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मास्को में भारत-चीन रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद ग्लोबल टाइम्स ने उगला जहर, कहा- भारत के पास युद्ध जीतने का कोई मौका नहीं

ग्लोबल टाइम्स ने कहा, भारतीय जनमत बहुत गहराई से और व्यापक रूप से सीमा के मुद्दों में शामिल है। भारतीय सैनिकों का स्पष्ट रूप से घरेलू राष्ट्रवाद द्वारा अपहरण कर लिया गया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Sep 05, 2020 08:17 pm IST, Updated : Sep 05, 2020 08:17 pm IST
India china tension- India TV Hindi
Image Source : PTI India china tension

नई दिल्ली। भारतीय और चीनी रक्षा मंत्रियों के बीच शुक्रवार (4 सितंबर) की बैठक को एक सकारात्मक कदम करार देते हुए चीनी मीडिया ने शनिवार (5 सितंबर) को कहा कि सीमा युद्ध की स्थिति में भारत के पास जीतने का कोई मौका नहीं होगा। सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ निकटता से जुड़े ग्लोबल टाइम्स ने शनिवार को संपादकीय में कहा, 'हम भारतीय पक्ष को याद दिला रहे हैं कि चीन की राष्ट्रीय ताकत, जिसमें उसकी सैन्य ताकत भी शामिल है, भारत की तुलना में अधिक मजबूत है। हालांकि चीन और भारत दोनों महान शक्तियां हैं, मगर जब युद्धक क्षमता की बात आती है, तो भारतीय पक्ष हार जाएगा। यदि एक सीमा युद्ध शुरू होता है, तो भारत के पास जीतने का कोई मौका नहीं होगा।'

संपादकीय में कहा गया है, "हमें उम्मीद है कि रक्षा मंत्रियों की बैठक दोनों देशों के नेताओं की बैठक की सर्वसम्मति पर वापस आने के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ होगी। प्रत्येक पक्ष सीमा पर तनाव को कम करने के लिए अपना उचित प्रयास करेगा।" चीन का मुखपत्र कहलाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने शुक्रवार को मॉस्को में रक्षा मंत्रियों की बैठक का समर्थन किया है। हालांकि, वह इस तथ्य की ओर इशारा करता है कि सीमा पर भारतीय नीतियों को राष्ट्रवाद और जनमत (पब्लिक ओपिनियन) द्वारा निर्धारित किया जा रहा है।

ग्लोबल टाइम्स ने कहा, "भारतीय जनमत बहुत गहराई से और व्यापक रूप से सीमा के मुद्दों में शामिल है। भारतीय सैनिकों का स्पष्ट रूप से घरेलू राष्ट्रवाद द्वारा अपहरण कर लिया गया है। इसलिए, चीन और भारत के बीच सीमा विवाद के संयुक्त नियंत्रण के अलावा, भारत को सार्वजनिक राय और राष्ट्रवाद का प्रबंधन भी करना चाहिए। यह उनके देश और अपने लोगों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है।" ग्लोबल टाइम्स ने कहा, "अब समस्या यह है कि भारत ने सीमा मुद्दे पर एक आक्रामक रेखा खींची है, जो सीमा पर शांति और स्थिरता को बनाए रखने की चीन की इच्छा को एक कमजोरी के रूप में दशार्ती है।"

चीनी अखबार ने अमेरिका की ओर से भारत के प्रति समर्थन जताए जाने पर भी खीझ प्रकट की। इसने कहा, "नई दिल्ली के कुछ लोगों का यह भी मानना है कि अमेरिका के चीन के प्रति दमन और भारत के प्रति समर्थन ने भारत की सामरिक ताकत को बढ़ा दिया है।" चीनी अखबार ने इसे एक गलत अनुमान करार दिया है। चीनी स्टेट काउंसलर और रक्षा मंत्री वेई फेंघे और भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान मुलाकात की।

हाल के महीनों में सीमाओं पर तनाव बढ़ने के बाद से दोनों देशों के बीच यह सर्वोच्च स्तर की सैन्य बैठक थी। दोनों सेनाएं वर्तमान में पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी तट और रेकिन पर्वत र्दे पर आमने-सामने है और जमीन पर स्थिति काफी तनावपूर्ण है। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि तथ्य यह है कि दो रक्षा मंत्री आमने-सामने बैठे हैं, यह अपने आप में एक सकारात्मक संकेत है और दोनों देशों के लिए अपने सीमा विवादों का प्रबंधन करने और जमीन पर स्थिति को नरम करने के लिए आवश्यक माहौल प्रदान करता है।

चीनी अखबार के संपादकीय में कहा गया है, "चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वेई फेंघे और भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर भी 10 सितंबर को मिलने की योजना बना रहे हैं।" ग्लोबल टाइम्स ने वेई और सिंह के बीच बैठक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि चीन और भारत का यह मुद्दा एक बैठक में हल नहीं किया जा सकता है, लेकिन दो रक्षा मंत्रियों की भूमिका सीमा पर चल रहे गतिरोध को कम करने में महत्वपूर्ण होगी।

ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीन और भारत दोनों बड़ी शक्तियां हैं, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य संघर्ष के के लिए राष्ट्रीय बलों को जुटाने की क्षमता रखते हैं, लेकिन इस समय दोनों पक्षों को शांति बरतने और प्रमुख मुद्दों को स्पष्ट करने की आवश्यकता है। (IANS)

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