Thursday, April 25, 2024
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पहले पैसे दो उसके बाद अंतिम संस्कार करना, प्राइवेट अस्पताल की शर्मनाक हरकत

मुंबई के निजी अस्पताल में कोविड मरीज की मौत होने के बाद कैसे लाश को पहले बिल फिर अंतिम संस्कार कहकर रोक रहे है, इसकी दर्दनाक घटनाएं सामने आ रही है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 18, 2020 18:04 IST
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Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE पहले पैसे दो उसके बाद अंतिम संस्कार करना, प्राइवेट अस्पताल की शर्मनाक हरकत

मुंबई: मुंबई के निजी अस्पताल में कोविड मरीज की मौत होने के बाद कैसे लाश को पहले बिल फिर अंतिम संस्कार कहकर रोक रहे है, इसकी दर्दनाक घटनाएं सामने आ रही है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने इन अस्पतालों को कार्रवाई करने की चेतावनी दे दी है। 54 वर्षीय कोविड पॉजिटिव संजय हीरे की मौत 29 जून को विक्रोली के गोदरेज अस्पताल में हुई, परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में दाखिल होने से लेकर इलाज के वक्त तक 2 लाख 75 हजार रुपये बिल के जमा कर दिए। 29 को उनका निधन हुआ था तबसे लेकर 30 जून तक उनका शव अस्पताल में ही रहा। कारण यह था कि अस्पताल ने शेष बिल 2 लाख 3 हजार परिवार से मांगा लेकिन परिवार इस मुश्किल घड़ी में कैसे पैसे जुटाता। शव के लिए लड़ते परिवार से अस्पताल ने आखिरकार लिखकर लिया कि बाकी बिल एक महीने के भीतर जमा करेंग तब संजय हीरे का शव अस्पताल से अंतिम संस्कार के लिए पहुंच पाया।

वहीं, दूसरी घटना मुलुंड के प्लैटिनम अस्पताल की है जहां 57 वर्षीय एडवोकेट उदय वाघमारे की कोविड के इलाज के दौरान 15 जुलाई को मौत हुई। अस्पताल का बिल 9 लाख 95 हजार तक पहुंच गया। जब उनका शव अंतिम संस्कार के लिए जाना था, परिवार के सदस्यों ने करीब 6 लाख रुपये जमा कर दिए थे शेष बिल बाकी था उसके लिए 8 से 9 घंटो तक उनका शव भी रहने दिया। बाद में इस परिवार से भी लिखवाया गया कि 30 दिनों में बाकी रकम भर देंगे, तब जाकर उन्हें शव सौंपा गया।

कोविड मरीज का शव सीधे परिवार को सौंपा, न इसमें कोविड मरीज का कोई प्रोटोकॉल देखा गया न उस प्रोटोकॉल के तहत शव का अंतिम संस्कार किया गया। परिवार ने खुद ही शव वाहिनी लाई और शव ले जाकर अंतिम संस्कार भी खुद ही किया। यह एक या दो घटनाएं नही है, बल्कि मुंबई में पिछले 15 दिनों में 5 से 6 घटनाएं इसी तरह उजागर हुई है। बिल के लिए शव को रोककर रखा गया जिसकी शिकायत बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मुंबई पुलिस कमिश्नर और बीएमसी कमिश्नर को भी की है।

इन घटनाओं को देख महाराष्ट्र सरकार ने आनन फानन में कह दिया है कि हम इस तरह की किसी भी घटना को बर्दाश्त नही करेंगे। निजी अस्पतालों में बीएमसी का ऑडिटर होता है, उसके पास से बिलो का ऑडिट किया या नही उसकी जांच करेंगे, नहीं हुआ है और बिलों में गड़बड़ी हुई है तो अस्पताल पर भी सख्त कार्रवाई करेंगे। निजी अस्पतालों के लिए बिलों के लिए गाइडलाइन बीएमसी और राज्य सरकार ने दी है बावजूद इसके अब बिल बढाकर दिए जा रहे है, जिसकी गहरी जांच होना जरूरी है।

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