UK Strike: ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को देखते हुए ब्रिटेन सरकार ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की जगह देश के 1200 सरकारी कर्मचारियों को तैनात करने की घोषणा की है।
इनकी प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को समाप्त करना, किसी भी प्रकार के निजीकरण को रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को समाप्त करना, मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आवंटन बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना शामिल है।
बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, पुरानी पीढ़ी के निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा विदेशी बैंकों के करीब 30,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे।
ज्यादातर बैंकों ने इस हड़ताल और इससे उनकी सेवाओं पर पड़ने वाले असर के बारे में शेयर बाजारों को सूचित कर दिया है।
श्रम मंत्री गंगवार ने कहा कि अभी तक नीति निर्माण में ट्रेड यूनियनों की भागीदारी का कोई मानदंड नहीं था। श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधित्व के लिए कानूनी रूपरेखा बनानी जरूरी थी जिसके लिए यह विधेयक लाया गया है।
सरकार के एक तरफा श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संघों ने मंगलवार से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आहवान किया है। संघों ने एक संयुक्त बयान में सोमवार को जानकारी दी कि करीब 20 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे।
भारत पर केंद्रित एक अमेरिकी व्यापारिक संगठन ने भारत के साथ एक पूरी तरह उचित और द्विपक्षीय व्यापारिक भागीदारी की वकालत की है।
ग्रैच्युटी के नियम बदल सकते हैं। संभव है कि अब नए नियमों के तहत PF (भविष्य निधि) की तर्ज पर ग्रैच्युटी के पैसे भी आपकी सैलरी की राशि से काटी जाए।
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