Wednesday, April 24, 2024
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असम के NRC कोऑर्डिनेटर ने कहा, 'मैं अर्जुन के जैसा हूं, पार्टियों के दबाव से प्रभावित नहीं होता'

प्रतीक हजेला ने कहा, मैं दबाव की परवाह नहीं करता। यह महाभारत के अर्जुन वाली बात है जिसे केवल मछली की आंख दिखती थी।

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: August 06, 2018 18:08 IST
Prateek Hajela, Assam NRC coordinator- India TV Hindi
Prateek Hajela, Assam NRC coordinator

गुवाहाटी: असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) समन्वयक प्रतीक हजेला ने ऐतिहासिक दस्तावेज के संबंध में राजनीतिक दबाव से निपटने को लेकर आज अपनी तुलना महाभारत के अर्जुन से की जिसे केवल सुनहरी मछली की आंख दिखती थी। उन्होंने पीटीआई को दिए एक खास साक्षात्कार में कहा कि वह उच्चतम न्यायालय की सीधी निगरानी में दढ़ता के साथ अपने ‘‘संवैधानिक कर्तव्य’’ का निर्वहन कर रहे हैं और उन्हें ‘‘किसी भी दूसरी ताकत’’ के दबाव की परवाह नहीं है।

हजेला ने कहा, ‘‘मैं दबाव की परवाह नहीं करता। यह महाभारत के अर्जुन वाली बात है जिसे केवल मछली की आंख दिखती थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहा हूं और ऐसा उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत कर रहा हूं। जब इस बात को लेकर दृढ़ हूं कि मैं अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन कर रहा हूं तो किसी भी ताकत की तरफ से हस्तक्षेप का मुझपर कोई असर नहीं पड़ता।’’

हजेला ने इस सवाल को लेकर कोई सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने एनआरसी में शामिल करने के लिए 2014 तक राज्य की मतदाता सूची में दर्ज सभी नामों पर विचार करने को लेकर उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दायर करने के बाद उनपर कोई दबाव डाला था। उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि सरकार ने शपथपत्र दायर किया हो लेकिन मैं उच्चतम न्यायालयों के आदेशों के तहत काम कर रहा था। मैं अपनी बात कहूं तो मैं कहीं से भी पड़ने वाले दबाव की परवाह नहीं करता।’’

वरिष्ठ नौकरशाह ने असम की मौजूदा भाजपा सरकार द्वारा उनपर डाले गए कथित दबाव की बात भी खारिज कर दी और इसे ‘‘अटकलें’’ बताया। उन्होंने दोहराया कि यह सब अटकलें हैं। हजेला ने कहा, ‘‘मैं बस अपने काम पर ध्यान देता हूं। जब मैं एक संवैधानिक कर्तव्य पूरा कर रहा हूं, मेरा पूरा ध्यान बस उसपर ही है।’’ हालांकि हजेला ने कहा कि उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से विचार विमर्श किया था और तंत्र की बेहतरी के लिए उनकी आलोचना पर ध्यान दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं राजनीतिक संगठनों सहित सभी हितधारकों के संपर्क में हूं। मैं उनसे बातचीत करता रहा हूं और उनकी प्रतिक्रिया जानता रहा हूं तथा यह सुनिश्चित करता रहा हूं कि गलत आशंकाएं दूर कर दी जाएं।’’ हजेला ने कहा कि एनआरसी अधिकारी आलोचना को तंत्र को सुधारने के नजरिए के तौर पर देखते हैं।

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