Friday, April 26, 2024
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फूलन देवी बनने का सपना दिखाकर गिरोह में शामिल किया, अब पुलिस की गिरफ्त में है यह महिला डाकू

एक महिला डकैत की ऐसी कहानी जिसके बारे में आप जानकर हैरान रह जाएंगे... पुलिस की गिरफ्त आ चुकी इस महिला डाकू की कहानी पूरी तरह फिल्मी है

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 19, 2017 20:20 IST
Female Dacoits- India TV Hindi
Image Source : IANS Female Dacoits

शिवपुरी: ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से तंग आकर अपने मायके लौटी चंदा गड़रिया को उसके मौसेरे भाई डाकू चंदन गड़रिया ने दूसरी फूलन देवी बनने का सपना दिखाकर अपने गिरोह का सदस्य बनाया था। चंदा इन दिनों बीमार है और उसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। चंदन गड़रिया लगभग दो साल पहले पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। उसके बाद चंदा (22) फरार हो गई थी। बाद में पुलिस ने उसे पकड़ा। जेलर दिलीप सिंह का कहना है कि चंदा पर कई मामले विचाराधीन हैं और उसी के चलते वह जेल में है। तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस सुरक्षा के बीच उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

सोमवार को कुछ पत्रकारों ने उससे जब बात करनी चाही तो वह चादर ओढ़कर लेट गई और फोटो खिंचवाने के लिए भी तैयार नहीं हुई। इतना ही नहीं, उसने मीडिया पर भड़ास निकालते हुए कहा, "चंदन मेरा मौसेरा भाई था, पति नहीं। जबकि मीडिया ने भाई को ही पति बना दिया। पुलिस ने झूठा फंसाया और मीडिया ने भी पुलिस की बातों को सच मान लिया।" चंदा गड़रिया को पुलिस हिरासत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रविवार को जुकाम, खांसी से परेशान चंदा को पुलिसकर्मी जेल से अस्पताल लेकर आए थे और चिकित्सक डॉ. आर.एस. रावत द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

चंदा को जिस वार्ड में भर्ती किया गया, उसके बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं। डाकू चंदा कुख्यात चंदन गड़रिया गैंग की सदस्य रही है, जो पुलिस के साथ मुठभेड़ में दो साल पहले मारा गया था। उस समय चंदा भाग निकली थी, जिसे पुलिस ने बाद में बंदी बनाया और अब वह जेल में बंद है। पुलिस के मुताबिक, चंदा मूलरूप से भौती थाने के भिटोना गांव की रहने वाली है। लगभग चार साल पहले उसकी गणेशखेड़ा के वीरपाल से शादी हुई थी। उसका रिश्ता दो साल ही चला। वह अपने मायके लौट आई। इस दौरान उसकी मौसेरे भाई चंदन से मुलाकात होती रही, चंदन ने उसे दूसरी फूलन देवी बनने का सपना दिखाया। उसी आधार पर वह उसकी गैंग की सदस्य बन गई।

पुलिस रिकार्ड के अनुसार, चंदा लगभग 64 दिन चंदन के गिरोह में रही। इतने कम दिनों में ही उसकी गतिविधियां मीडिया की सुर्खियां बनती रहीं। चंदन पर 25 हजार और चंदा पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया। चंदन पुलिस मुठभेड़ में मारा गया और चंदा फरार हो गई। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अब दो साल से वह जेल में है। पुलिस की कहानी के अनुसार, चंदन ने चंदा को सब्जबाग दिखाया था कि दोनों मिलकर गैंग चलाएंगे, अपहरण कर फिरौती वसूलेंगे। पैसा जमा हो जाएगा, और चंदा फूलन देवी की तरह 'बैंडिट क्वीन' के तौर पर मशहूर हो जाएगी।

चंदा प्रकरण से जुड़े रहे पुलिसकर्मी सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) कौशलेंद्र सिंह ने आईएएनएस को बताया कि चंदा हत्या के प्रयास, अपहरण सहित कुल पांच अपराध दर्ज थे। उसे सैफई के जंगलों से 12 फरवरी, 2016 को पकड़ा गया था। वह चंदन की प्रेमिका थी, मगर अब खुद को बहन बताने लगी है। वहीं चंदा पुलिस के सारे आरोपों को खारिज करती है। उसका कहना है कि चंदन उसका मौसेरा भाई था, उसके साथ वह गिरोह में गई। पुलिस ने भाई को पति के तौर पर प्रचारित किया। इतना ही नहीं, उस पर झूठे मुकदमे दर्ज कर जेल में डाल दिया। 

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