Saturday, July 27, 2024
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Explainer: अरविंद केजरीवाल के PA बिभव पर लगी धाराएं कितनी गंभीर? जानें किस मामले में कितनी हो सकती है सजा

राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के पूर्व पीएस बिभव कुमार के खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज कराई है। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि आखिर आईपीसी की किन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है और ये धाराएं कितनी संगीन हैं।

Written By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published on: May 18, 2024 12:25 IST
How serious charges imposed on Arvind Kejriwal's PA Vibhav BY SWATI MALIWAL Know how much punishment- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV अरविंद केजरीवाल के PA बिभव पर लगी धाराएं कितनी गंभीर?

राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार के बीच का विवाद नया रंग ले चुका है। आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा जा रहा है कि स्वाति मालीवाल भाजपा के इशारों पर काम कर रही हैं। वहीं स्वाति मालीवाल बार-बार कह रही है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा बिभव कुमार को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस बाबत केस दर्ज कर लिया है। बिभव के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 354, 506, 509 और 323 के तहत केस दर्ज किया है। ऐसे में यह जानना बेहद अहम है कि अगर बिभव कुमार पर दोष साबित होता है तो उन्हें कितनी सजा होगी। 

बिभव कुमार पर लगे ये मुकदमें, क्या कहती हैं धाराएं?

  • आईपीसी की धारा 323: किसी भी शख्स को जानबूझकर चोट पहुंचाने से संबंधित है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर एक साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।
  • आईपीसी की धारा 354 बी: इस धारा के आरोपी के खिलाफ महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग करने का केस बनता है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपी की तीन से सात साल तक की सजा हो सकती है। 
  • आईपीसी की धारा 506: से आपराधिक धमकी से जुड़ा हुआ है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है। 
  • आईपीसी की धारा 509: किसी भी महिला को अपमानित करने के लिए कुछ कहना, इशारे करना या कुछ हरकत करने से जुड़ा हुआ है। इस केस में दोषी पाए जाने पर अधिकतम दो साल या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।
  • आईपीसी की धारा 308: गैर इरादतन हत्या की धारा में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सात साल की सजा के साथ जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। 
  • आईपीसी की धारा 341: अगर कोई व्यक्ति किसी को गलत तरीके से रोकता है तो उसे एक महीने तक की जेल या 500 रुपये तक का जुर्माना दोनों भरना पड़ सकता है। यह एक जमानती और संज्ञेय अपराध है। 

क्या कहते हैं वकील?

बिभव कुमार के ऊपर लगी इन धाराओं में अगर उन्हें दोषी पाया जाता है तो उन्हें सजा के साथ-साथ जुर्माने का भी भुगतान करना पड़ सकता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए वकील मुरारी तिवारी ने कहा कि बिभव कुमार पर आईपीसी की धारा 308, 323, 506, 509, 354 बी, 341 लगाए गए हैं। इसमें 2 धाराएं यानी सेक्शन 308 और 354 बी गैर जमानती धाराएं हैं। इस धारा के आरोपी व्यक्ति को कोर्ट से अंतरिम जमानत लेनी होती है। अगर आरोपी व्यक्ति ऐसा नहीं करता तो पुलिस जब चाहे उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है। 

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