Friday, March 29, 2024
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दिल्ली में होटल, जिम और साप्ताहिक बाजार खोलने पर सरकार ने उपराज्यपाल को फिर भेजी प्रस्तावों की फाइल

दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को दोबारा अपने प्रस्तावों की फाइल भेजी है। दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि दिल्ली में होटल, जिम और साप्ताहिक बाजार खोले जाएं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 06, 2020 18:04 IST
Delhi government again sent file of its proposals to Lieutenant Governor Anil Baijal- India TV Hindi
Image Source : PTI Delhi government again sent file of its proposals to Lieutenant Governor Anil Baijal

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को दोबारा अपने प्रस्तावों की फाइल भेजी है। दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि दिल्ली में होटल, जिम और साप्ताहिक बाजार खोले जाएं। इस मामले पर दिल्ली सरकार ने एलजी को कहा दिल्ली में अब लगातार कोरोना मामले कम हो रहे हैं, हालात लगातार सुधर रहे हैं। केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स के अनुरूप दिल्ली सरकार को फ़ैसला करने का हक़ है। देश मे कई राज्यों में मामले लगातार बढ़ रहे हैं और हालात लगातार बिगड़ रहे हैं लेकिन वहां होटल,जिम और साप्ताहिक बाज़ार खुल रहे हैं तो दिल्ली के लोगों को क्यों उनकी आजीविका कमाने से रोका जा रहा है?

इससे पहले एलजी ने सरकार के इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अनलॉक 3 के तहत होटलों और साप्ताहिक बाजारों की अनुमति देने संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के फैसले को खारिज कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, जैसे कि कोविड-19 की स्थिति ‘‘नाजुक’’ बनी हुई है और खतरा अभी दूर नहीं हुआ है, तो उसी के मद्देनजर उप राज्यपाल ने यह फैसला लिया है। 

इस बीच दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल के फैसले को ‘‘गलत’’ बताया और कहा कि कोविड-19 को नियंत्रित करते हुए शहर की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना उसकी ‘‘सर्वोच्च प्राथमिकता’’ है। उपराज्यपाल के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने कहा कि केंद्र को दिल्ली सरकार के फैसलों में दखल देना बंद करना चाहिए। 

सूत्रों ने बताया, ‘‘उपराज्यपाल ने अनलॉक 3 के तहत होटलों और साप्ताहिक बाजारों को अनुमति देने संबंधी सरकार के फैसले को खारिज कर दिया है।’’ उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘इस मामले पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा हुई और इस पर सहमति हुई कि बेशक कुछ सुधार हुआ है, लेकिन महामारी की स्थिति नाजुक बनी हुई है और खतरा अभी दूर नहीं हुआ है। इसलिए सतर्क दृष्टिकोण की जरूरत है।’’ 

अरविंद केजरीवाल सरकार ने शहर में होटलों को फिर से खोलने का बृहस्पतिवार को फैसला किया था। देर शाम जारी एक बयान में दिल्ली सरकार ने कहा, ‘‘दिल्ली की अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार और उसी समय कोविड-19 को नियंत्रित करना, दिल्ली सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री अर्थव्यवस्था को खोलने के हमेशा मजबूत पैरोकार रहे हैं।’’ सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हुए और कोविड-19 से बचाव के सभी आवश्यक उपायों को अपनाते हुए सात दिन के लिए प्रायोगिक आधार पर साप्ताहिक बाजारों को भी अनुमति दी गई थी। 

आप प्रवक्ता राघव चड्ढा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘केंद्र दिल्ली के लोगों को दर्द और दुख पहुंचाकर और दिल्ली की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार की अनदेखी करके पर पीड़ा में सुख ले रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में, हमने कई मौकों पर देखा है कि केंद्र दिल्ली सरकार के फैसलों में हस्तक्षेप करता आ रहा है।’’ 

चड्ढा ने कहा कि पहला उदाहरण घर पर पृथक रखने संबंधी मॉड्यूल का था जिसका केन्द्र ने पहले विरोध किया लेकिन बाद में लोगों के विरोध के बाद उसे फैसला वापस ले लिया जबकि दूसरा उदाहरण दिल्ली दंगों पर दिल्ली सरकार के वकीलों के पैनल पर था जबकि तीसरा उदाहरण होटलों को खोलने संबंधी दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को खारिज करना है। इस बीच, दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने चड्ढ़ा के इन आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ये बयान आप सरकार की हताशा को दिखाते हैं । पार्टी ने कहा कि होटलों में कारोबार बहाल होने की जरूरत है लेकिन स्वास्थ्य चिंताओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता। 

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