
अमरेली (गुजरात): गुजरात के अमरेली में मुजियासर गांव की प्राइमरी स्कूल में एक विचित्र घटना सामने आई। इस घटना ने सबको हैरत में डाल दिया है। यहां एक प्राइमरी स्कूल ( प्राथमिक विद्यालय ) की क्लास 5 से 7 तक के करीब 40 छात्रों ने एक 'डेयर गेम' के तहत पेंसिल शार्पनर के ब्लेड से कथित तौर पर खुद को घायल कर लिया। यह घटना करीबन एक सप्ताह पहले हुई थी स्कूल के बच्चे ने घर पर किसी को बताया नहीं लेकिन कुछ बच्चों के माता-पिता को यह नजर आया और पूछताछ की तो बच्चों ने हकीकत बयां कर दी। यह हकीकत जब सामने आई तो पुलिस प्रशासन, गांव के मुखिया और शिक्षण विभाग के आला अधिकारी स्कूल पहुंचे और जांच शुरू की।
पुलिस उपाधीक्षक (DSP) जयवीर गढवी के अनुसार अमरेली जिले के बागसरा में मोटा मुंजियासर प्राथमिक विद्यालय के छात्रों ने एक दूसरे को चुनौती दी कि या तो वे खुद को चोट पहुंचायें या ऐसा न करने पर 10 रुपये का भुगतान करें। उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों ने अपने हाथों पर ब्लेड से वार किया।’’
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
यह मामला तब प्रकाश में आया जब इस तरह की घटना से चिंतित एक अभिभावक ने स्कूल प्रशासन को इसकी जानकारी दी। तत्काल अभिभावक-शिक्षकों की बैठक बुलाई गई, लेकिन बाद में अभिभावकों ने पुलिस से संपर्क करके मामले की गहन जांच की मांग की। गढ़वी ने कहा कि घटना की रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई आपराधिक इरादा नहीं पाया गया, लेकिन अगर कोई आपराधिक कृत्य सामने आता है, तो पुलिस उसके अनुसार कार्रवाई करेगी।
पुलिस की एक टीम ने स्कूल का दौरा किया और अभिभावकों के बयान दर्ज किए। स्कूल में लगभग 300 छात्र हैं, इसलिए अधिकारी अब छात्रों के कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सुनिश्चित करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
छात्रों की करायी जाएगी काउंसलिंग
जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी किशोर मियानी ने कहा कि छात्रों की काउंसलिंग करायी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम घटना के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों को समझने के लिए शिक्षकों और अभिभावकों के साथ चर्चा करेंगे। छात्रों को (खुद को चोट पहुंचाने के लिए) प्रेरित करने वाले स्रोत या कारक को समझना महत्वपूर्ण है। हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि वे ऐसा करने के लिए कैसे प्रेरित हुए।’’ गुजरात के शिक्षा विभाग ने सर्कुलर जारी करबच्चों को मोबाइल से दूर रहने का और सभी स्कूलों के टीचर से कहा गया है कि ऐसी सूचना देनी चाहिए ताकि भविष्य में और कोई घटना घटे।
रिपोर्ट-सूर्यकांत चौहान, अमरेली