रिजर्व बैंक (RBI) इस बुधवार को अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर वर्तमान स्तर पर ही बनाए रख सकता है तथा उसका ध्यान महंगाई नियंत्रण पर केंद्रित रहने की संभावना है
RBI की मौद्रिक नीति समिति की अक्टूबर में हुई बैठक की जानकारियों से पता चलता है कि दिसंबर की बैठक में भी नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
सरकार को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती करेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्त वर्ष 2017-18 में बाकी बची अवधि के लिए नीतिगत दर को मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि रेपो दर में 0.25% की कटौती मुद्रास्फीति को नीचे रखते हुए देश की क्षमता के अनुसार मजबूत वृद्धि हासिल करने की दिशा में एक अहम कदम है
रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम कम होने का हवाला देते हुए प्रमुख नीतिगत दर में आज 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी। केन्द्रीय बैंक के इस कदम से आवास, वाहन और व्यक्तिगत कर्ज की मासिक किस्त ईएमआई का बोझ कम हो सकता है।
RBI की ब्याज दरों में कटौती के बाद आपकी कार और होम लोन की EMI घटने की पूरी संभावना है।
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि RBI की तरफ से कल ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती की जा सकती है जिससे घर और कार की EMI में कमी होने की उम्मीद बढ़ गई है
2 अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर सकता है।
महंगाई दर के न्यूनतम स्तर पर आने तथा औद्योगिक वृद्धि के 2% से नीचे जाने के कारण RBI पर मौद्रिक नीति में बदलाव लाने और नीतिगत दर में कटौती का दबाव बढ़ा है।
RBI ने 75 लाख रुपए से ज्यादा के लोन पर रिस्क वेटिज 75 फीसदी से कम कर 50 फीसदी कर दिया गया है। माना जा रहा है इस फैसले के बाद EMI सस्ती हो जाएगी।
रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) ने ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं करने का फैसला किया। फिलहाल रेपो रेट 6.25 फीसदी पर है।
Nomura की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ने के साथ रेपो रेट में आधी फीसदी तक की वृद्धि की जा सकती है।
RBIने गुरुवार को 2017-18 के लिए क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया। इस पॉलिसी में RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने बुधवार को अपनी दो दिवसीय बैठक शुरू की। ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है।
RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने बैंकों से अपील की है कि उन्हें पिछड़ रहे क्षेत्रों में ऋण की मांग को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए।
रियल एस्टेट सेक्टर को पूरी उम्मीद थी कि आरबीआई रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती करेगा, जिससे होम लोन सस्ता होगा और घर खरीदारों का मनोबल भी मजबूत होगा।
RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने इस साल लगातार दूसरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.25 फीसदी पर स्थिर रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) फरवरी में पेश होने वाली अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।
RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, सेंसेक्स 200 अंक गिरकर 26190 के स्तर पर है। वहीं, NSE का प्रमुख इंडेक्स निफ्टी में 40 अंक की आई गिरावट।
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