Wednesday, April 24, 2024
Advertisement

सरकार ने कहा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन की भारत को 'सबसे खतरनाक देश' बताने वाली रिपोर्ट फर्जी

थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन की सबसे खतरनाक देश वाली रिपोर्ट पर बवाल मचने के बाद अब इसे खरिज करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा....

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: June 27, 2018 20:58 IST
WCD Ministry (Google Picture)- India TV Hindi
WCD Ministry (Google Picture)

नई दिल्ली | हाल ही में थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन ने भारत में महिलाओं के संबंध में एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें ये कहा गया था कि भारत महिला यौन हिंसा मामले में विश्व के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। इस रिपोर्ट पर बवाल मचने के बाद अब इस रिपोर्ट को खरिज करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा, रिपोर्ट कुछ अनजान लोगों की धारणा पर आधारित है तथा इसमें उन सभी पहलुओं की उपेक्षा की गई जिनमें भारत ने काफी तरक्की की है। 

थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन गलत विधि का इस्तेमाल कर इस दावे पर पहुंची

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 'थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन' की रिपोर्ट के संदर्भ में एक बयान जारी कर कहा, 'इस रिपोर्ट में भारत के सन्दर्भ में जो बात की गई है वो किसी रिपोर्ट या डेटा पर आधारित नहीं, बल्कि एक सर्वेक्षण पर आधारित है।'उसने कहा, ''फाउंडेशन गलत विधि का इस्तेमाल कर इस दावे पर पहुंची है। यह रैंकिंग छह सवालों के जवाब के मुताबिक बनी धारणा पर आधारित है।'' मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस सर्वेक्षण के नतीजे किसी तरह के डेटा से नहीं लिए गए हैं। और ये स्वाभाविक रूप से व्यक्तिपरक राय पर आधारित है।’’

​जिन 548 लोगों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया उनके पद, परिचय, देश से जुड़ी विशेषज्ञता या योग्यता की जानकारी नहीं

मंत्रालय ने कहा,‘‘सर्वेक्षण जिन 548 लोगों के साथ किया गया उनको फाउंडेशन ने ‘महिलाओं के मुद्दों से जुड़े विशेषज्ञ’ बताया है। बहरहाल, इन लोगों के पद, परिचय, देश से जुड़ी विशेषज्ञता या योग्यता के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में यह विश्वसनीयता का मुद्दा है।’’ मंत्रालय ने कहा कि सर्वेक्षण के संदर्भ में इससे कोई राय नहीं मांगी गई। उसने कहा,‘‘इस सर्वेक्षण में छह प्रश्न शामिल किए गए और यह बात सभी देशों पर निष्पक्ष ढंग से लागू नहीं हो सकती। उदाहरण के तौर पर बाल विवाह निर्धारित करने की आयुसीमा हर देश के लिए अलग-अलग है तथा सजा के तौर पर अंगभंग करना, महिलाओं का खतना, पत्थर मारने का चलन भारत में नहीं है।’’

सर्वेक्षण में भारत की रैकिंग (पहले स्थान पर) हैरान करने वाली

मंत्रालय ने कहा,‘‘सर्वेक्षण में स्वास्थ्य सेवा, भेदभाव, सांस्कृतिक परंपराओं, यौन हिंसा, गैर-यौन हिंसा तथा मानव तस्करी पर 548 लोगों की राय ली गई। इनमें से ज्यादातर क्षेत्रों में भारत बहुत सारे देशों से आगे है और पिछले वर्षों से तुलना करें तो इन क्षेत्रों में काफी सुधार भी आया है। इसलिए सर्वेक्षण में भारत की रैकिंग (पहले स्थान पर) हैरान करने वाली और पूर्णत: गलत है।’’ मंत्रालय ने भारत में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया और कहा कि सर्वेक्षण में इन सभी बिंदुओं की उपेक्षा की गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस रिपोर्ट को खारिज किया है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement