Monday, April 29, 2024
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‘कोविड-19 का डर कम होने पर दूसरा प्रोत्साहन पैकेज जारी कर सकती है सरकार’

केंद्रीय व्यय सचिव टी.वी. सोमनाथन ने कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से बैंक खातों में जितनी राशि भेजी, देखने में आया कि उसमें से करीब 40 प्रतिशत का व्यय नहीं किया गया, बल्कि उसे बचाकर रख लिया गया। 

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: August 25, 2020 18:54 IST
Government may release another stimulus package after corona affects decreases । ‘कोविड-19 का डर कम - India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE) ‘कोविड-19 का डर कम होने पर दूसरा प्रोत्साहन पैकेज जारी कर सकती है सरकार’

मुंबई. कोविड-19 संक्रमण हल्का पड़ने और लोगों में इसका डर कम समाप्त होने पर सरकार दूसरा वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज जारी कर सकती है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही। केंद्रीय व्यय सचिव टी.वी. सोमनाथन ने कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से बैंक खातों में जितनी राशि भेजी, देखने में आया कि उसमें से करीब 40 प्रतिशत का व्यय नहीं किया गया, बल्कि उसे बचाकर रख लिया गया। इससे यह लगता है कि प्रोत्साही कदमों की अपनी सीमाएं हैं और कई बार इसके लिए समय का चुनाव बहुत महत्वपूण हो जाता है।

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डुन एंड ब्रैडस्ट्रीट इंडिया के एक कार्यक्रम में सोमनाथन ने कहा कि मौजूदा वक्त में सामान्य आर्थिेक गतिविधियां ‘ठहर’ गयी हैं। इसका सरकार ने क्या किया या नहीं किया से कोई लेना देना नहीं है, बल्कि इसका लेना देना लोगों के बीच कोरोना वायरस के डर से है। सोमनाथन ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य हालत ‘बहुत नाजुक’ बने हैं। वित्तीय और बीमा क्षेत्र के अलावा सिनेमाघर, मॉल और रेस्तरां जैसी निजी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह ऐसे क्षेत्र हैं जहां सरकार के वित्तीय प्रोत्साहन लोगों को दोबारा इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए बाध्य कर सकें। अर्थव्यवस्था में सुधार लोगों के बीच से कोविड-19 का मनौवैज्ञानिक डर समाप्त होने के बाद ही संभव होगा।’’

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सोमनाथन ने कहा कि जब लोगों के बीच स्वास्थ्य चिंता कम होगी तब सरकार वित्तीय प्रोत्साहन देकर अर्थव्यवस्था में मदद कर सकती है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्तीय प्रोत्साहन के पहले दौर की घोषणा मार्च के अंत में की। इसमें देश के सकल घरेलू उत्पाद का करीब दो प्रतिशत अतिरिक्त व्यय वाले कदम भी उठाए गए। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी सभी को चौंकाते हुए नीतिगत दरों में दो बार बड़ी कटौती की और इस महीने इस कटौती पर रोक भी लगा दी। इसके चलते विशेषज्ञों के एक धड़े के बीच यह धारणा बन रही है कि सरकार को अब ज्यादा व्यय करना होगा।

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