Friday, April 26, 2024
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कृषि मंत्री तोमर ने किसान आंदोलन को लेकर किसान संगठनों से की ये अपील, मंडियों को लेकर कही ये बात

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के प्रावधानों के खिलाफ प्रदर्शन समाप्त करने और सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की गुरुवार को अपील की, लेकिन उन्होंने इन कानूनों को रद्द करने से इनकार कर दिया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 08, 2021 21:18 IST
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर- India TV Hindi
Image Source : @NSTOMAR केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के प्रावधानों के खिलाफ प्रदर्शन समाप्त करने और सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की गुरुवार को अपील की, लेकिन उन्होंने इन कानूनों को रद्द करने से इनकार कर दिया। मंत्री ने कहा कि कृषि उपज मंडी समितियां (एपीएमसी) और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद प्रणाली बनी रहेगी तथा इसे और मजबूत किया जाएगा। तोमर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब किसान संगठनों ने संसद के मानसून सत्र के दौरान अपना विरोध तेज करने का फैसला किया है। 

तोमर ने कैबिनेट की बैठक के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘मैं आपके माध्यम से किसान संगठनों से इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और विरोध प्रदर्शन समाप्त करने की अपील करना चाहता हूं। उन्हें बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए और सरकार वार्ता के लिए तैयार है।’’ तोमर ने कहा, ‘‘ऐसी आशंका थी कि एमएसपी को खत्म कर दिया जाएगा। हालांकि, जब से किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है, तब से खाद्यान्न के साथ-साथ दलहन और तिलहन की खरीद बढ़ गई है।’’ 

'सरकार कानूनों को निरस्त करने के बजाय अन्य प्रस्तावों पर चर्चा के लिए तैयार है'

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें समृद्ध बनाना है। तोमर ने कहा, ‘‘कृषि कानून इस दिशा में एक बड़ा कदम थे। मेरा मानना है कि किसान संगठनों को समय रहते उनके लाभों को समझना चाहिए। पूरा देश इन कानूनों के लाभ को समझ रहा है।’’ मंत्री ने कहा कि उन्होंने विरोध कर रहे किसान संगठनों से कई बार कहा है कि सरकार कानूनों को निरस्त करने के बजाय अन्य प्रस्तावों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक किसानों के विरोध का सवाल है, हमने हमेशा संवेदनशीलता दिखाई है। मोदी सरकार ने किसानों का हमेशा सम्मान किया है।’’ 

एपीएमसी राज्य के कानूनों के तहत स्थापित हैं- तोमर

तोमर ने कहा कि एपीएमसी पर कैबिनेट के आज के फैसले के बाद किसान संगठनों को यह भरोसा करना चाहिए कि एपीएमसी खत्म नहीं होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘कानूनों में (एपीएमसी को समाप्त करने के लिए) ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। एपीएमसी राज्य के कानूनों के तहत स्थापित हैं।’’ कैबिनेट की बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को मंडी के जरिए 1 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ''किसान आंदोलन से जुड़े मित्रों से कहना चाहता हूं कि आम तौर पर यह कहा जाता है कि नए कानून आए हैं उससे एपीएमसी खत्म हो जाएगा, आप सबके ध्यान में है कि भारत सरकार ने जो कुछ भी समय समय पर कहा है वो करने का प्रयास किया है।

एपीएमसी खत्म नहीं होगी- तोमर

तोमर ने कहा कि बजट में कहा गया था कि मंडियां समाप्त नहीं होगी। मंडियों को और मजबूत किया जाएगा, जो कृषि अवसंरचना फंड एक लाख करोड़ आवंटित किया गया है। इसमें से फंड का इस्तेमाल एपीएमसी कर सकती हैं। कैबिनेट के फैसले के अनुसार एपीएमसी भी अब पात्र होंगी, संसाधन बढ़ा सकती है।'' बता दें कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग एक्ट (APMC एक्ट) के तहत कृषि विपणन समितियां बनी है। नरेंद्र तोमर ने कहा, ''एपीएमसी खत्म नहीं होगी, कृषि कानून लागू होने के बाद भी कृषि उपज मंडी को करोड़ों रुपये का साधन भारत सरकार की ओर से इस अवसंरचना फंड में से उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वो सशक्त होंगी।'

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