Sunday, April 28, 2024
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स्पेन में मिला 3000 साल पुराना खजाना, आश्चर्यजनक और बिल्कुल अद्भुत, जानें क्या है खास?

स्पेन में 3000 साल पुराना खजाना मिला है लेकिन यह कोई आम खजाना नहीं है, इसमें जो मेटल प्रयोग किए गए हैं वे हमारे ग्रह यानी पृथ्वी के नहीं हैं। जानिए इस आश्चर्यजनक और अद्भुत खजाने के बारे में-

Kajal Kumari Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published on: February 18, 2024 11:17 IST
old treasure found in spain- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO स्पेन में मिला 3000 साल पुराना खजाना

स्पेन में 3000 साल पुराना खजाना मिला है, लेकिन यह कोई आम खजाना नहीं है क्योंकि इस खजाने में जो मेटल इस्तेमाल किए गए हैं, वे कथित तौर पर हमारे ग्रह यानी पृथ्वी के नहीं हैं, कहा जा रहा है कि इनका एलियंस से भी नाता हो सकता है। इस खजाने को लेकर जो ताजा स्टडी सामने आई है उसमें शोधकर्ताओं ने चौंकाने वाली बातें कही हैं। स्टडी में सामने आया है कि 3000 साल पहले बनी कुछ कलाकृतियों में इस्तेमाल किया हुआ मेटल इस ग्रह का नहीं है।

शोध में सामने आईं चौंकाने वाली बातें

इस बारे में Daily Mail की रिपोर्ट में कहा गया है कि विलेना के खजाने के बारे में वैज्ञानिकों ने नया विश्लेषण किया है जिसमें पाया गया कि 1963 में मिले खजाने में 59 गोल्ड प्लेटेड चीजें मिलीं हैं जिनमें से दो में उल्का पिंड में पाया जाने वाला लोहा इस्तेमाल हुआ है जो पृथ्वी ग्रह का नहीं है। तो फिर ये आया कहां से-

बता दें कि उल्कापिंडीय लोहा वह धातु है जो शुरुआती ब्रह्मांड का अवशेष है। यह लोहे और निकल से बने उल्का पिंडों में पाया जाता है। शोधकर्ताओं की टीम का मानना है कि खजाने में मिली गोल्ड कोटेड टोपी और ब्रेसलेट में दूसरे ग्रह के मेटल का इस्तेमाल किया गया है जो 10 लाख साल पहले धरती से टकराया होगा। स्टडी में कहा गया है कि उल्कापिंडीय लोहा एक खास तरह के पथरीले उल्का पिंडों में पाया जाता है जो मुख्यत: सिलिकेट के बने होते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक इसमें कोबाल्ट भी काफी मात्रा में होती है। 

उल्कापिंडों के बारे में पता चला

शोध में ये भी पता चला है कि हजारों सालों पहले धरती पर गिरने वाले उल्का पिंडों के मेटल का इस्तेमाल सजावटी चीजों जैसे आभूषण वगैरह में करना काफी चलन में था। तूतनखामुन के मकबरे में भी ऐसी ही सजावटी वस्तु पाई गई थी। इस खजाने के बारे में यह भी कहा गया है कि यह एक पूरे समुदाय से संबंधित है, न कि किसी शाही परिवार से इसका संबंध है।

कहा गया है कि खजाने का 90 प्रतिशत हिस्सा 23.5 कैरेट सोने से बनाया गया है और इसमें 11 कटोरे, 3 बोतलें और 28 कंगन भी मिले हैं। कलाकृतियों को आर्कियोलॉजिस्ट जोस मारिया सोलर ने दिसंबर 1963 में खोजा था। उस समय वे टीम के साथ विलेना से लगभग सात मील दूर 'रैंबला डेल पैनाडेरो' नामक एक सूखी नदी के तल की खुदाई कर रहे थे।

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