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चीन की सेना ने दी चेतावनी, कहा 'ताइवान की स्वतंत्रता का मतलब है जंग'

चीन एक बार फिर ताइवान को लेकर 'लाल' हो गया है। चीनी सेना ने कहा है कि ताइवान के मसले पर वह बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगी। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : May 30, 2024 22:18 IST, Updated : May 31, 2024 6:20 IST
China Navy- India TV Hindi
Image Source : FILE AP China Navy

बीजिंग: चीन और ताइवन के बीच तनावपूर्ण संबंधों से पूरी दुनिया वाकिफ है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और उस पर कब्जा करना चाहता है। हाल ही में चीन ने ताइवान के समुद्री जलक्षेत्र में युद्धाभ्यास भी किया था। युद्धाभ्यास खत्म होने के बाद अब चीन की सेना की तरफ से बड़ा बयान दिया गया है। चीन की सेना ने कहा है कि 'ताइवान की स्वतंत्रता' का मतलब जंग है। चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस द्वीप में “अलगाववादी गतिविधियों” के समर्थन में विदेशी हस्तक्षेप को विफल करने के लिए तैयार है। चीनी सैन्य प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने मीडिया को बताया कि चीन का एकीकरण इतिहास की एक अपरिवर्तनीय प्रवृत्ति है और पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) “ताइवान की किसी भी स्वतंत्रता” का जवाब देने के लिए तैयार है।

ताइवानी नेता के भाषण से चिढ़ा चीन

चीनी सैन्य प्रवक्ता ताइवान के नए नेता लाई चिंग-ते द्वारा 20 मई को द्वीप के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण के दौरान दिए गए स्वतंत्रता समर्थक भाषण पर पूछे गए प्रश्न पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। लाई (64) को विलियम लाई के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने इस वर्ष जनवरी में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीतने के बाद स्वतंत्रता समर्थक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के अपने सहयोगी साई इंग-वेन का स्थान लिया। लाई ने हाल ही में ताइपे में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। 

क्या मानता है चीन 

चीन, ताइवान को एक विद्रोही प्रांत मानता है और कहता है कि इसे मुख्य भूमि के साथ फिर एकीकृत किया जाना चाहिए, भले ही इसके लिए बल का इस्तेमाल क्यों ना करना पड़े। लाई की डीपीपी पार्टी चीन से स्वतंत्रता नहीं चाहती है, बल्कि उसका मानना ​​है कि ताइवान पहले से ही एक संप्रभु राष्ट्र है। कर्नल वू ने कहा कि लाई का भाषण बलपूर्वक और बाहरी ताकतों पर निर्भर होकर “ताइवान की स्वतंत्रता” प्राप्त करने के उनके प्रयासों की स्वीकारोक्ति है। उन्होंने कहा कि पीएलए इसका दृढ़ता से विरोध करती है और उसने कड़े जवाबी कदम उठाए हैं।

तैयार है PLA

वू ने कहा, “ताइवान की स्वतंत्रता की मांग करने वाली अलगाववादी गतिविधियां ताइवान जलडमरूमध्य में शांति के लिए सबसे बड़ा वास्तविक खतरा हैं।” वू ने कहा कि पीएलए राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के मिशन पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से तैयार है, अत्यधिक सतर्क है, और “ताइवान की स्वतंत्रता” के किसी भी अलगाववादी प्रयास का मुकाबला करने और विदेशी हस्तक्षेप को विफल करने के लिए दृढ़ कार्रवाई करने के लिए तैयार है। (भाषा)

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