Thursday, December 12, 2024
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शायरी की एक लाइन और लिख डाला पूरा गाना, मजरूह सुल्तानपुरी के इस रोमांटिक गाने का आज भी नहीं है कोई मुकाबला

कुछ पुराने गाने हैं, जो आज की जनरेशन के बीच भी उतने ही पसंद किए जाते हैं, जितना कि उनके माता-पिता या दादा-दादी के बीच पसंद किए जाते थे। इन गानों के हर अल्फाज जज्बातों और भावनाओं से भरे होते हैं।

Written By: Priya Shukla
Published : May 30, 2024 11:34 IST, Updated : May 30, 2024 11:56 IST
majrooh sultanpuri- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM मजरूह सुल्तानपुरी ने कई खूबसूरत गीतों की रचना की है।

हर साल जाने कितने ही गाने रिलीज होते हैं। आज के जमाने में तो ये गाने रिलीज होते ही दर्शकों के बीच पहुंच जाते हैं। यूट्यूब, सोशल मीडिया और अलग-अलग म्यूजिक एप्स में तुरंत ये गाने धड़ल्ले से छा जाते हैं, जिसके चलते जैसे ये तेजी से लोकप्रिय होते हैं उसी तेजी से लोगों के बीच इनका क्रेज भी खत्म हो जाता है। हालांकि, कुछ गाने इतने यादगार होते हैं कि चाहे कितना ही वक्त बीत जाए, इन गानों का चार्म नहीं मरता। ऐसे ही कुछ पुराने गाने हैं, जो आज की जरनेशन के बीच भी उतने ही पसंद किए जाते हैं, जितना कि उनके माता-पिता या दादा-दादी के बीच पसंद किए जाते थे। इन गानों के हर अल्फाज जज्बातों और भावनाओं से भरे होते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही गीत के बारे में बताएंगे, जिसे सुनकर आज भी लोग कहीं खो से जाते हैं।

चिराग फिल्म का खूबसूरत गाना

ये गीत सुनील दत्त और आशा पारेख पर फिल्माया गया था। इस गीत के बोल कुछ ऐसे हैं, जिन्हें सुनकर आप भी कहेंगे कि किसी की आंखों की तारीफ के लिए इससे बेहतर शब्द और क्या हो सकते हैं. इस नगमे को सुनकर आपके मन में भी यही विचार आएगा कि इसके सिंगर की जितनी तारीफ की जाए कम है. हालांकि, इस गाने को गाने वाले जितनी तारीफ के हकदार हैं, उससे कहीं ज्यादा इस यादगार नगमे को शब्दों से पिरोने वाले लिरिसिस्ट हैं। इस गाने के लिरिसिस्ट मजरूह सुल्तानपुरी हैं, जिन्होंने सिर्फ एक लाइन सुनकर ही इस खूबसूरत गीत की रचना कर दी थी।

सुनील दत्त-आशा पारेख पर फिल्माया गया खूबसूरत गीत

हम यहां जिस खूबसूरत गीत की बात कर रहे हैं वो 'तेरी आंखों के सिवा दुनिया मे रखा क्या है' है, जो चिराग फिल्म का है। इस खूबसूरत गाने को सुनील दत्त और आशा पारेख पर फिल्माया गया था। इस गाने को तैयार करने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। दरअसल, इस गाने के लिए डायरेक्टर राज खोसला ने मजरूह सिल्तान पुरी से संपर्क किया था। उन्होंने मजरूह सुल्तानपुरी को फैज अहमद की गजल 'मुझसे पहली सी मोहब्बत मेरी महबूब न मांग' की एक लाइन 'तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है' दी और गाना लिखने को कहा।

कैसे तैयार हुआ 'तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है'

राज खोसला ने कहा कि मुझे इस लाइन पर एक गाना बनाना है। सुतने ही मजरूह सुल्तानपुरी ने उनकी ये बात मान ली और देखते ही देखते इस खूबसूरत गीत को रच डाला। जब फिल्म रिलीज हुई और दर्शकों ने ये गाना सुना तो मंत्रमुग्ध हो गए। ये फिल्म जितनी पसंद की गई उससे कहीं ज्यादा इसके गाने के चर्चे रहे। इस गाने को मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर ने आवाज दी और मदन मोहन जोशी ने इसका म्यूजिक दिया।

दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड पाने पाले पहले बॉलीवुड लिरिसिस्ट 

बता दें, मजरूह सुल्तानपुरी ने कई खूबसूरत और चर्चित नगमे लिखे हैं। 'दोस्ती' फिल्म का गाना 'चाहूंगा मैं तुझे शाम सवेरे' भी उन्होंने ही लिखा था। इस गाने के लिए उन्हें फिल्म फेयर बेस्ट लिरिसिस्ट के अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके अलावा उन्हें 1993 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी नवाजा गया और ये प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाले वह पहले बॉलीवुड लिरिसिस्ट थे। मजरूह सुल्तानपुरी का जन्म 1 अक्टूबर 1919 में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुआ था और 24 मई साल 2000 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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