Friday, March 29, 2024
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जानिए पाकिस्तान के बेहद करीबी जालिम मियां का 'जालिम' इतिहास, रच रहा है भारत में कोरोना संक्रमण फैलाने की साजिश!

जालिम पर हिन्दू युवा संघ के अध्यक्ष काशी तिवारी की हत्या में संलग्न होने का भी आरोप है। पुलिस ने जालिम को इस हत्याकांड में गिरफ्तार कर कई महीनों तक हिरासत में रखा था। बाद में वह जमानत पर बाहर आया।

Nitish Chandra Written by: Nitish Chandra @NitishIndiatv
Published on: April 10, 2020 18:02 IST
Zalim Mian- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV जालिम मियां 

नई दिल्ली. पूरा भारत इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर जंग लड़ रहा है, लेकिन नेपाल बॉर्डर पर भारत को कोरोना के चक्रव्यूह में फंसाने की बड़ी साजिश हो रही है। खबर है कि नेपाल में बैठा जालिम मियां नाम का अपराधी कोरोना संदिग्धों को भारत में दाखिल कराने की साजिश रच रहा है। इस बात का खुलासा SSB की चिट्ठी में हुआ है। SB ने कोरोना वाली इस साजिश को लेकर बिहार के बेतिया के डीएम और एसपी को अलर्ट कर दिया है। एसएसबी ने जो चिट्टी लिखी है, उसमें साजिश के पीछे नेपाल के परसा के मेयर जालिम मुखिया का नाम लिखा है।

नेपाल के पत्रकार से मिली जानकारी के अनुसार, भारत के सीमावर्ती शहर रक्सौल से सटा नेपाल का शहर जालिम मियां के आतंक से दशकों से त्रस्त है। लकड़ी की तस्करी से शुरुआत करने वाले जालिम मियां पर आईएसआई के इशारे पर भारतीय जाली नोट के कारोबार से लेकर हिन्दूवादी नेता की हत्या तक इल्जाम है। हाल ही में नेपाल में हुए मुस्लिम धर्मावलंबियों की सबसे बड़े जलसे इज्तिमा के बहाने पाकिस्तानी नागरिकों को नेपाल बुलाने और उन्हें नेपाली परिचय पत्र उपलब्ध कराते हुए भारत के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात में भेजने का आरोप भी है।

पढ़ें- बॉर्डर पर कोरोना वाली साजिश! SSB की चिट्ठी में चौंकाने वाला खुलासा

अपराध पर राजनीति का पर्दा डाले हुए जालिम मियां को नेपाल के सत्तारूढ़ दल के अध्यक्ष और माओवादी नेता प्रचण्ड का वरदहस्त प्राप्त है। जालिम मियां एक जमाने में प्रतिबंधित लकड़ी की तस्करी करने के कारण कई बार हवालात के चक्कर काट चुका है। वह भारतीय खुफिया एजेंसियों की निगरानी में उस समय चढ़ गया था जब नेपाल में आईएसआई के हैंडलर यूनुस‌ अंसारी के कहने पर पाकिस्तान से आने वाले जाली भारतीय नोटों को भारत में पहुंचाने लगा था। उसके करीबी कई लोग जाली नोट के साथ गिरफ्तार होने के बाद वह कुछ सालों तक अंडरग्राउंड हो गया था।

इसी बीच जब नेपाल पुलिस ने आईएसआई के हैंडलर युनुस को गिरफ्तार किया और भारतीय खुफिया एजेंसियों ने आईएसआई के साथ मिलकर भारत विरोधी काम करने वालों का एनकाउंटर करना शुरू किया तो जालिम अपनी जान बचाने के लिए उस समय‌ के सबसे बड़े दल माओवादी में शामिल हो गया। अपनी राजनीतिक रसूख दिखाने के लिए जालिम ने तत्कालीन प्रधानमंत्री प्रचण्ड को हेलीकॉप्टर चार्टर्ड कर बुलाया था। 

जालिम पर हिन्दू युवा संघ के अध्यक्ष काशी तिवारी की हत्या में संलग्न होने का भी आरोप है। पुलिस ने जालिम को इस हत्याकांड में गिरफ्तार कर कई महीनों तक हिरासत में रखा था। बाद में वह जमानत पर बाहर आया। इसी बीच नेपाल में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में वह माओवादी की टिकट पर चुनाव लडा और भारतीय सीमा से सटे नेपाल के जगन्नाथ पुर गांव पालिका का प्रधान निर्वाचित हो गया।

इस साल 15-17 फरवरी को सप्तरी जिले में मुसलमानों का बहुत बड़ा जलसा तबलीगी जमात का इज्तिमा हुआ था जिसमें नेपाल, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, खाड़ी के देशों सहित करीब 14 देशों से मुसलमानों ने शिरकत की थी। इस में करीब ढाई से तीन लाख लोगों ने शिरकत की थी और इसका प्रमुख अतिथि वक्ता नई दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मस्जिद का मौलाना साद ही था।  पहले तो सुरक्षा का हवाला देते हुए नेपाल सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में आयोजकों ने नेपाल भारत के अलावा बाकी देशों के मुसलमानों को वापस भेजने की शर्त पर ही इस कार्यक्रम को करने की अनुमति दी गई थी।

लेकिन आयोजकों ने सरकार की आंख में धूल झोंक कर इस कार्यक्रम को पूरा कर लिया। बाद में मालूम चला कि पाकिस्तान से आने वाले सभी नेपाल में ही रह गए। इन सभी को जालिम मियां ने ही पनाह देकर रखा हुआ था। जब भारत में तबलीगी जमात का मामला सामने आया तो यहां भी अफरातफरी मची। सभी मुसलमानों को अलग-अलग मस्जिदों में छिपा दिया गया। नेपाल पुलिस ने छापा मार कर 50 से अधिक पाकिस्तानी मौलवियों को हिरासत में ले लिया है। जालिम मियां के घर से ही 11 पाकिस्तानी नागरिकों को नियंत्रण में लेकर क्वारंटाईन में रखा गया है।

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