Friday, April 26, 2024
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WHO ने कहा- दुनिया में कहीं भी हर्ड इम्यूनिटी के हालात नहीं, सिर्फ वैक्सीन ही है विकल्प

महामारी के शुरुआती दिनों से ही यह दावा किया जा रहा था कि हर्ड इम्यूनिटी के जरिए दुनिया से इस महामारी को खत्म किया जा सकता है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का ताजा बयान ऐसी किसी भी संभावना पर पानी फेरता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 18, 2020 22:54 IST
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Image Source : AP FILE WHO ने ‘हर्ड इम्यूनिटी’ के जरिए कोरोना पर काबू पाए जाने के दावे को खारिज कर दिया है।

जिनेवा: कोरोना वायरस महामारी ने इस समय पूरी दुनिया की नाक में दम कर रखा है। एक तरफ इस घातक वायरस से संक्रमित होकर लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, तो दूसरी तरफ वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी बड़ा झटका लगा है। महामारी के शुरुआती दिनों से ही यह दावा किया जा रहा था कि हर्ड इम्यूनिटी के जरिए दुनिया से इस महामारी को खत्म किया जा सकता है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का ताजा बयान ऐसी किसी भी संभावना पर पानी फेरता है।

ब्रिटेन में हर्ड इम्यूनिटी का दावा फेल!

WHO ने ‘हर्ड इम्यूनिटी’ के जरिए कोरोना पर काबू पाए जाने के दावे को खारिज कर दिया है। संगठन ने कहा है कि दुनिया में अभी कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां कोरोना वायरस के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी के हालात नजर आ रहे हों। WHO ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी विशेष तौर पर टीकाकरण के माध्यम से हासिल की जाती है। बता दें कि कुछ समय पहले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने दावा किया था कि ब्रिटेन में लोगों के बीच हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो रही है और वे घातक कोरोना वायरस के फिर से पनपने पर उसका सामना कर सकते हैं। ।

’70 पर्सेंट लोगों में होनी चाहिए एंटीबॉडी’
अधिकांश वैज्ञानिकों का मानना है कि इस घातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत आबादी में घातक वायरस को शिकस्त देने वाली एंटीबॉडीज होनी चाहिए। वहीं, कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा 50 प्रतिशत आबादी के साथ होने पर भी हो सकता है। WHO ने कहा कि अधिकतर स्टडीज में सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत आबादी में ही ऐसी एंटीबॉडीज देखने को मिली हैं, जो लोगों को हर्ड इम्यूनिटी पैदा करने में सहायक हो सकते हैं। इतनी कम एंटीबॉडीज की दर से हर्ड इम्यूनिटी को नहीं पाया जा सकता इसलिए हमें इस तरफ नहीं देखना चाहिए।

क्या होती है यह ‘हर्ड इम्यूनिटी’ 
WHO का कहना है कि दुनिया की 50 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन होने के बाद ही इस महामारी पर काबू पाए जाने की उम्मीद है। आपको बता दें कि ’हर्ड इम्यूनिटी’ हम उस स्थिति को कहते हैं जब किसी संक्रामक बीमरी के प्रति आबादी का एक निश्चित हिस्सा इम्यून हो जाता है और बाकी आबादी में वायरस नहीं फैलता। हालांकि ऐसा तभी होता है जब पर्याप्त संख्या में लोग संक्रमित होने के बाद इम्यून हो गए हों।

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