Thursday, March 28, 2024
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‘सांप्रदायिक सौहार्द’ के लिये एनआईए ने मालेगांव मामले की बंद कमरे में सुनवाई की मांग की

मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने यहां एक विशेष अदालत से 2008 के मालेगांव बम धमाके मामले में बंद कमरे में सुनवाई की मांग करते हुए दावा किया कि कार्यवाही को “अनावश्यक प्रचार” से “सांप्रदायिक सौहार्द” को नुकसान हो सकता है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: August 02, 2019 18:10 IST
Malegaon- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA ‘सांप्रदायिक सौहार्द’ के लिये एनआईए ने मालेगांव मामले की बंद कमरे में सुनवाई की मांग की

मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने यहां एक विशेष अदालत से 2008 के मालेगांव बम धमाके मामले में बंद कमरे में सुनवाई की मांग करते हुए दावा किया कि कार्यवाही को “अनावश्यक प्रचार” से “सांप्रदायिक सौहार्द” को नुकसान हो सकता है।

एनआईए ने यहां विशेष अदालत के न्यायाधीश वी एस पदलकर की अदालत में गुरुवार को याचिका दायर की। एजेंसी ने याचिका में कहा कि आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने “मुस्लिम जिहादी गतिविधियों” का बदला लेने और “दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने” के लिये यह अपराध किया।

एनआईए के मुताबिक मालेगांव को इसलिये चुना गया क्योंकि यह मुस्लिम बहुल इलाका है। एजेंसी ने कहा कि मामले के एक आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की याचिका पर सुनवाई के दौरान बंबई उच्च न्यायालय ने यह पूछा था कि क्या उसने (एनआईए) विशेष अदालत से सुरक्षा और गवाहों के संरक्षण के मद्देनजर बंद कमरे में सुनवाई के लिये कहा था।

पुरोहित ने गवाहों के बयानों की पूर्ण प्रति की मांग की थी। उसने कहा कि यह मामला सांप्रदायिक सौहार्द, राष्ट्रीय सुरक्षा और लोक व्यवस्था से जुड़ा है और संवेदनशील प्रकृति का है। ऐसे में अनावश्यक प्रचार से बचने की जरूरत है क्योंकि इससे सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान हो सकता है, जो अंतत: मुकदमे की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकता है।

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