
Israel Iran War: इजरायल और ईरान के बीच जंग जारी है। दोनों ही देश एक दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं। जंग के बीच अमेरिका ने भी संकेत दे दिए हैं कि वह इजरायल के साथ मिलकर ईरान पर हमले कर सकता है। अमेरिका और इजरायल दोनों तकनीकी रूप से अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, वहीं ईरान ने भी अपनी सैन्य क्षमता में लगातार इजाफा किया है, खासकर मिसाइलों के क्षेत्र में। अब ऐसे में सवाल उठता है कि अगर अमेरिका और इजरायल एक साथ हमला करते हैं तो क्या ईरान जंग में टिक पाएगा? आइए इस सवाल का जवाब मिसाइलों और फाइटर जेट की तुलना से खोजने की कोशिश करते हैं।
मिसाइल पावर में आगे कौन?
इजरायल और ईरान दोनों ही पश्चिम एशिया के अहम देश हैं और इनकी सैन्य शक्तियों की तुलना करने पर पता चलता है कि दोनों देशों के पास हथियारों का जखीरा है। इजरायल और अमेरिका का गठजोड़ या फिर ईरान, किसकी सेना में कितना दम है, यह आंकड़ों से साफ हो जाएगा। तो चलिए सबसे पहले एक नजर मिसाइल पावर पर डालते हैं।
ईरान के पास जिस तरह मिसाइलें है वो क्षेत्रीय स्तर पर खतरनाक हैं। लेकिन, इजरायल और अमेरिका के पास अत्याधुनिक इंटरसेप्टर सिस्टम हैं, जो अधिकांश ईरानी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर सकते हैं। अमेरिका की मिसाइल शक्ति तो वैश्विक स्तर पर है, जो ईरान के लिए मुकाबले से बाहर की बात है।
फाइटर जेट तुलना
मिसाइल पावर की तुलना करने के बाद फाइटर जेट्स की तुलना करने पर पता चलता है कि यहां ईरान काफी पीछे हैं। ग्लोबल फायर पावर की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के पास युद्ध के लिए हमेशा 13 हजार एयरक्राफ्ट तैयार रहते हैं। इजरायल के पास 612 युद्धक विमान हैं। ईरान के पास कुल 551 एयरक्राफ्ट मौजूद हैं।
ईरान की वायु सेना पुरानी तकनीकों पर आधारित है। Su-35 से कुछ मजबूती मिलेगी, लेकिन वह भी इजरायल-अमेरिका की संयुक्त वायु शक्ति के आगे कमजोर साबित होगी। इज़रायल के F-35I Adir जेट बेहद स्टेल्थ तकनीक से लैस हैं और रडार से बच निकलते हैं, जो ईरान के लिए बड़ा खतरा हैं। एयर पावर में अंग अमेरिका भी इजरायल के साथ आ जाता है तो ईरान कहीं भी टिकने की हैसियत नहीं रखता है।
रक्षा बजट के मामले में क्या है ईरान का हाल?
किसी देश की सैन्य ताकत का आकलन उसके रक्षा बजट और अन्य देशों के साथ गठबंधन से भी लगाया जा सकता है। यहां रक्षा बजट के मामले में भी ईरान इजरायल से पीछे है। सैन्य बजट के मामले में अमेरिका का तो कोई मुकाबला ही नहीं है। अमेरिका और इजरायल के रक्षा बजट की तुलना ईरान के साथ बेमानी ही होगी।
परमाणु शक्ति में कौन कहां है?
सक्रिय सैनिकों की संख्या के मामले में ईरान इजरायल से काफी आगे है। ईरान के पास कुल सक्रिय सैनिकों की संख्या 5.75 लाख है जबकि इजरायल के पास यह संख्या 1.73 लाख है। बात करें परमाणु हथियारों की तो इजरायल ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के बारे में कभी सार्वजनिक रूप से नहीं स्वीकारा है, लेकिन माना जाता है कि उसके पास परमाणु हथियार हैं। दूसरी ओर, ईरान का परमाणु कार्यक्रम ही इस जंग की वजह बन गया है। इजरायल ने जंग के दौरान ईरान के परमाणु संयंत्रों को भारी नुकसान पहुंचाया है। बात अमेरिका की करें तो इसके पास परमाणु हथियारों का जखीरा मौजूद है।
साइबर क्षमता में कहां है ईरान?
इजरायल साइबर युद्ध के मामले में भी ईरान से काफी आगे है। इजरायल के पास उन्नत साइबर सुरक्षा क्षमताएं हैं और वह साइबर हमलों का प्रभावी ढंग से मुकाबला भी कर सकता है। ईरान भी साइबर युद्ध में सक्रिय है, लेकिन उसकी क्षमताएं इजरायल के मुकाबले सीमित हैं। तकनीकी स्तर पर भी ईरान अमेरिका और इजरायल से बहुत पीछे है।
इजरायल-अमेरिका साथ आए तो क्या होगा?
देखा जाए तो सैन्य शक्ति की तुलना में इजरायल और ईरान दोनों के पास अपनी-अपनी क्षमताएं हैं। इजरायल की उच्च तकनीकी सैन्य क्षमताएं और मजबूत गठजोड़ उसे अहम बढ़त देती हैं तो ईरान की बड़ी जनसंख्या, क्षेत्रफल और बैलिस्टिक मिसाइलों का जखीरा उसे क्षेत्रीय शक्ति बनाता है। दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति में, कई कारक प्रभावित करेंगे कि कौन ताकतवर साबित होगा। लेकिन, अगर इजरायल और अमेरिका साथ आ जाते हैं और ईरान को अकेले इनका मुकाबला करना पड़ा तो उसके टिकने की संभावना बेहद कम होगी।
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