Tuesday, May 21, 2024
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बोरवेल में अब भी फंसा है बच्चा, 100 घंटे से अधिक वक्त बीता

पंजाब के संगरूर जिले में डेढ़ सौ फुट गहरे बोरवेल में गिरे दो साल के बच्चे को बचाने का प्रयास सोमवार को भी जारी रहा। 

Reported by: Bhasha
Published on: June 10, 2019 22:30 IST
Punjab Borewell- India TV Hindi
Image Source : ANI Punjab Borewell

संगरूर (पंजाब): पंजाब के संगरूर जिले में डेढ़ सौ फुट गहरे बोरवेल में गिरे दो साल के बच्चे को बचाने का प्रयास सोमवार को भी जारी रहा। जिले के भगवानपुरा गांव में अपने घर के पास सूखे पड़े इस बोरवेल में गुरूवार शाम को फतेहवीर सिंह गिर गया था और 100 घंटे से अधिक वक्त बीत जाने के बावजूद उसे बाहर निकालने में सफलता नहीं मिलने पर लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 

एक बचावकर्मी ने कहा कि बच्चे को बचाने के लिये खोदे गए समानांतर बोरवेल की गहराई जिस बोरवेल में वह फंसा है उसकी सतह से अधिक है और इससे गैरजरूरी विलंब हो रहा है। जिला उपायुक्त घनश्याम ठोरी ने कहा कि एक अत्याधुनिक, हाई डेंसिटी वाला ड्रिलिंग उपकरण काम में लगाया गया है ताकि ठीक-ठीक दिशा और दूरी का सेंसर के जरिये पता लगाया जा सके। 

ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और कुछ समय के लिये सुनाम-मानसा मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। ग्रामीणों ने चार दिन बीत जाने के बावजूद बच्चे को बाहर नहीं निकाल पाने के लिये जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। फतेहवीर अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। वह सोमवार को दो साल का हुआ था। वह गुरुवार को खेलते हुये वहां पहुंचा और बोरवेल में गिर गया। बच्चा 125 फुट की गहराई में फंसा है। 

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि वह लगातार बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला और ठोरी अभियान को देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके परिवार के साथ हैं और उनकी खैरियत के लिये प्रार्थना करते हैं।’’ ठोरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बच्चे को एयरलिफ्ट करने के लिये हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की है। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को खाना-पीना तो नहीं दिया जा सका है लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। 

बचाव अभियान में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम, पुलिस, नागरिक प्रशासन, ग्रामीण और स्वयं सेवी लोग शामिल हैं। ये लोग तपती गर्मी की परवाह किए बगैर पूरी मेहनत से बचाव अभियान चला रहे है। गुस्साए ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन में विशेषज्ञों का अभाव है और उनके पास ऐसी आपात स्थिति से निपटने के लिये जरूरी प्रौद्योगिकी नहीं है। ग्रामीणों के गुस्से को भांपते हुए फतेहवीर सिंह के दादा ने लोगों से धैर्य और संयम बरतने की अपील की। 

राज्य सरकार में मंत्री गुरप्रीत कांगड़ा ने बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने में राज्य सरकार की तरफ से किसी भी लापरवाही से इंकार किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है। ठोरी ने कहा कि यह एनडीआरएफ का सबसे कठिन अभियान है। अकाली दल के नेता परमिंदर सिंह ढींढसा, लोक इंसाफ पार्टी नेता सिमरजीत सिंह बैंस और आप नेता हरपाल चीमा समेत कई विपक्षी नेता घटनास्थल पर पहुंचे और बच्चे को निकालने में विलंब के लिये राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सिख धार्मिक प्रवचनकर्ता बलजीत सिंह दादूवाल भी वहां गए। 

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