Friday, April 26, 2024
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साफ हवा के लिए संघर्ष कर रहे उत्तरी राज्य, अधिकारी उल्लंघन करने वालों पर नकेल कसने को तैयार

जहरीली होती हवा से लड़ने के लिए अधिकारियों की तरफ से उठाए जा रहे कदमों के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय राजधानी में नीचे आया है और इसलिए सम-विषम योजना को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: November 18, 2019 23:53 IST
Pollution- India TV Hindi
Image Source : PTI The sun is vaguely seen behind the Signature Bridge amid heavy smog, in New Delhi.

नई दिल्ली। देश के उत्तरी राज्यों के लोग जहां पिछले 22 दिनों से स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे हैं वहीं केंद्रीय अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रदूषण रोकथाम संबंधी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सोमवार को नकेल कसनी शुरू कर दी।

पर्यावरण मंत्रालय और प्रदूषण निगरानी संस्था सीपीसीबी ने अवैध निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक प्रदूषण के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की वहीं उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ईपीसीए ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों से प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों पर रोक लगाने के लिए निगरानी बढ़ाने को कहा।

जहरीली होती हवा से लड़ने के लिए अधिकारियों की तरफ से उठाए जा रहे कदमों के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय राजधानी में नीचे आया है और इसलिए सम-विषम योजना को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।

पिछले महीने दिवाली के बाद से ही दिल्ली स्वच्छ हवा के लिए तरस रही है। शहर की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई थी जब कुछ लोगों ने बहुत ही ढिठाई से पटाखे फोड़ने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा तय दो घंटे की समय-सीमा का उल्लंघन किया था।

पर्यावरण मंत्रालय के सचिव सी के मिश्रा की अगुवाई में सोमवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया कि मंत्रालय और सीपीसीबी दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता पर करीब से नजर रखेगी और उल्लंघन करने वाले संगठनों एवं व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस बैठक से तीन दिन पहले कई सांसदों और पर्यावरण मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी संसद की स्थायी समिति की बैठक में शामिल नहीं हुए जो राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी। हवा में प्रदूषक तत्वों के स्तर को घटाने के लिए सोमवार की बैठक में कई उपायों पर चर्चा हुई जिनमें दिल्ली-एनसीआर के धूल-धक्कड़ वाले इलाकों को अगले साल अगस्त तक हरित क्षेत्र में बदलने या पक्का करने, प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने की समीक्षा करने जैसे उपाय शामिल थे।

राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण दिवाली के बाद से इतनी गंभीर स्थिति में पहुंच गया था कि पर्यावरणीय प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर में जन स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया था और लोगों खास कर बच्चों एवं बुजुर्गों को घरों से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी थी। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों को सोमवार को लिखे गए पत्र में ईपीसीए के प्रमुख भूरे लाल ने कहा कि हॉट मिक्स संयंत्र, रेडी मिक्स संयंत्र और पत्थर तोड़ने वाले संयंत्र दिल्ली-एनसीआर में आगे भी बंद रहेंगे।

शीर्ष अदालत ने चार नवंबर को क्षेत्र में अगले नोटिस तक निर्माण एवं इमारतें गिराने की गतिविधि पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही ईपीसीए प्रमुख ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने चौकन्ना किया है कि अगले कुछ दिनों- मंगलवार से बृहस्पतिवार तक-हवा की गति कम हो जाएगी और वेंटिलेशन बहुत कम होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में, प्रदूषक तत्वों का बिखराव नहीं होगा और ऐसी आशंका है कि वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ या यहां तक कि ‘गंभीर’ श्रेणी में भी पहुंच सकती है।

केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच प्रदूषण के मुद्दे पर तनातनी चल रही है । एक ओर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर केजरीवाल पर मुद्दे के राजनीतिकरण का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में गंभीर बढ़ोतरी और बार-बार छा रही धुंध के लिए पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सोमवार में मामूली सुधार हुआ था लेकिन वह लगातार दूसरे दिन “खराब” श्रेणी में बनी रही। सोमवार सुबह नौ बजे, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 207 रहा जबकि रविवार को इसी वक्त यह 254 था। 201 से 300 के बीच का एक्यूआई ‘‘खराब”, 301-400 “बहुत खराब” और 401 से 500 के बीच का एक्यूआई “गंभीर” माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से चली तेज हवाओं ने दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में प्रदूषकों के बिखराव में मदद की।

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