बिगड़ती जीवनशैली और खराब खानपान की वजह से लोग लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। यूरिक एसिड भी लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्या है। जब शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है जब जोड़ों में असहनीय दर्द होने लगता है और उठना-बैठन भी दूभर हो जाता है। इस गंभीर समस्या से टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी भी परेशान थीं। हाल ही में एक इंटरव्यू में श्वेता तिवारी ने बताया है कि उन्हें हाई यूरिक एसिड था। इस परेशानी को कंट्रोल करने के लिए एक्ट्रेस ने अपनी डाइट में कॉफी को शामिल किया। कॉफी का सेवन करने से यूरिक एसिड कंट्रोल होता है। जिन लोगों का यूरिक एसिड अधिक है, उनके लिए कॉफी एक अच्छा पेय है? अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से कॉफी पीने से हाई यूरिक एसिड का स्तर कम होता है जिससे गाउट का जोखिम कम हो सकता है। चलिए जानते हैं यूरिक एसिड में कॉफी का इस्तेमाल कैसे करें?
यूरिक एसिड में कॉफी है फायदेमंद:
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए श्वेता तिवारी ने अपनी डाइट में कॉफी को शामिल किया। श्वेता तिवारी के मुताबिक़, कॉफी में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में फ़ायदेमदं है।यूरिक एसिड में दूध वाली नहीं बल्कि ब्लैक कॉफी का सेवन करना चाहिए। यानी यूरिक एसिड में बिना चीनी और दूध वाली कॉफ़ी फायदेमंद है।
यूरिक एसिड में कॉफी कैसे करता है काम?
हाई यूरिक एसिड की समस्या मे ब्लैक कॉफी फायदेमंद है। कॉफी में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में बने प्यूरीन केमिकल को तोड़ते हैं। कॉफ़ी में क्लोरोजेनिक एसिड जैसे कंपाउंड पाया जाता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है।यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है, कॉफी ज़ैंथिन ऑक्सीडेज को रोकती है, जो यूरिक एसिड के प्रोडक्शन में शामिल एक एंजाइम है जो इसके अनिमित स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। कॉफी में मौजूद कैफीन और पॉलिफिनॉल्स गाउट की समस्या कम करता है
एक दिन में कितनी बार पिएं कॉफी ?
कॉफी पीने से बढ़ा हुआ यूरिक एसिड शरीर से बाहर निकल जाता है इसलिए एक दिन में 1 से 2 कप ब्लैक कॉफी पीना चाहिए। । कैफीनयुक्त और कैफीन रहित दोनों तरह की कॉफी यूरिक एसिड को कम करने के मामले में लाभकारी हैं।