Wednesday, April 24, 2024
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बम विस्फोटों पर राष्ट्रपति सिरीसेना के बयान के बाद श्रीलंका के पुलिस प्रमुख ने दिया इस्तीफा

श्रीलंका में इस्लामी चरमपंथी संगठन द्वारा किये ईस्टर नरसंहार को रोकने में नाकामी को लेकर अपने पद से इस्तीफा देने वाले अधिकारियों में अब नया नाम श्रीलंका के पुलिस प्रमुख का जुड़ गया है।

PTI Reported by: PTI
Published on: April 26, 2019 22:56 IST
People pay tribute to the victims of Sri Lanka terror...- India TV Hindi
People pay tribute to the victims of Sri Lanka terror attacks

कोलंबो: श्रीलंका में इस्लामी चरमपंथी संगठन द्वारा किये ईस्टर नरसंहार को रोकने में नाकामी को लेकर अपने पद से इस्तीफा देने वाले अधिकारियों में अब नया नाम श्रीलंका के पुलिस प्रमुख का जुड़ गया है। वहीं इनमें से एक आत्मघाती धमाके में इस्लामी चरमपंथी के एक शीर्ष नेता के मारे जाने की पुष्टि की गई है। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना जो कि देश के रक्षा मंत्री भी हैं ने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) जयसुंदरा ने ईस्टर नरसंहार को रोकने में सुरक्षा प्रतिष्ठानों की नाकामी को लेकर इस्तीफा दे दिया है क्योंकि इसी नाकामी की वजह से देश के इतिहास में सबसे बर्बर आतंकी हमला हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘आईजीपी ने कार्यवाहक रक्षा सचिव को अपना इस्तीफा भेजा है। मैं जल्द नए आईजीपी की नियुक्ति करूंगा।’’ जयसुंदरा के इस्तीफे से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो ने इस्तीफा दिया था। जयसुंदरा धमाकों की जांच के लिये राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष शुक्रवार को पेश हुए। समिति को दो सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

पूर्व खुफिया सूचना के बावजूद धमाकों को रोकने में नाकाम रहने की वजह से राष्ट्रपति सिरीसेना ने दोनों फर्नांडो और जयसुंदरा को पद से इस्तीफा देने को कहा था। शुक्रवार को थुसिथा पी. वनीगासिंघे को कार्यवाहक रक्षा सचिव नियुक्त किया गया। इससे पहले वह रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के तौर पर सेवा दे चुके हैं। शीर्ष अधिकारियों ने माना कि संभावित आतंकी हमलों के बारे में श्रीलंका को पहले से खुफिया सूचना मिली थी, लेकिन दोनों सिरीसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्हें यह सूचना नहीं मिली।

श्रीलंका में ईस्टर के दिन रविवार को तीन गिरजाघरों और तीन आलीशान होटलों को निशाना बनाकर नौ सिलसिलेवार आत्मघाती हमले हुए थे। इस्लामिक स्टेट संगठन ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है हालांकि सरकार इनके लिए स्थानीय इस्लामी चरमपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) को जिम्मेदार मान रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार रात को मरने वालों की संख्या में सुधार के बाद मृतक संख्या 253 बतायी और कहा कि ‘‘गणना में गड़बड़ी’’ की वजह से पहले 359 का आंकड़ा बताया गया था।

सिरिसेना ने कहा कि अधिकारियों ने एक मित्र देश से मिली खुफिया जानकारी उनके साथ साझा नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘उन सभी ने आपस में ही पत्रों का आदान-प्रदान किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जब पुलिस प्रमुख और रक्षा सचिव दोनों से मुझसे सूचना साझा नहीं करने का कारण पूछा तो वे चुप रहे।’’ उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के खुफिया अभियानों के लचर होने के कारण भी सुरक्षा में चूक हुई। उन्होंने कहा कि यह उन मुट्ठी भर सैन्य खुफिया अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी और सुनवाई का एक संकेत है जो पत्रकारों पर हमलों, उनकी हत्या, अपहरण तथा फिरौती के लिए जिम्मेदार रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में सत्ता संघर्ष इसलिए था क्योंकि उन्होंने सरकार के सुरक्षा बलों की कमजोरी की ओर इशारा किया था।

सिरीसेना ने कहा कि वह आतंकवाद से मुकाबले के लिए जल्द संयुक्त अभियान कमान की स्थापना करेंगे और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक घर की जांच की जाएगी। राष्ट्रपति ने इस बात की पुष्टि की कि शांगरी-ला होटल में हुए धमाके में एनटीजे का शीर्ष नेता श्रीलंकाई इस्लामी चरमपंथी जहरान हाशिम भी मारा गया। उसने होटल पर हमले का नेतृत्व किया और उसके साथ इलहाम अहमद इब्राहिम नामक एक और बम हमलावर था। राष्ट्रपति ने कहा कि यह सैन्य खुफिया से मिली सूचना है जो घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज पर आधारित है।

हमलों के बाद इस्लामिक स्टेट की ओर से जारी वीडियो में हाशिम (40) नजर आया था। वीडियो में कट्टरपंथी मौलवी काले रंग के लिबास और सिर पर पगड़ी बांधे राइफल के साथ पोज देते हुए नजर आ रहा था। वीडियो में उसके साथ सात नकाबपोश हमलावर भी थे। देश के मुस्लिम समुदाय को कई साल पहले इस मौलवी के बारे में चेतावनी दी गई थी। हालांकि आईएसआईएस के इस वीडियो से श्रीलंकाई मौलवी के आतंकवाद और ईस्टर बमबारी में संलिप्तता के पुख्ता सबूत मिल गए हैं।

हाशिम मूल रूप से पूर्वी तटीय क्षेत्र बट्टीकलोआ का रहने वाला है। राष्ट्रपति ने हालांकि द्वीपीय देश से अपील की है कि इन हमलों के मद्देनजर देश के समूचे अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को आतंकवादी के तौर पर नहीं देखा जाए। सिरीसेना ने कहा कि हमलों के बावजूद यहां की नौ प्रतिशत मुस्लिम अल्पसंख्यक आबादी को निश्चित रूप से आतंकवादी नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग एनटीजे पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार कर रहे हैं लेकिन ऐसा करने के लिये फिलहाल हमारे पास कोई कानून नहीं है। हमें नया कानून बनाना होगा। हम इसे जल्द करेंगे।’’

सिरीसेना ने बताया, ‘‘ऐसी सूचना थी कि करीब 130-140 आईएसआईएस संदिग्ध देश में हैं। करीब 70 को गिरफ्तार किया गया है। हम जल्द इसका (आतंकवाद का) खात्मा करने के लिये सभी को गिरफ्तार कर लेंगे।’’

पुलिस प्रवक्ता रूवन गुनासेकरा ने बताया कि ईस्टर हमलों की जांच के लिये सीआईडी के 15 अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है। शहर और कोलंबो के नजदीकी उपनगरों में वीरानी पसरी रही। अधिकतर कार्यालयों ने कर्मचारियों को घर से ही काम करने की अनुमति दी है। सेना प्रवक्ता ब्रिगेडियर सुमित अटापट्टू ने कहा, ‘‘पिछले 24 घंटे में अब तक किसी घटना की सूचना नहीं मिली।’’

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