Saturday, April 20, 2024
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कोरोना को लेकर राज्यसभा में चिंता, संसद सत्र जल्द स्थगित किए जाने की हुई मांग

विश्व के कई देशों में कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट के गहराने का मुद्दा सोमवार को राज्यसभा में उठा और एक सदस्य ने सुझाव दिया कि स्थिति को देखते हुए संसद का मौजूदा सत्र जल्दी स्थगित कर दिया जाना चाहिए।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 16, 2020 14:24 IST
Leaders at Rajya Sabha during the ongoing budget session of Parliament in New Delhi- India TV Hindi
Image Source : PTI Leaders at Rajya Sabha during the ongoing budget session of Parliament in New Delhi

नयी दिल्ली: विश्व के कई देशों में कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट के गहराने का मुद्दा सोमवार को राज्यसभा में उठा और एक सदस्य ने सुझाव दिया कि स्थिति को देखते हुए संसद का मौजूदा सत्र जल्दी स्थगित कर दिया जाना चाहिए। एक अन्य सदस्य ने मांग की कि ऐसी स्थिति में टिकटें रद्द कराने पर लगने वाला शुल्क नहीं लेने के लिए विमानन कंपनियों और रेलवे को निर्देश दिया जाना चाहिए। अन्नाद्रमुक सदस्य एस आर बालासुब्रमण्यम ने कोरोना वायरस के कारण स्कूल-कालेजों के बंद होने और विभिन्न आयोजनों के टलने या स्थगित होने का जिक्र किया। उन्होंने इसी क्रम में सुझाव दिया कि संसद के मौजूदा सत्र को भी जल्दी स्थगित कर दिया जाना चाहिए। 

माकपा सदस्य इलामारम करीम ने शून्यकाल में कोरोना वायरस का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी यात्राएं स्थगित कर दी हैं और टिकट रद्द कराए हैं। करीम ने सरकार से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और कहा कि स्थिति को देखते हुए विमानन कंपनियों और रेलवे को टिकट निरस्तीकरण शुल्क नहीं लेने का निर्देश दिया जाना चाहिए। इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह एक सुझाव है और इस पर विचार किया जाना चाहिए। शून्यकाल में ही तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, बीजद के सस्मित पात्रा और भाजपा के विकास महात्मे, सपा के रामगोपाल यादव ने भी कोरोना वायरस से जुड़े अलग अलग मुद्दे उठाए। सदस्यों ने चिकेन खाने से कोरोना वायरस फैलने जैसी अफवाहों का भी जिक्र किया। 

सभापति नायडू ने कहा कि सरकार को इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए। भाजपा सदस्य सरोज पांडे ने विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की मांग की वहीं राजद के मनोज कुमार झा ने मनरेगा की मजदूरी में संशोधन कर इसे सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार 600 रुपये प्रति दिन करने की मांग की। कांग्रेस सदस्य मोतीलाल वोरा ने पूर्वोत्तर सहित विभिन्न राज्यों में वनों के घटने पर चिंता जतायी। उन्होंने मांग की कि केंद्र को राज्यों के साथ विचार विमर्श कर सुनिश्चित करना चाहिए कि वन क्षेत्र कम से कम 33 प्रतिशत हों। शून्यकाल में ही भाजपा के केजे अल्फोंस, वाई एस चौधरी और राकेश सिन्हा, अन्नाद्रमुक के आर वैद्यलिंगम और ए के सेल्वाराज, बीजद के प्रशांत नंदा सहित कई अन्य सदस्यों ने भी लोक महत्व से जुड़े अपने अपने विषय उठाए।

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