Friday, April 19, 2024
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आज संसद में पेश होगा NMC बिल, एम्स समेत दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स आज हड़ताल पर, जानिए क्‍यों हो रहा है विरोध

आज ईश्वर करे कि आप बीमार न पड़ें, क्योंकि आज एम्स समेत पूरी दिल्ली के बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। डॉक्टर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल का विरोध कर रहे हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 01, 2019 9:04 IST
Doctors on Strike - India TV Hindi
Image Source : PTI Doctors on Strike 

आज ईश्‍वर करे कि आप बीमार न पड़ें, क्‍योंकि आज एम्‍स स‍मेत पूरी दिल्‍ली के बड़े अस्‍पतालों के रेजिडेंट डॉक्‍टर्स हड़ताल पर हैं। डॉक्‍टर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल का विरोध कर रहे हैं। यह बिल लोकसभा में पास होने के बाद आज राज्‍य सभा में पेश होना है। जिसके विरोध में अब राजधानी दिल्ली के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने इसके खिलाफ हड़ताल का ऐलान किया है। गुरुवार सुबह आठ बजे से इन डॉक्टर्स की स्ट्राइक शुरू हो गई है। हड़ताल की वजह से गुरुवार को दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। आरएमएल हॉस्पिटल ने एक बयान जारी कर कहा है कि गुरुवार से रूटीन ऑपरेशन अगले आदेश तक निलंबित रहेंगे। बता दें कि बुधवार को देश भर के 3 लाख से अधिक डॉक्‍टर्स इस बिल को लेकर हड़ताल पर थे। जिसके चलते देश भर में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रही। 

संसद की ओर कूच करेंगे डॉक्‍टर्स 

दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के डॉक्टरों ने गुरुवार को संसद चलो का आह्वान किया है। AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टरों ने संस्थान के सभी डॉक्टरों से NMC बिल के विरोध में गुरुवार को एम्स से लेकर संसद तक विरोध मार्च में शामिल होने की अपील की है। डॉक्टरों की मांग है कि बिल को जिस तरह लोकसभा में पास किया गया है, उसी तरह राज्यसभा में पेश ना किया जाए। इसमें डॉक्टरों की मांग के अनुसार संशोधन करके इसे राज्यसभा में पेश किया जाए। ऐसा नहीं होता है तो गुरुवार से सभी अस्पतालों में हड़ताल की जाएगी। 

AIIMS

AIIMS

क्‍यों हो रहा है विरोध 

केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बिल का आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) पुरजोर विरोध कर रही है। आईएमए ने कहा है कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल-2019 के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। आईएमए का कहना है कि इस बिल से मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा महंगी हो जाएगी। इस बिल में कहा गया है कि मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन 50 फीसदी से अधिक सीटों को ज्यादा दर पर बेच पाएंगे। इसके अलावा, इस बिल में मौजूद धारा-32 के तहत प्रावधान है कि करीब 3.5 लाख गैर-चिकित्सा शिक्षा प्राप्त लोगों को लाइसेंस मिलेगा। यानी नीम-हकीमी को बढ़ावा मिलेगा, इससे लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी। आईएमए ने कहा कि बिल में कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर शब्द को सही से परिभाषित नहीं किया गया है। इसके अनुसार, अब नर्स, फार्मासिस्ट और पैरामेडिक्स आधुनिक दवाइयों के साथ प्रैक्टिस कर सकेंगे। जबकि, वे इसके लिए प्रशिक्षित नहीं होते हैं।

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