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युद्ध और अपराध के दंश से बुझ रहा बचपन, संयुक्त राष्ट्र की ये रिपोर्ट उड़ा देगी नींद

दुनिया के विभिन्न देशों में युद्ध और अन्य अपराधों के शिकार हो रहे बच्चों की बढ़ती संख्या पर यूएन के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने सभी पक्षों से युद्ध में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, स्कूलों और अस्पतालों को हमलों से बचाने, और नागरिकों तथा युद्धकर्मियों के बीच स्पष्ट अंतर बनाए रखने की अपील की है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 20, 2025 10:42 IST, Updated : Jun 20, 2025 11:05 IST
संयुक्त राष्ट्र।
Image Source : AP संयुक्त राष्ट्र।

संयुक्त राष्ट्र: दुनिया के कई देशों के बीच चल रहे युद्ध और अन्य अपराधों के चलते बचपन की लौ बुझती जा रही है। दुनिया भर में हर साल हजारों बेगुनाह बच्चे मारे जा रहे हैं और अपंग भी हो रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने बच्चों की मौत और अपराध पर जो ताजा रिपोर्ट जारी की है, उसे पढ़कर आपके होश उड़ जाएंगे। यूएन की हाल ही में जारी एक वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में दुनियाभर में सशस्त्र संघर्षों के दौरान बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा 'अभूतपूर्व स्तरों' पर पहुंच गई है। रिपोर्ट का शीर्षक ‘चिल्ड्रन इन आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट’ है और इसे गुरुवार देर रात जारी किया गया।

25 फीसदी बढ़ी घटनाएं

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2024 में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों में पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि 2023 में दर्ज की गई 21 प्रतिशत वृद्धि से भी अधिक है। इस दौरान कई हजार बच्चों की मौत हो गई और काफी संख्या में नौनिहाल अपंग हो गए। 

हिंसा के प्रमुख केंद्र

  • गाज़ा और वेस्ट बैंक
  • कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य
  • सोमालिया
  • नाइजीरिया
  • हैती

यूएन ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि बच्चे युद्धों के दौरान लगातार जारी हिंसा, अंधाधुंध हमलों, शांति समझौतों की अनदेखी और गहराते मानवीय संकटों का खामियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि युद्ध की रणनीति में बच्चों पर हमले, भारी विस्फोटक हथियारों का रिहायशी इलाकों में प्रयोग और बच्चों की जबरन भर्ती जैसी घटनाएं शामिल हैं।

आंकड़े

  • कुल पुष्टि किए गए गंभीर अपराध: 41,370
  • इनमें से 36,221 अपराध वर्ष 2024 में हुए
  • शेष 5,149 अपराध पूर्व में हुए थे, लेकिन 2024 में सत्यापित किए गए
  • इन अपराधों में शामिल हैं, हत्या, अंग-भंग, अपहरण, यौन हिंसा, स्कूलों व अस्पतालों पर हमले, और मानवीय सहायता से बच्चों को वंचित करना।

इज़राइल और गाज़ा

  • संयुक्त राष्ट्र ने लगातार दूसरे वर्ष इजरायली सेना को 'काली सूची' में शामिल किया है।
  • 2024 में 7,188 गंभीर अपराध दर्ज किए गए
  • इनमें गाज़ा में 1,259 फलस्तीनी बच्चों की हत्या और 941 बच्चों के घायल होने की पुष्टि की गई

हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताए गए आंकड़े बहुत अधिक हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की सत्यापन प्रक्रिया कठोर मानदंडों पर आधारित है और जारी है। गुतारेस ने कहा कि वह “कब्जे वाले फिलस्तीनी क्षेत्रों और इज़रायल में बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों” से स्तब्ध हैं। उन्होंने इज़रायल से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने और बच्चों को विशेष सुरक्षा देने की अपील की।

अन्य देशों की स्थिति

  • कांगो: 3,418 बच्चों के खिलाफ 4,043 अपराध
  • सोमालिया: 1,992 बच्चों के खिलाफ 2,568 अपराध
  • नाइजीरिया: 1,037 बच्चों के खिलाफ 2,436 अपराध
  • हैती: 1,373 बच्चों के खिलाफ 2,269 अपराध

यूक्रेन युद्ध और रूस की भूमिका

  • रूस और उससे जुड़े सशस्त्र समूह तीसरे वर्ष भी 'काली सूची' में शामिल हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यूक्रेन में 673 बच्चों के खिलाफ 1,914 गंभीर अपराध किए गए हैं
  • गुतारेस ने यूक्रेन में बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है। (एपी)

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