Friday, April 19, 2024
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G-7 में विश्व नेताओं ने की रूस पर और प्रतिबंध की तैयारी, भारत के लिए "दोस्ती निभाने संग दुनिया से कदमताल की अग्निपरीक्षा" जारी

दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक देशों के नेताओं ने ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (ज-7) की बैठक में यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस को दंडित करने के नए तरीके खोजने पर चर्चा की योजना बनाई है। विश्व के सभी नेता जी-7 में रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: May 19, 2023 12:35 IST
जापान में हो रहे जी-7 में शामिल होने पहुंचे विश्व के नेता- India TV Hindi
Image Source : AP जापान में हो रहे जी-7 में शामिल होने पहुंचे विश्व के नेता

दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक देशों के नेताओं ने ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (ज-7) की बैठक में यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस को दंडित करने के नए तरीके खोजने पर चर्चा की योजना बनाई है। विश्व के सभी नेता जी-7 में रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं। जी-7 शुरू होने से पहले जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने यूक्रेन के मुद्दे पर कई देशों की परख लेना का भी ऐलान किया था। उन्होंने एक कार्यक्रम में भारत का नाम लेकर यह भी कहा था कि भारत अंतरराष्ट्रीय शांति की अपील यूक्रेन के मसले पर पूरे विश्व में करता आ रहा है, लेकिन जब रूस के खिलाफ वोटिंग की बात आई तो उसने भाग नहीं लिया। ऐसे में अब जब विश्व नेता जापान में जी-7 में रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं तो ऐसे वक्त भारत के सामने रूस से अपनी दोस्ती निभाने के साथ विश्व के नेताओं से कदमताल मिलाकर चलने की दोहरी चुनौती है और यह किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। 

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान पहुंच जाएंगे। वैश्विक नेताओं ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कारण यूक्रेन पर मंडरा रहे परमाणु हमले के खतरे, उत्तर कोरिया द्वारा जारी मिसाइल परीक्षणों और चीन के तेजी से बढ़ते परमाणु जखीरे के मद्देनजर जापान ने परमाणु निरस्त्रीकरण को शिखर सम्मेलन का एक प्रमुख हिस्सा बनाने पर जोर दिया है। विश्व के नेताओं ने शुक्रवार को दुनिया के पहले युद्धकालीन परमाणु बम विस्फोट में मारे गए हजारों लोगों को समर्पित एक शांति उद्यान का दौरा किया। अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि सामूहिक तस्वीर खिंचवाने और सांकेतिक पौधारोपण के बाद रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का खुलासा किया जाएगा और उस पर पहले से लगाए गए प्रतिबंधों को लागू करने के प्रयास दोगुने करने एवं उसे जवाबदेह बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

रूस की 70 संस्थाएं हो सकती हैं ब्लैक लिस्टेड और 300 प्रतिबंधित

अमेरिका के एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर बताया कि अमेरिका की ओर से की जानी वाली कार्रवाई के तहत रूस के रक्षा उत्पादन से जुड़ी रूसी और अन्य देशों की करीब 70 संस्थाओं को काली सूची में डालना और 300 से अधिक व्यक्तियों, संस्थाओं, विमानों एवं पोतों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। अधिकारी ने बताया कि जी7 के अन्य देश भी रूस को और अलग-थलग करने तथा यूक्रेन पर हमला करने की उनकी क्षमताओं को कमजोर करने के लिए इस प्रकार के कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में जी7 के गैर-सदस्य अतिथि देशों के नेताओं को भी यह समझाने की कोशिश की जाएगी कि प्रतिबंधों को लागू करना इतना महत्वपूर्ण क्यों है। इसके अलावा, जी7 के सदस्य देशों ने चीन को लेकर चिंता जताने के संदर्भ में अकसर एकजुटता जताई है, लेकिन यह एक बड़ा सवाल है कि इन चिंताओं से निपटने के लिए कदम कैसे उठाए जाएं, क्योंकि जी7 देशों को जलवायु परिवर्तन, उत्तर कोरिया, यूक्रेन में युद्ध और बड़ी संख्या में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की ऋण समस्याओं से जुड़े मामलों में चीन के सहयोग की आवश्यकता है।

भारत है जी-7 का आमंत्रित सदस्य

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ मजबूत संबंधों में जी-7 के सभी देशों का बड़ा हित है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जी7 की बैठक में जी -7 के नेता चीन की ‘‘आर्थिक जबरदस्ती’’ को लेकर एक एकीकृत रणनीति का संयुक्त रूप से समर्थन करेंगे। जी-7 में जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और इटली के साथ-साथ यूरोपीय संघ भी शामिल हैं। कई अन्य देशों को भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है जिनमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया अतिथि देशों के रूप में सम्मेलन में भाग लेंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के ऑनलाइन तरीके से इसमें शामिल होने की संभावना है।

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