Saturday, April 27, 2024
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पूर्व कुश्ती कोच को फांसी की सजा, अखाड़े में ही 4 साल के बच्चे सहित 6 लोगों को उतारा था मौत के घाट

सोनीपत जिले के बड़ौदा गांव के निवासी सुखविंदर ने 12 फरवरी, 2021 को मनोज मलिक, उनकी पत्नी साक्षी मलिक और बेटे सरताज, कुश्ती कोच सतीश कुमार तथा प्रदीप मलिक और पहलवान पूजा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: February 24, 2024 17:35 IST
कोर्ट ने पूर्व कुश्ती...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO कोर्ट ने पूर्व कुश्ती कोच को फांसी की सजा सुनाई है।

हरियाणा के रोहतक की एक अदालत ने फरवरी 2021 में चार साल के बच्चे समेत छह लोगों की हत्या के लिए शुक्रवार को कुश्ती के पूर्व कोच को मौत की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गगन गीत कौर ने सुखविंदर को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) समेत विभिन्न धाराओं और शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए 1.26 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

क्या है पूरा मामला

पुलिस के अनुसार सोनीपत जिले के बड़ौदा गांव के निवासी सुखविंदर ने 12 फरवरी, 2021 को मनोज मलिक, उनकी पत्नी साक्षी मलिक और बेटे सरताज, कुश्ती कोच सतीश कुमार तथा प्रदीप मलिक और पहलवान पूजा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने बताया कि रोहतक में एक निजी कॉलेज से सटे कुश्ती स्थल पर हुई घटना के दौरान एक अन्य व्यक्ति अमरजीत घायल हो गया था। पुलिस ने तब कहा था कि सुखविंदर ने अपने खिलाफ कई शिकायतों के कारण सेवाएं समाप्त कर दिए जाने के बाद गुस्से में आकर यह अपराध किया था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुखविंदर सिंह ने हत्या की साजिश तब रची जब पीड़ितों में से एक पहलवान पूजा ने उसके खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत के बाद अमरजीत दलाल ने सिंह को रोहतक के मेहर सिंह अखाड़े के कुश्ती कोच की नौकरी से निकाल दिया था। कोच मनोज मलिक ने 2021 में सिंह से कहा कि अब वो अखाड़ा आना छोड़ दें। इसके बाद सुखविंदर ने हत्या की योजना बनाई। सिंह ने पहले कोच प्रदीप को मार डाला। उसके बाद उसने मनोज और सतीश को गोली मारी फिर उसने साक्षी मलिक, पूजा और साक्षी के बेटे की भी हत्या कर दी। अधिकारी ने आगे कहा कि सिंह ने अखाड़े के एक कमरे में तीन कोचों की हत्या की। जबकि उसने दूसरे कमरे में दो महिलाओं समेत एक बच्चे की हत्या कर दी और फिर कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। घटना के एक दिन बाद 13 फरवरी को सुखविंदर सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया था।

कोर्ट ने क्या कहा?

अदालत ने अपने आदेश में कहा, “यह मामला दुर्लभतम की श्रेणी में आता है। ऐसी परिस्थितियों में, इस अदालत के पास आजीवन कारावास के बजाय मौत की सजा के अलावा कोई विकल्प नहीं है।” न्यायाधीश ने कहा कि जब तक पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय मौत की सजा की पुष्टि नहीं कर देता तब तक सजा पर अमल नहीं किया जाएगा। (भाषा)

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