबंद में बुलाई गई एक बैठक के दौरान मौलवियों ने समुदाय को धैर्य रखने के लिए कहा और कहा कि भारत भी उनका है और जो मुसलमानों को पाकिस्तान जाने के लिए कह रहे हैं, वे खुद वहां चले जाएं। इस दौरान बैठक में ज्ञानवापी विवाद और यूसीसी के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किए गए।
देवबंद में जमीयत के जलसे के दौरान काशी और मथुरा में मंदिर-मस्जिद के विवाद के बीच मौलाना महमूद मदनी ने देश के मुसलमानों को बड़ा संदेश दिया है। देवबंद में चल रहे जमीयत के जलसे में मुस्लिम धर्म गुरू महमूद मदनी भावुक हो गए।
जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने एक बयान में कहा कि कुछ ‘शरारती लोग’ इस मामले के बहाने दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश में हैं, इसलिए इसमें संयम जरूरी है।
दिल्ली में स्थित निजामुद्दीन मरकज में एक कार्यक्रम में लगभग 2000 लोग भाग लेने आए हुए थे और उनमें से कई लोगों को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है और कुछेक की मृत्यु भी हुई है। मरकज में आए कई लोगों ने देश के अलग अलग भागों में यात्रा भी की है और मरकज में हुई इस लापरवाही की वजह से कोरोना वायरस का देश में कई जगहों पर फैलने की आशंका बढ़ गई है।
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