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जैन मुनि तरुण सागर ने जब आप की अदालत में कहा था- 'हर तीसरा भारतीय नागरिक भ्रष्ट है'

यह पूछे जाने पर कि क्या वह राजनीति में आने का इरादा रखते हैं, उन्होंने इससे साफ इनकार करते हुए कहा, ‘सियासत से मेरा कोई लेना देना नहीं है। मैं दिगम्बर मुनि हूं, उनकी बहुत ऊंची स्थिति होती है।

Reported by: India TV News Desk
Updated : September 01, 2018 12:13 IST
Jain Muni Tarun Sagar in Aap Ki Adalat, Tarun Sagar dies- India TV Hindi
'Every third Indian is corrupt': What all Jain Muni Tarun Sagar said in Aap Ki Adalat a year ago

नई दिल्ली: जैन संत मुनि तरुण सागर जी महाराज का शनिवार को दिल्ली में निधन हो गया। अपने बेबाक अंदाज के लिए जानें जाने वाले तरुण सागर पीलिया की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे। जब काफी इलाज के बाद उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नही हुआ तो डॉक्टरों के हाथ खड़े कर दिए जिसके बाद अपने अनुयायियों के साथ वो कृष्णा नगर (दिल्ली) स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल चले गए थे। जहां रात करीब 3 बजकर 11 मिनट पर उन्होनें आखिरी सांस ली। 

18 मार्च 2017 को जैन मुनि ने टीवी शो ‘आप की अदालत’ में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि ‘हर तीसरा भारतीय नागरिक भ्रष्ट है, और सिर्फ 10 फीसदी लोग पूरी तरह से ईमानदार हैं।’ उन्होंने कहा कि बाकी के 50-60 फीसदी लोग भ्रष्टाचार के कगार पर हैं। 

सियासत से मेरा कोई लेना देना नहीं

यह पूछे जाने पर कि क्या वह राजनीति में आने का इरादा रखते हैं, उन्होंने इससे साफ इनकार करते हुए कहा, ‘सियासत से मेरा कोई लेना देना नहीं है। मैं दिगम्बर मुनि हूं, उनकी बहुत ऊंची स्थिति होती है। राजनीतिक विषयों पर कमेंट हमें करना चाहिए। संत समाज का गुरू होता है, पूरे समाज का दायित्व उसपर होता है। समाज में गलत को गलत बोलना कोई गुनाह नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं राजनीति में आके क्या करूंगा? मान लीजिए मैं प्रधानमंत्री भी बन जाता। मैं वह बन गया हूं कि प्रधानमंत्री भी आकर नमस्कार करेगा, प्रणाम करेगा। जो जनता द्वारा दी गई कुर्सी को स्वीकार करता है, वो राष्ट्रपति होता है। पर जो उस कुर्सी को भी ठुकरा दे, वो राष्ट्रपिता होता है।’

​इस्लामिक शरीयत में ‘ट्रिपल तलाक’ के प्रावधान की जैन मुनि ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इससे महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि ये महिलाओं के साथ अत्याचार है, ज़ुल्म है। उस दिन व्हाट्सऐप से विदेश में बैठे व्यक्ति ने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। यह कोई बात हुई। यह कैसी परम्परा है?’ 

संथारा मृत्यु को महोत्सव मनाने की कला

यह पूछे जाने पर कि वह क्यों जैन धर्म में ‘संथारा’ की परंपरा का विरोध नहीं करते, जैन मुनि ने कहा, ‘सती और संथारा परम्पराओं में फर्क समझना जरूरी है। सती प्रथा में राग है, कि अगले जन्म में मैं उनके साथ रहूंगी, जो इनकी गति हुई, वही गति मेरी भी हो, और संथारा विराग का रास्ता है। राग और द्वेष में फर्क समझना जरूरी है। सती प्रथा में राग है, संसार है, और संथारा में विराग है, विरक्ति है, और जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति की भावना है।’ उन्होंने कहा, ‘संथारा की प्रक्रिया चन्द घंटों की नहीं है। बारह साल की लम्बी प्रक्रिया है। अगर मैं युवा हूं, संथारा ले लूं, इसके लिए धर्म अनुमति नहीं देगा। लेकिन यदि कोई एक निश्चित आयु तक पहुंच जाता है, और उसे लगता है कि मृत्यु निकट है, तो वह ऐसा कर सकता है। महावीर ने कहा, जीवन को उत्सव कैसे बनाएं ये जानना है तो गीता के पास जाएं, और मृत्यु को महोत्सव कैसे बनाएं, ये सीखना है तो महावीर के पास आइए। संथारा मृत्यु को महोत्सव मनाने की कला है।’

पीएम मोदी के नोटबंदी की प्रशंसा

जैन मुनि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के कदम की प्रशंसा की। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने क्यों नोटबंदी विरोध किया, मुनि तरुण सागर का जवाब था, 'राहुल जो कुछ बोलते हैं, पार्टी के हिसाब से बोलते हैं, अपने लिए, अपने मन का नहीं बोलते हैं। जो पार्टी का मंतव्य होता है, पार्टी के हित में होता है, वो बोलते हैं। मोदीजी से मेरा कोई लेना देना नहीं है। ना मुझे उनसे कुछ चाहिए, न मुझे उनसे कोई अपेक्षा है। मेरे लिए सब हैं। सियासत से मेरा कोई लेना देना नहीं है। 'देश में कितना काला धन है, आप कल्पना नहीं कर सकते। करीब 10 लाख ज्योतिषी देश में हैं पर किसी ने भी नहीं बताया कि 1000, 500 के नोट बन्द होने वाले हैं जबकि इस देश का ऋषि मुनि हमेशा से कहता आया है कि नोट सिर्फ रंग-बिरंगे टुकड़े हैं। पर किसी को समझ में नहीं आई। 8 नवम्बर रात्रि 8 बजे मोदीजी ने एक झटके में समझा दिया कि ये कागज के टुकड़े हैं।'  

राष्ट्रविरोधी नारे लगानेवालों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता

जैन मुनि ने जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी के उन छात्र नेताओं को भी निशाने पर लिया जिनके बारे में उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रविरोधी नारे लगाते हैं। 'जेएनयू में जो छात्र राष्ट्रविरोधी नारे लगाते हैं, उनको बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। कुछ लोग उनका समर्थन भी करते हैं। मुझे लगता है ये देश के लिए शुभ संकेत नहीं है, इसका सख्त रूप से विरोध होना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए सजा का प्रावधान होना चाहिए।'

धर्म पति है और राजनीति पत्नी

हरियाणा विधानसभा में अपने विवादास्पद बयान पर उन्होंने कहा, 'जो बात मैंने कही, मीडिया ने उसे अलग अंदाज में लिया। मेरे कहने का मतलब ये था कि राजनीति और धर्म का आपस में क्या संबंध है। मैंने कहा था, धर्म पति है और राजनीति पत्नी है। इन दोनों के संबंध में कह रहा था। मेरा अभिप्राय नहीं था कि नारी को हल्का दिखाऊं।' 

नारी हर हाल में भारी, पुरुष सदा उसका आभारी

हालांकि लैंगिक समानता के मुद्दे पर जैन मुनि तरुण सागर ने कहा, 'ये मैं नहीं कह रहा हूं। ये प्रकृति कहती है। मैं नारी शक्ति को कमजोर मानता हूं ऐसा नहीं है। नारी, हर हाल में भारी, पुरुष सदा उसका आभारी। नारी अपनी जगह महत्वपूर्ण है, पर कुदरत की जो व्यवस्था है, उसको मानना हो, न मानना हो, मानना चाहिए।'

जब रजत शर्मा ने पूछा कि अगर ऐसा है तो फिर जैन धर्म में क्यों नहीं महिलाओं को दिगंबर मुनि बनने की इजाजत दी जाती है, मुनि तरुण सागर ने कहा, 'देखिए ये व्यवस्था है, जैन शास्त्र में स्त्री के लिए जो पद है उसमें यही कहा कि वो वस्त्र में रहें, निर्वस्त्र के लिए आज्ञा नहीं है। ये केवल जैन धर्म में नहीं, सभी धर्मों में हैं, जो नगा साधु हैं, उनमें भी यही नियम है।'

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