Friday, May 03, 2024
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पन्नीरसेल्वम: अंतरिम मुख्यमंत्री से लेकर वास्तविक मुख्यमंत्री बनने तक का सफर

किसान के बेटे पन्नीरसेल्वम ने तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में पूर्णकालिक कार्यभार सोमवार रात जयललिता के निधन के बाद ग्रहण किया। तमिलनाडु के बहुत से लोगों का कहना है कि 'अम्मा' के प्रति वफादारी ने उन्हें इस पद का दावेदार बनाया।

IANS IANS
Published on: December 06, 2016 22:34 IST
Panneerselvam- India TV Hindi
Panneerselvam

चेन्नई: तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम की उनके गांव में अभी भी चाय की एक दुकान है, जिसे उनके रिश्तेदार चलाते हैं। बहुत कम बोलने वाले पन्नीरसेल्वम राजनीतिक परिदृश्य में दो बार अंतरिम मुख्यमंत्री के रूप में -पहले 2001 में, जब जे. जयललिता को सर्वोच्च न्यायालय ने एक जमीन सौदे के मामले में अयोग्य करार दिया था और फिर 2014 में जब उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में जेल हुई थी- सामने आए।

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किसान के बेटे पन्नीरसेल्वम ने तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में पूर्णकालिक कार्यभार सोमवार रात जयललिता के निधन के बाद ग्रहण किया। तमिलनाडु के बहुत से लोगों का कहना है कि 'अम्मा' के प्रति वफादारी ने उन्हें इस पद का दावेदार बनाया। जयललिता को पन्नीरसेल्वम सहित उनके प्रशंसक 'अम्मा' कह कर बुलाते थे।

अन्नाद्रमुक विधायकों ने जयललिता के अस्पताल में निधन के बाद यहां सर्वसम्मति से पनीरसेल्वम का समर्थन किया। पन्नीरसेल्वम ने मंगलवार सुबह शपथ ग्रहण किया। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इस बार लगता है कि अन्नाद्रमुक ने पन्नीरसेल्वम के नाम पर समझौता कर लिया है। अन्नाद्रमुक ने मई के विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से सत्ता में वापसी की थी।

कम नहीं हैं चुनौतियां

पन्नीरसेल्वम को द्रविड़ की राजनीति की अनिश्चित दुनिया में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसमें सबसे बड़ी चुनौती अपने करिश्माई नेता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक को एकजुट रखने की होगी और दूसरे वरिष्ठ मंत्रियों को अपने साथ बनाए रखने की। बहुत सारे लोगों का मानना है कि वह जयललिता की तरह सक्षम नहीं दिखाई देते, जिन्होंने अपने तीन दशकों की राजनीति में लाखों समर्थकों को एकजुट रखा। जयललिता की छवि आम जन नेता की थी। नए मुख्यमंत्री अपनी राजनीतिक किस्मत के लिए किसी हद तक अन्नाद्रमुक के पूर्व लोकसभा सदस्य टी.टी.वी. दिनकरन के एहसानमंद हैं। दिनकरन जयललिता के विश्वासपात्र वी. के. शशिकला के भतीजे हैं।

पन्नीरसेल्वम की चाय की दुकान

पन्नीरसेल्वम दक्षिणी जिला थेनी के बोडीनायकनूर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। थेनी में उनकी चाय की एक दुकान है, जिसका नाम 'पीवी कैंटीन' है। इस दुकान को अब उनके भाई चलाते हैं, जिनकी उम्र लगभग 80 साल है, और उन्होंने इसका नाम बदल कर 'रोजी कैंटीन' रख दिया है। पन्नीरसेल्वम का जन्म थेनी के पेरियाकुलम में 1951 में हुआ था। उन्होंने राजनीति में आने से पहले खेती में भी हाथ आजमाया था। उन्हें पहली सफलता 1996 में मिली, जब उन्होंने पेरियाकुलम नगरपालिका के अध्यक्ष का चुनाव जीता।

ओपीएस के नाम से जाने जाते हैं पन्नीरसेल्वम

अन्नाद्रमुक में पन्नीरसेल्वम को लोग 'ओपीएस' के नाम से जानते हैं। वह अपने माथे पर पवित्र राख और टीका लगाते हैं। पन्नीरसेल्वम को बड़ा अवसर तब मिला, जब वह साल 2001 में पेरियाकुलम से विधानसभा में चुनकर आए। जयललिता ने उन्हें राजस्व मंत्री बनाया। पन्नीरसेल्वम तीन बच्चों के पिता हैं। सितंबर 2001 में पन्नीरसेल्वम को अंतरिम मुख्यमंत्री बनाया गया। इस पर उनकी कठपुलती मुख्यमंत्री कहकर आलोचना की गई। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर जयललिता की कुर्सी पर बैठने से इनकार कर दिया। वह 'अम्मा' के प्रति वफादार रहे, और उन्होंने सभी महत्वपूर्ण विभागों को 11 अक्टूबर, 2016 को उन्हें सौंप दिया। इसके कुछ सप्ताह बाद जयललिता अपोलो अस्पताल में भर्ती की गई।

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