Friday, April 19, 2024
Advertisement

50 फीसदी छात्र ही ले पा रहे हैं ऑनलाइन क्लास

ऑनलाइन शिक्षा वर्तमान में कितनी उपयोगी और सार्थक है इसके लिए दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने छात्रों से फीडबैक लेने की बात कही है। छात्रों के माध्यम से एक महीने का डेटा तैयार किया जाएगा, जिससे यह पता लगेगा कि कितने प्रतिशत छात्र ऑनलाइन कक्षा ले पा रहे हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 14, 2020 17:45 IST
online- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE online

नई दिल्ली। ऑनलाइन शिक्षा वर्तमान में कितनी उपयोगी और सार्थक है इसके लिए दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने छात्रों से फीडबैक लेने की बात कही है। छात्रों के माध्यम से एक महीने का डेटा तैयार किया जाएगा, जिससे यह पता लगेगा कि कितने प्रतिशत छात्र ऑनलाइन कक्षा ले पा रहे हैं। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने सोमवार को कहा, कई छात्र ऑनलाइन क्लास में नहीं आ पा रहे हैं। इसका कारण स्मार्टफोन, इंटरनेट, वाईफाई, लेपटॉप, डाटा कनेक्शन, कम्प्यूटर आदि की सुविधाएं न होना है। विक्लांग छात्र इस व्यवस्था से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय का नया शैक्षिक सत्र 2020-21 कोविड-19 के चलते इस वर्ष तीन सप्ताह विलंब से शुरू हुआ है। फिलहाल अभी तीसरे और पांचवें सेमेस्टर की ऑनलाइन कक्षाएं लग रही हैं। इसके अंतर्गत द्वितीय व तृतीय वर्ष के छात्रों की कक्षाएं शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से ली जा रही हैं।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी हंसराज सुमन ने कहा, इन कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति 40 से 50 फीसदी है। जो छात्र ऑनलाइन कक्षा ले रहे हैं उनके पास भी अध्ययन सामग्री का अभाव है। छात्रों के पास सिलेबस और पुस्तकें भी नहीं है। एक घंटे की कक्षा में शिक्षक पढ़ा रहे हैं और छात्र मात्र सुन पा रहे हैं। पुस्तकों व अध्ययन सामग्री के अभाव में छात्रों की उपस्थिति बहुत कम है।

प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, कॉलेजों में ऑनलाइन एजुकेशन की कक्षाएं पिछले एक महीने से शुरू हो चुकी हैं, लेकिन कक्षाओं में आ रहे छात्रों के फीडबैक से पता चला है कि कई छात्र कक्षा नहीं ले रहे हैं। दिल्ली के कॉलेजों में पढ़ने वाले कई छात्र दिल्ली से बाहर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मेघालय, असम, गोवा आदि प्रदेशों से हैं। कई छात्रों के यहां इंटरनेट की सुविधाएं नहीं है या वे ऐसे क्षेत्रों से आते हैं जहां इंटरनेट की सुविधा, बिजली कम होती है। वहीं लॉकडाउन के चलते पुस्तकालयों और पुस्तकों की दुकानों तक छात्रों की पहुंच नहीं बन पा रही है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के अनुसार एक घंटे तक एक क्लास में किस तरह पढ़ाया जाए इसकी भी ठीक तरह से ओरिएंटेशन उनके पास नहीं है। शिक्षक स्वाभाविक रूप से अच्छा पढ़ा रहे हैं लेकिन छात्रों के फीडबैक से पता चलता है कि इस एक घन्टे के दौरान छात्रों से ठीक तरह से वातार्लाप न होने के चलते शिक्षक सिर्फ बोलता है और छात्र सुनते हैं।

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement