Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. ...जब महिला IAS ऑफिसर दो दशक पहले कोर्ट का आदेश लेकर गई थीं सबरीमाला

...जब महिला IAS ऑफिसर दो दशक पहले कोर्ट का आदेश लेकर गई थीं सबरीमाला

भगवान अय्यप्पा की भक्त कुमारी कानूनी आदेश के साथ सबरीमला जाने वाले पहली महिला थीं। कुमारी अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं।

Edited by: India TV News Desk
Published : September 30, 2018 16:53 IST
sabarimala temple- India TV Hindi
sabarimala temple

तिरुवनंतपुरम: सुप्रीम कोर्ट द्वारा सबरीमाला में भगवान अय्यप्पा मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने से करीब दो दशक पहले एक महिला आईएएस अधिकारी विभिन्न धमकियों की परवाह न करते हुए उच्च न्यायालय से आदेश लेकर मंदिर गई थीं। रूढ़िवादी लोगों की धमकियों और दुर्गम क्षेत्र होने के बावजूद पत्तनमतिट्टा जिले की तत्कालीन जिलाधीश के बी वलसला कुमारी 41 साल की उम्र में 1994-95 के दौरान कम से कम चार बार मंदिर गई थीं। वह उच्च न्यायालय के विशेष आदेश के साथ अपनी आधिकारिक ड्यूटी के तौर पर मंदिर गई थीं।

चूंकि तब भी 10 से 50 वर्ष की आयु वाली महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी तो केरल उच्च न्यायालय ने श्रद्धालुओं के सालाना सत्र की तैयारियों के तौर पर विभिन्न एजेंसियों की गतिविधियों से समन्वय करने के लिए कुमारी को मंदिर जाने की अनुमति दी थी।

बहरहाल, तब अदालत ने कहा था कि मंदिर का उनका दौरा तीर्थयात्रा से संबंधित नहीं होगा और यह जिलाधीश होने के नाते उनकी आधिकारिक ड्यूटी से संबंधित रहेगा। महिला अधिकारी को मंदिर के पवित्र स्थल की ओर जाने वाली सोने की 18 सीढ़ियों पर न चढ़ने के लिए भी कहा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस उम्र में सबरीमला जा सकी, उसके लिए उच्च न्यायालय के आदेश का आभार। अब उच्चतम न्यायालय ने सभी आयु वर्ष की महिलाओं के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। यह फैसला सच में अच्छा है।’’

भगवान अय्यप्पा की भक्त कुमारी कानूनी आदेश के साथ सबरीमला जाने वाले पहली महिला थीं। कुमारी अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि वह 50 साल की उम्र के बाद पवित्र सीढ़ियों पर चढ़ी थीं और उन्होंने भगवान अय्यप्पा के दर्शन किए थे। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं अदालत के आदेश के साथ सबरीमला पहुंची थी तो मुझे भगवान अय्यप्पा की मूर्ति के पास जाने और उन्हें देखने की अनुमति नहीं थी लेकिन मैंने पवित्र सीढ़ियों से कुछ दूर खड़े होकर हाथ जोड़कर प्रार्थना की थी।’’

पूर्व नौकरशाह ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जिस भी व्यक्ति का तन-मन शुद्ध है, वह मंदिर जा सकता है। सबरीमला की यात्रा के दौरान उन्हें वहां और मंदिर परिसरों में साफ-सफाई तथा कचरे की समस्या के बारे में पता चला था। सबरीमला पर्वत के कमजोर पारिस्थितिकी तंत्र को देखते हुए अधिकारी ने तब क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल शौचालय बनाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने पर्वत के नीचे बहने वाली पंबा नदी को साफ करने की पहल की थी और सबरीमला में साफ पेयजल उपलब्ध कराया था।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गत शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी हटा दी और मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी। न्यायालय ने कहा कि एक आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाने वाली सदियों पुरानी यह हिन्दू परंपरा गैरकानूनी और असंवैधानिक है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement