Friday, May 03, 2024
Advertisement

Tripura Elections 2023: भाजपा के खिलाफ ‘वोटों की सुनामी’ आएगी, लोग हिंसा से परेशान: कांग्रेस

उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा के खिलाफ वोटों की सुनामी आएगी। लोग निरंतर हिंसा से तंग आ चुके हैं, जिसकी आड़ में सत्ताधारी पार्टी द्वारा किए गए कोई भी विकास कार्य नजर नहीं आते।’

Bhasha Reported By: Bhasha
Updated on: February 10, 2023 14:58 IST
कांग्रेस- India TV Hindi
Image Source : पीटीआई कांग्रेस

अगरतला:  त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस-वाम गठबंधन का मानना है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ ‘‘वोटों की सुनामी’’ आएगी क्योंकि लोग सीमावर्ती राज्य में पांच साल से जारी ‘‘राजनीतिक हिंसा’’ से ‘‘निराश’’ हैं। कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के नेता सुदीप राय बर्मन ने एक साक्षात्कार में कहा कि गठबंधन प्रस्तावित ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ राज्य की मांग का समर्थन नहीं करता। उन्होंने कहा कि उनको लगता है कि चुनाव के बाद के परिदृश्य में टिपरा मोथा का एक ‘‘व्यावहारिक दृष्टिकोण’’ होगा। 

उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा के खिलाफ वोटों की सुनामी आएगी। लोग निरंतर हिंसा से तंग आ चुके हैं, जिसकी आड़ में सत्ताधारी पार्टी द्वारा किए गए कोई भी विकास कार्य नजर नहीं आते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा सरकार ने हमें जंगलराज की तरह पेश किया, विपक्ष की आवाज का गला घोंटा, कानून का कोई शासन नहीं है। मेरी भविष्यवाणी है कि कांग्रेस-वाम गठबंधन चुनाव में जीत हासिल करेगा।’’

पिछले साल फरवरी में कांग्रेस में शामिल हुए बर्मन

पांच बार के विधायक एवं राज्य के एक लोकप्रिय पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे बर्मन 2016 में छह कांग्रेस विधायकों के साथ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि ममता बनर्जी नीत पार्टी के राज्य पर अधिक ध्यान न देने का हवाला देते हुए वह एक साल बाद ही भाजपा में शामिल हो गए। ऐसा माना जाता है कि उनके समर्थकों के साथ उनके दलबदल ने 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राय राज्य में भाजपा नीत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। पिछले साल फरवरी में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि इतनी अधिक संख्या में वोट हमारे पक्ष में पड़ेंगे कि अगर चुनाव में धांधली की कोशिश भी की जाए, तो भी कोई फायदा नहीं होगा। यहां तक कि अगर वे (भाजपा) किसी पार्टी (के विधायकों को) को तोड़ने में कामयाब भी हो जाते हैं, तो भी कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि उनके पास संख्याबल होने की संभावना नहीं है। खरीद-फरोख्त यहां मुश्किल होगी, यहां के लोग राजनीतिक रूप से बहुत जागरूक हैं। ’’ त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार के वारिस द्वारा एक साल पहले शुरू की गई टिपरा मोथा पार्टी की ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग पर बर्मन ने कहा, ‘‘ यह एक व्यावहारिक मांग नहीं है क्योंकि त्रिपुरा की सीमा तीन ओर से बांग्लादेश से लगती हैं, हम इस मांग का समर्थन नहीं करते हैं।’’ 

प्रस्तावित ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ राज्य में विभिन्न राज्यों के हिस्से और यहां तक कि बांग्लादेश का एक हिस्सा भी शामिल है। बर्मन ने कहा कि स्वदेशी समुदाय के नेतृत्व को मांग करने का अधिकार है, हालांकि आदिवासी क्षेत्रों में अधिक विकास की मांग पूरी करने के कई तरीके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे स्वदेशी लोगों में उन क्षेत्रों में विकास की रफ्तार को लेकर नाराजगी है जहां वे रहते हैं। हमें लगता है कि संवैधानिक परिवर्तनों की जरूरत है।’’

बर्मन ने कहा कि संसद में लंबित 125वें संशोधन विधेयक के पारित होने से इस दिशा में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ इसके पारित होने का मतलब त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) को अधिक धन मिलेगा, त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली, अधिक कार्यकारी शक्तियां सुनिश्चित होंगी और हम उन उपायों का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।’’ राय प्रतिष्ठित अगरतला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना दो मार्च को होगी। राज्य में कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। 

ये भी पढ़ें

तुर्की-सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 21 हजार के पार, WHO महासचिव टेड्रोस सीरिया रवाना

पीएम मोदी आज मुंबई को एक साथ दो वंदे भारत एक्सप्रेस की देंगे सौगात, तीर्थयात्रियों के लिए वरदान साबित होगी ट्रेनें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News News in Hindi के लिए क्लिक करें चुनाव 2024 सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement